मनीषा शर्मा । राज्यसभा में भाजपा के पास 86 सीटें और NDA के पास 101 सीटें हैं, लेकिन बहुमत के लिए आवश्यक 114 सीटों से 13 कम हैं। चार साल बाद भाजपा की स्ट्रेंथ 90 से नीचे चली गई है। 13 जुलाई को 4 मनोनीत सदस्य सेवानिवृत्त हुए, जिससे कुल सांसदों की संख्या 226 हो गई। आगामी बजट सत्र में सरकार को बिल पास कराने में परेशानी हो सकती है।
राज्यसभा में कुल 245 सीटें हैं, लेकिन फिलहाल 226 सांसद हैं। बहुमत के लिए 114 सीटें चाहिए। 19 सीटें खाली हैं, जिसमें 4 जम्मू-कश्मीर और 4 नामित सदस्य शामिल हैं। बाकी 11 सीटें असम, बिहार, महाराष्ट्र, हरियाणा, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, राजस्थान, और त्रिपुरा से हैं। चुनाव आयोग ने इन सीटों के लिए चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं किया है।
NDA को 7 राज्यों से सीटें मिलने की उम्मीद है: बिहार, महाराष्ट्र और असम से 2-2 सीटें, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और त्रिपुरा से 1-1 सीटें मिल सकती हैं। माना जा रहा है कि हाल ही में नामित 4 सदस्य भी सरकार का समर्थन करेंगे।
राज्यसभा में भाजपा की संख्या 10 साल में 55 से 101 तक पहुंची। 2014 में 55, 2019 में 78, और जून 2020 में 90 सांसद थे। इसके बाद पार्टी ने 11 सीटें जीतीं, जिससे संख्या 101 हो गई। यह पहली बार 1990 के बाद हुआ जब किसी पार्टी ने 100 का आंकड़ा पार किया।
फिलहाल 7 मनोनीत सदस्य किसी दल से संबद्ध नहीं हैं। केंद्र सरकार की सिफारिश पर राष्ट्रपति कुल 12 सदस्यों को राज्यसभा के लिए मनोनीत करते हैं।