मनीषा शर्मा। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने महासंपर्क अभियान की शुरुआत कर दी है, जो अगले 7 दिनों तक पूरे प्रदेश में चलेगा। इस अभियान का उद्देश्य बूथ स्तर पर पार्टी की पकड़ को और मज़बूत करना और नए सदस्यों को जोड़ना है। महासंपर्क अभियान के तहत बीजेपी के प्रमुख नेता और कार्यकर्ता अपने-अपने बूथों पर जाकर नए सदस्यों को पार्टी से जोड़ने का काम करेंगे।
महासंपर्क अभियान का उद्देश्य
बीजेपी का यह महासंपर्क अभियान सदस्यता अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसके जरिए पार्टी सी कैटेगिरी के बूथों को मज़बूत करने का प्लान तैयार कर रही है। सी कैटेगिरी में उन बूथों को रखा गया है जहां लोकसभा चुनावों के दौरान पार्टी को या तो बहुत कम वोट मिले थे या फिर कोई वोट ही नहीं मिला था।
प्रदेश में इस समय 52 हजार बूथ हैं और बीजेपी का लक्ष्य हर बूथ पर 200 नए सदस्य बनाने का है। बीजेपी के सदस्यता अभियान के प्रदेश संयोजक अरूण चतुर्वेदी ने बताया कि जिलों के संयोजकों को सी कैटेगिरी के बूथों पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया है, ताकि वहां से भी पार्टी को मजबूत जनाधार मिल सके।
सी कैटेगिरी के बूथों को मज़बूत करने की योजना
लोकसभा चुनावों में बीजेपी को कई बूथों पर बेहद कम समर्थन मिला था। प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों में से 18 सीटों पर पार्टी को 481 बूथों पर 10 से कम वोट मिले थे। इसके अलावा, बाड़मेर-जैसलमेर, झुंझुनूं, सीकर और जयपुर शहर लोकसभा क्षेत्रों के 31 बूथ ऐसे थे जहां पार्टी को एक भी वोट नहीं मिला था।
इतना ही नहीं, 7 लोकसभा क्षेत्रों के 33 बूथों पर बीजेपी को सिर्फ 1 वोट प्राप्त हुआ था। इस स्थिति को देखते हुए पार्टी ने इन बूथों को सी कैटेगिरी में रखा है, और महासंपर्क अभियान के जरिए इन्हें मज़बूत करने की योजना बनाई गई है।
बूथ स्तर पर सदस्यता अभियान की रणनीति
बीजेपी ने प्रदेश के 52 हजार बूथों पर हर बूथ पर 200 नए सदस्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। महासंपर्क अभियान के दौरान पार्टी के बड़े नेता और बूथ स्तर के कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को पार्टी से जोड़ने का काम करेंगे। इसका मुख्य उद्देश्य उन क्षेत्रों में पार्टी का जनाधार मज़बूत करना है, जहां पिछले चुनावों में अपेक्षाकृत कम समर्थन मिला था।
2014 में शुरू हुआ था सदस्यता अभियान
बीजेपी का सदस्यता अभियान 2014 में शुरू हुआ था। उस समय पार्टी के पास प्रदेश में 83 लाख सदस्य थे। हालांकि, 2020 में कोरोना महामारी के कारण नया सदस्यता अभियान नहीं चलाया जा सका और उस दौरान पुराने अभियान को ही एक्सटेंड किया गया, जिसमें 53 लाख नए सदस्य बने।
वर्तमान में, बीजेपी के पास राजस्थान में 1.30 करोड़ सदस्य हैं। अब पार्टी ने सवा करोड़ नए सदस्यों को जोड़ने का लक्ष्य रखा है, जो कि इस महासंपर्क अभियान का एक प्रमुख उद्देश्य है।
स्थायी सदस्यता नहीं, हर 6 साल में नवीनीकरण
बीजेपी में सदस्यता स्थायी नहीं होती है, बल्कि प्रत्येक सदस्य को 6 साल के लिए पार्टी का सदस्य बनाया जाता है। वर्तमान सदस्यता अभियान के पूरा होते ही सभी पुराने सदस्यता समाप्त हो जाएंगी और नए सिरे से सदस्य बनाए जाएंगे।
पार्टी ने इस बार सवा करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है, जिससे पार्टी का जनाधार और अधिक मज़बूत हो सके। महासंपर्क अभियान के जरिए पार्टी अपने बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को भी सक्रिय कर रही है, ताकि लोकसभा चुनावों में पार्टी को अधिक से अधिक समर्थन मिल सके।
सी कैटेगिरी के बूथों पर विशेष फोकस
सी कैटेगिरी के बूथों पर बीजेपी का खास ध्यान है। इन बूथों पर पार्टी को पिछले चुनावों में बेहद कम समर्थन मिला था, और अब महासंपर्क अभियान के जरिए पार्टी इन्हें मज़बूत करना चाहती है। पार्टी के नेता और कार्यकर्ता इन क्षेत्रों में जाकर नए लोगों को पार्टी से जोड़ेंगे और उन्हें बीजेपी की विचारधारा से अवगत कराएंगे।