मनीषा शर्मा। 2025 का महाकुंभ सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं होगा, बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। RSS के उच्चस्तरीय सूत्रों से संकेत मिल रहे हैं कि प्रयागराज में होने वाले इस कुंभ में BJP के अगले प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम प्रस्तावित हो सकता है। हालाँकि, इस बार यह प्रक्रिया 2013 की तरह प्रत्यक्ष नहीं होगी। RSS के एक प्रांत स्तरीय पदाधिकारी के अनुसार, इस बार भी हिंदू समाज और संतों के बीच PM कैंडिडेट को लेकर चर्चा होगी। लेकिन चूंकि लोकसभा चुनाव 2029 में होंगे, इसलिए योगी आदित्यनाथ के नाम को धीरे-धीरे प्रोजेक्ट किया जाएगा, न कि तात्कालिक रूप से घोषित किया जाएगा।
2013 कुंभ में कैसे उभरा नरेंद्र मोदी का नाम?
2013 में प्रयागराज में हुए कुंभ ने भारतीय राजनीति का रुख बदल दिया था। उस समय नरेंद्र मोदी को BJP का प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाने की योजना RSS और संत समाज ने मिलकर बनाई थी। धर्म संसद के अंतिम दिन, हजारों संतों की उपस्थिति में नरेंद्र मोदी के नाम पर सहमति बनी। इस निर्णय को संत समाज ने पूरे देश में फैलाया और यह संदेश सीधे जनता तक पहुँचा।
विश्व हिंदू परिषद के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंघल ने 2012 से ही नरेंद्र मोदी का नाम आगे बढ़ाने के लिए काम शुरू कर दिया था। उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत को भी इस प्रस्ताव पर राजी किया। नारायणी संप्रदाय के संतों और वासुदेवानंद शंकराचार्य ने भी मोदी का समर्थन किया। इसके बाद धर्म संसद में मोदी के नाम पर मुहर लगी।
क्या योगी आदित्यनाथ होंगे BJP के अगले PM कैंडिडेट?
RSS के सूत्र बताते हैं कि योगी आदित्यनाथ के नाम पर धीरे-धीरे सहमति बन रही है। हिंदू समाज और साधु-संतों के बीच योगी की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में भाजपा ने कई उपलब्धियाँ हासिल की हैं। उन्होंने 2024 लोकसभा चुनावों से पहले महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में रैलियों के जरिए पार्टी को मजबूती दी। हाल ही में, महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में योगी आदित्यनाथ के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे का बड़ा असर दिखा। उनके प्रचार के चलते 15 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की। यह नारा RSS के विचारों को प्रकट करता है, जो हिंदू समाज की एकता को बनाए रखने पर जोर देता है।
कुंभ 2025: क्या होगा संत समाज का एजेंडा?
RSS और संत समाज ने 2025 के कुंभ को एक बड़ा मंच बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। इस बार हिंदू समाज की एकता को मजबूत करने के साथ-साथ कई नई पहल की जा सकती हैं।
- लिंगायत मठ और नॉर्थ-ईस्ट जनजातियों को न्योता: कुंभ में पहली बार लिंगायत समुदाय और नॉर्थ-ईस्ट की प्रमुख जनजातियों जैसे कुकी, मैतेई, देवरी आदि को विशेष तौर पर आमंत्रित किया जाएगा।
- आदिवासी समुदाय की भागीदारी: 10.5 करोड़ की आबादी वाले आदिवासी समुदाय के गुरु और संतों को भी कुंभ में संतों के साथ स्नान का मौका मिलेगा।
- साध्वियों का सम्मेलन: साध्वियों की आवाज और उनके विचारों को स्थान देने के लिए विशेष सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
सनातन बोर्ड का प्रस्ताव
RSS और अखाड़ा परिषद 2025 कुंभ में सनातन बोर्ड का प्रस्ताव लाने की योजना बना रहे हैं। यह बोर्ड हिंदू धर्म से जुड़े मुद्दों और धार्मिक स्थलों की देखभाल के लिए एक केंद्रीय मंच होगा। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा कि सनातन धर्म को एकजुट करने के लिए यह कदम आवश्यक है।
कुंभ में धर्म संसद नहीं होगी
पिछली बार की तरह इस बार कुंभ में धर्म संसद आयोजित नहीं होगी। इसके बजाय, कई विषयों पर चर्चा और प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे। 25-26 जनवरी 2025 को संत सम्मेलन में इन प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा।
क्या अमित शाह भी रेस में हैं?
RSS और संत समाज के बीच योगी आदित्यनाथ के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का नाम भी चर्चा में है। हालाँकि, संत समाज और RSS दोनों मानते हैं कि वर्तमान परिस्थितियों में योगी आदित्यनाथ हिंदू धर्म के सबसे मजबूत प्रतिनिधि हैं।
योगी आदित्यनाथ के पक्ष में बढ़ता समर्थन
RSS के पदाधिकारियों का मानना है कि योगी आदित्यनाथ की छवि और उनके विचारधारा का मेल BJP की भविष्य की रणनीतियों के लिए उपयुक्त है। योगी आदित्यनाथ को एक मजबूत हिंदू नेता के रूप में देखा जा रहा है। प्रयागराज कुंभ 2025 इस रणनीति को मूर्त रूप देने का मंच बन सकता है।
क्या 2029 का लोकसभा चुनाव योगी बनाम विपक्ष होगा?
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में BJP ने 2014 और 2019 में ऐतिहासिक जीत हासिल की। लेकिन 2029 में पार्टी को एक नए चेहरे की आवश्यकता होगी। RSS के अनुसार, योगी आदित्यनाथ इस भूमिका के लिए सबसे उपयुक्त हैं। उनके नेतृत्व में BJP हिंदुत्व और विकास दोनों को आगे बढ़ाने की कोशिश करेगी।
2025 का प्रयागराज कुंभ भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। योगी आदित्यनाथ को धीरे-धीरे अगले PM उम्मीदवार के रूप में प्रोजेक्ट किया जा रहा है। RSS, VHP और संत समाज के सहयोग से यह संभावना प्रबल हो रही है कि 2025 कुंभ में योगी आदित्यनाथ को BJP का नेतृत्व सौंपने की दिशा में कदम बढ़ाए जाएँ।