शोभना शर्मा। राजस्थान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के घबराने को लेकर एक बड़ा दावा किया है। बुधवार को बाड़मेर दौरे पर मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान के एक परमाणु संयंत्र में लीकेज शुरू हो गया, जिससे पाकिस्तान घबरा गया और दुनिया के देशों से युद्ध रुकवाने की गुहार लगाने लगा।
राठौड़ ने कहा कि जब भारत की सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवादी अड्डों को निशाना बनाया और जहां-जहां आतंक की फैक्ट्री चल रही थी, वहां मिसाइल हमले किए, तो इससे पाकिस्तान की हालत खराब हो गई। उन्होंने कहा, “सीमा से 100-150 किलोमीटर अंदर तक जहां भी आतंकवादी केंद्र थे, उन्हें सेना ने सटीकता से ध्वस्त किया। भारत की सेना को सरकार ने खुली छूट दी थी और उन्होंने बहुत बहादुरी से काम किया।”
कांग्रेस सांसद पर सीधा हमला
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने इस दौरान कांग्रेस सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल के हालिया बयान को लेकर तीखा हमला बोला। दरअसल, बेनीवाल ने एक कथित आतंकी हमले पर बयान देते हुए कहा था कि “धर्म पूछकर मारा गया, इसके सबूत नहीं हैं।” इस पर प्रतिक्रिया देते हुए राठौड़ ने कहा कि “उम्मेदाराम आतंकवादियों की भाषा बोलते हैं। वह राष्ट्रभक्त नहीं हो सकते। ऐसी भाषा कोई देशभक्त नहीं बोल सकता।”
राठौड़ ने कहा कि जब पीड़ित बहनें खुद यह बता रही हैं कि उनसे धर्म पूछकर हमला किया गया, तो और क्या सबूत चाहिए? उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “अगर कांग्रेस इस बयान पर चुप बैठी रहती है और उम्मेदाराम को पार्टी से नहीं निकालती, तो यह मान लिया जाएगा कि यही कांग्रेस का भी मत है।”
‘क्या सांसद वहां मौजूद थे?’
मदन राठौड़ ने सवाल उठाते हुए कहा कि जब यह हमला हुआ, उस वक्त वहां पर केवल आतंकवादी और पीड़ित पक्ष मौजूद था, न कि उम्मेदाराम बेनीवाल। उन्होंने कहा, “तो फिर सांसद ऐसी भाषा कैसे बोल सकते हैं? क्या उनकी आतंकियों से कोई सांठ-गांठ है? क्या यह उनकी मित्रता का परिणाम है?”
भाजपा अध्यक्ष ने इस बयान को “घृणित और निंदनीय” बताते हुए कहा कि एक जनप्रतिनिधि को इस तरह की भाषा शोभा नहीं देती। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति देश की संसद में बैठता है, अगर वह इस तरह के बयान देता है, तो यह न केवल राजनीतिक स्तर पर गलत है, बल्कि यह राष्ट्र की सुरक्षा और सम्मान के खिलाफ भी है।
राजनीतिक तापमान और बढ़ा
मदन राठौड़ के इस बयान के बाद राजस्थान की सियासत में गर्मी और बढ़ गई है। जहां भाजपा इसे राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ सख्त स्टैंड बता रही है, वहीं कांग्रेस की तरफ से अभी तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन उम्मेदाराम बेनीवाल के बयान ने पहले ही विवाद खड़ा कर दिया था और अब राठौड़ के आक्रामक बयान ने इसे और बड़ा बना दिया है।