शोभना शर्मा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर राजस्थान विधानसभा में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियों के तहत सामूहिक योग रिहर्सल का आयोजन हुआ। यह कार्यक्रम विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की पहल पर आयोजित किया गया, जिसमें कई विधायकों और पदाधिकारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत देवनानी ने दीप प्रज्ज्वलन कर की।
इस अवसर पर देवनानी ने योग को लेकर समाज के प्रति संदेश दिया कि योग केवल व्यायाम नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक शैली है। उन्होंने कहा कि शरीर, मन और मस्तिष्क जब स्वस्थ होते हैं, तभी राष्ट्र की वास्तविक उन्नति संभव होती है।
योग को जीवनशैली का हिस्सा बनाने की अपील
विधानसभा अध्यक्ष ने अपने संबोधन में कहा कि योग को हर व्यक्ति को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि योग से न केवल शरीर बल्कि मानसिक और आत्मिक ऊर्जा भी बढ़ती है, जिससे व्यक्ति में कार्य क्षमता, संतुलन और स्थिरता आती है।
उन्होंने योग को एक व्यापक जीवनशैली के रूप में अपनाने का आग्रह करते हुए कहा कि स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण के लिए नागरिकों का स्वस्थ रहना आवश्यक है और इसके लिए योग, यज्ञ और संतुलित आहार को अपनाना समय की मांग है।
इस वर्ष की थीम – एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य
वासुदेव देवनानी ने इस वर्ष के 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य (One Earth, One Health)” पर बात करते हुए कहा कि यह विषय पूरी दुनिया को एकजुट करता है। उन्होंने कहा कि भारत की इस अद्भुत परंपरा को अब पूरी दुनिया ने अपनाया है और योग एक वैश्विक आंदोलन बन चुका है।
योग भारत का आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक उपहार है, जो आज हर देश में स्वास्थ्य और संतुलन के लिए अपनाया जा रहा है।
मशीनी युग में योग की आवश्यकता
अपने भाषण में वासुदेव देवनानी ने आधुनिक युग की जीवनशैली की ओर संकेत करते हुए कहा कि आज का मानव लगातार तनाव, असंतुलन और अव्यवस्था से घिरा हुआ है। ऐसे में योग ही वह माध्यम है, जो तनाव से मुक्ति, शारीरिक फिटनेस और मानसिक स्थिरता प्रदान कर सकता है।
उन्होंने कहा कि योग न केवल बीमारियों से बचाव का माध्यम है, बल्कि जीवन की गुणवत्ता को सुधारने वाला शाश्वत विज्ञान है।
नेताओं की उपस्थिति
योग दिवस रिहर्सल कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष के साथ कई प्रमुख नेता भी शामिल हुए, जिनमें ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर, हरिमोहन शर्मा, चंद्रभान सिंह आक्या, विश्वनाथ मेघवाल और जयदीप बिहानी शामिल रहे। सभी ने योगाभ्यास में भाग लिया और इसे नियमित जीवन का हिस्सा बनाने का संकल्प लिया।