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ब्लैक मून: जानें 31 दिसंबर 2024 की इस अद्भुत खगोलीय घटना के बारे में

ब्लैक मून: जानें 31 दिसंबर 2024 की इस अद्भुत खगोलीय घटना के बारे में

शोभना शर्मा।  ब्लैक मून (Black Moon), एक दुर्लभ खगोलीय घटना है, जो खगोल विज्ञान प्रेमियों के लिए खास मायने रखती है। यह घटना न केवल अपने अद्वितीय स्वरूप के लिए जानी जाती है, बल्कि यह सितारों और दूरस्थ आकाशीय पिंडों को देखने का अवसर भी प्रदान करती है। वर्ष 2024 का यह ब्लैक मून खगोलीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह 4 साल के लंबे अंतराल के बाद दिखने वाला है।

31 दिसंबर 2024 को जब पूरी दुनिया नए साल के जश्न की तैयारी में होगी, आसमान में यह अद्भुत घटना घटित होगी। हालांकि, इसे नंगी आंखों से देख पाना संभव नहीं है, लेकिन इस घटना का प्रभाव और इसके परिणामस्वरूप बदलते आसमानी नज़ारे देखने लायक होंगे।

ब्लैक मून क्या है?

ब्लैक मून की घटना तब होती है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच स्थित होता है। इस स्थिति में चंद्रमा का प्रकाशित हिस्सा पृथ्वी से विपरीत दिशा में होता है, जिससे यह पृथ्वी के निवासियों के लिए अदृश्य हो जाता है। इसे खगोल विज्ञान की भाषा में अमावस्या के दिन के समान समझा जा सकता है, लेकिन इसका प्रभाव और महत्व इससे कहीं अधिक है।

जब ब्लैक मून होता है, तो आसमान सामान्य दिनों की तुलना में और अधिक काला हो जाता है। इस कारण से, तारे, ग्रह और अन्य खगोलीय पिंड अधिक स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं। यह खगोलीय पर्यवेक्षकों और वैज्ञानिकों के लिए नई खोजों का अवसर प्रदान करता है।

ब्लैक मून क्यों होता है खास?

ब्लैक मून की घटना खगोलीय घटनाओं में बहुत दुर्लभ मानी जाती है। यह लगभग हर चार साल में एक बार होती है। इस घटना के दौरान:

  • आकाश पूरी तरह से अंधकारमय हो जाता है।

  • तारे और ग्रह अधिक चमकीले और स्पष्ट दिखाई देते हैं।

  • वैज्ञानिकों को टेलीस्कोप की मदद से ब्रह्मांड के अन्य पिंडों की बेहतर तस्वीरें लेने का अवसर मिलता है।

कैसा दिखाई देता है ब्लैक मून?

ब्लैक मून की घटना में चंद्रमा अमावस्या के दिन की तरह अदृश्य होता है। यह पूर्ण रूप से काले आकाश में छिपा रहता है। चूंकि चंद्रमा का प्रकाशित हिस्सा पृथ्वी से विपरीत दिशा में होता है, इसे देख पाना संभव नहीं होता।

इस घटना के दौरान:

  • आसमान अन्य दिनों की तुलना में अधिक गहरा और काला प्रतीत होता है।

  • नक्षत्र और दूर स्थित आकाशगंगाएं अधिक स्पष्ट रूप से देखी जा सकती हैं।

  • रात का यह घना अंधकार खगोलीय पर्यवेक्षण के लिए आदर्श समय प्रदान करता है।

ब्लैक मून के वैज्ञानिक महत्व

खगोल विज्ञान के लिए ब्लैक मून की घटना बेहद महत्वपूर्ण है। इस दौरान वैज्ञानिक दूरबीनों के जरिए ग्रहों, सितारों और आकाशगंगाओं का बेहतर अध्ययन कर सकते हैं। चूंकि चंद्रमा का प्रकाश आकाश को प्रभावित नहीं करता, इस स्थिति में अन्य खगोलीय पिंडों को देखना अधिक आसान हो जाता है।

ब्लैक मून की घटना से जुड़े कुछ प्रमुख वैज्ञानिक फायदे:

  1. दूसरे ग्रहों का अध्ययन: ग्रहों के स्पष्ट दृश्य खगोलशास्त्रियों को उनकी संरचना और व्यवहार को समझने में मदद करते हैं।
  2. आकाशगंगाओं का अवलोकन: यह समय दूर स्थित आकाशगंगाओं की बेहतर तस्वीरें लेने के लिए उपयुक्त होता है।
  3. तारों की पहचान: तारों के समूहों और उनके स्वरूप का अध्ययन करने के लिए यह समय आदर्श है।

भारत में ब्लैक मून का समय

अमेरिकी नौसेना वेधशाला के अनुसार, ब्लैक मून की घटना 30 दिसंबर 2024 को अमेरिका के पूर्वी समयानुसार शाम 5:27 बजे घटित होगी। लेकिन भारत में समय के अंतराल के कारण यह घटना 31 दिसंबर 2024 को सुबह 3:57 बजे देखी जा सकेगी।

अगला ब्लैक मून कब होगा?

31 दिसंबर 2024 की घटना के बाद, अगला ब्लैक मून 23 अगस्त 2025 को देखा जाएगा। यह खगोल विज्ञान प्रेमियों और वैज्ञानिकों के लिए एक और रोमांचक अवसर होगा।

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