मनीषा शर्मा। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस के अवसर पर देशभर में चलने वाले सेवा पखवाड़ा अभियान की तैयारी को लेकर गुरुवार को प्रदेश स्तरीय कार्यशाला आयोजित की। यह कार्यक्रम राजधानी जयपुर के दुर्गापुरा स्थित कृषि अनुसंधान केंद्र में हुआ। लेकिन कार्यशाला की शुरुआत से ही अनुशासन और जिम्मेदारी पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया जब कई सांसद, विधायक और पदाधिकारी कार्यक्रम से नदारद रहे।
प्रभारी की सख्त नाराजगी
कार्यशाला के दौरान प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल ने सीधे मंच से ही उपस्थिति रजिस्टर मंगवाया और एक-एक नाम पुकारकर अनुपस्थिति पर नाराजगी जताई। उन्होंने बताया कि राजस्थान के 118 विधायकों में से केवल 72 विधायक ही मौजूद हैं। इसी तरह, 14 सांसदों में से 8 अनुपस्थित रहे। 44 जिलाध्यक्षों में केवल 35 आए जबकि 35 प्रदेश पदाधिकारियों में से भी केवल 22 ही पहुंचे।
अग्रवाल ने मंच से ही प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ को निर्देश दिए कि अनुपस्थित रहने वाले सभी सांसद, विधायक और पदाधिकारियों से लिखित में जवाब लिया जाए। उन्होंने कहा कि, “संगठन की बैठक में शामिल होना प्राथमिक जिम्मेदारी है। अगर सांसद और विधायक ही यहां उपस्थित नहीं होंगे तो आम कार्यकर्ताओं को क्या संदेश जाएगा?”
BJP बैठक बीच में छोड़कर चले गए प्रभारी
राधामोहन दास अग्रवाल ने बैठक में अपनी बात रखने के बाद आगे के सत्र में हिस्सा नहीं लिया और सीधे बाहर निकल गए। इस दौरान गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम उनकी कार तक पहुंचे और पांच मिनट तक दोनों के बीच बातचीत हुई। हालांकि बाद में भाजपा की ओर से सफाई दी गई कि अग्रवाल को खींवसर में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में शामिल होना था, इसलिए वे जल्दबाजी में निकल गए।
सेवा पखवाड़ा अभियान की रूपरेखा
कार्यशाला के दौरान सेवा पखवाड़ा अभियान की रूपरेखा पर विस्तार से चर्चा हुई। इस अभियान के तहत हर जिले और मंडल स्तर पर रक्तदान शिविर लगाए जाएंगे। सांसदों की पहल पर खेलकूद प्रतियोगिताएं होंगी। इसी के साथ विकसित भारत थीम पर चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन पर आधारित फोटो प्रदर्शनी भी विभिन्न स्थानों पर लगाई जाएगी।
युवा वर्ग को जोड़ने के लिए युवा मैराथन का आयोजन किया जाएगा। कार्यशाला में इसका पोस्टर और विशेष टी-शर्ट का विमोचन भी किया गया।
डिप्टी सीएम और सीएम के संबोधन
कार्यक्रम में डिप्टी सीएम दिया कुमारी भी मौजूद रहीं। वहीं, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्र प्रथम की सोच के साथ कार्य कर रहे हैं। गरीबों और वंचितों के कल्याण के लिए उन्होंने जो योजनाएं चलाई हैं, वे अभूतपूर्व हैं।
शर्मा ने जीएसटी सुधारों (GST Reforms) का जिक्र करते हुए कहा कि इससे गरीब, व्यापारी और उद्योगपति सभी को लाभ होगा। साथ ही, धर्मांतरण बिल पर विपक्ष की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस तुष्टीकरण की राजनीति में विश्वास करती है और विधानसभा में लगातार गतिरोध पैदा कर रही है।
संगठन की मजबूती पर सवाल
भले ही भाजपा की ओर से अग्रवाल के अचानक कार्यक्रम छोड़ने को खींवसर यात्रा से जोड़ा गया हो, लेकिन कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच यह चर्चा का विषय बना रहा कि इतने बड़े स्तर पर सांसदों और विधायकों का अनुपस्थित रहना संगठन की मजबूती और अनुशासन पर सवाल खड़ा करता है।
प्रदेश प्रभारी ने स्पष्ट संदेश दिया कि सेवा पखवाड़ा सिर्फ एक औपचारिकता नहीं बल्कि जन अभियान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि, “अगर हर जगह केवल एक ही चेहरा दिखेगा तो नए कार्यकर्ता और जनता से जुड़ाव कैसे बढ़ेगा? इस अभियान में हर स्तर पर कार्यकर्ताओं की भागीदारी जरूरी है।”