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भाजपा विधायक ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, धरने की चेतावनी

भाजपा विधायक ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, धरने की चेतावनी

मनीषा शर्मा। राजस्थान की राजनीति में इस समय अनोखी स्थिति बनी हुई है, जहां भाजपा के विधायक अपनी ही सरकार के खिलाफ आवाज उठाते नजर आ रहे हैं। कुंभलगढ़ से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह राठौड़ ने राज्य में व्याप्त अफसरशाही और भ्रष्टाचार को लेकर अपनी ही पार्टी की सरकार को घेरते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने किसानों को समय पर मुआवजा नहीं मिलने और अफसरशाही के हावी होने को लेकर चिंता जताई है। राठौड़ ने चेतावनी दी है कि अगर 15 दिन के भीतर किसानों के मुआवजे का निपटारा नहीं हुआ, तो वे किसानों के साथ धरने पर बैठेंगे।

भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह राठौड़ ने दी चेतावनी

11 अक्तूबर को विधायक सुरेंद्र सिंह राठौड़ ने सीएम भजनलाल शर्मा को एक पत्र भेजा, जिसमें राज्य में किसानों और आम नागरिकों को हो रही परेशानियों का जिक्र किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकारी अफसर भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और जनता को चक्कर कटवा रहे हैं। किसानों को मुआवजा देने में विलंब हो रहा है, जिससे वे परेशान हैं। राठौड़ ने सीएम को इस संबंध में चेतावनी दी है कि यदि मुआवजा वितरण का मामला 15 दिनों में हल नहीं हुआ, तो वे किसानों के साथ धरने पर बैठने को मजबूर होंगे।

अफसरशाही पर क्यों है नाराजगी?

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी इस समय अपने गृह क्षेत्र भरतपुर में जनसुनवाई कर रहे हैं। वे लगातार अधिकारियों को फटकार लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस जनसुनवाई में सीएम ने जनता की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया और अधिकारियों को जनता के प्रति संवेदनशील होने की सलाह दी। लेकिन राज्य में यह पहली बार नहीं है जब अफसरशाही के हावी होने की बात उठी हो।

भाजपा विधायकों की सरकार से बढ़ती नाराजगी

भाजपा के अन्य विधायक भी अफसरशाही को लेकर नाराजगी जता चुके हैं। ब्यावर के भाजपा विधायक शंकर सिंह रावत ने भी अफसरों पर पुरानी व्यवस्था के अधीन काम करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज से स्थापित कई अफसर अब भी कई विभागों पर अपना कब्जा जमाए बैठे हैं। ये अधिकारी ऐसा बर्ताव कर रहे हैं जैसे सारा शासन उनके हाथ में है, जिससे भाजपा सरकार को काम करने में कठिनाई हो रही है।

वरिष्ठ भाजपा नेता देवी सिंह भाटी की प्रतिक्रिया

भाजपा के वरिष्ठ नेता देवी सिंह भाटी ने भी इस मामले में प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि राज्य में ब्यूरोक्रेसी हावी है और इसे सुधारने की जरूरत है। भाटी का कहना है कि ब्यूरोक्रेसी के हावी होने से विधायकों की स्थिति कमजोर हो रही है और अधिकारियों के खिलाफ कोई कड़ा कदम उठाने में वे असमर्थ हैं।

कांग्रेस ने उठाए सवाल, सीएम पर साधा निशाना

इस मुद्दे पर कांग्रेस ने भी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर हमला बोला है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकार को सर्कस बताते हुए कहा कि राज्य में एक मंत्री इस्तीफा दे रहा है और उसे मनाने का सिलसिला चल रहा है। उन्होंने राज्य सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार डेंगू जैसे गंभीर मुद्दों पर भी ध्यान नहीं दे पा रही है। गहलोत ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री को दिल्ली के दौरे बंद कर प्रदेश की जनता का ध्यान रखना चाहिए।

अफसरशाही का मुद्दा भाजपा के लिए चुनौती

भाजपा सरकार के लिए अफसरशाही का यह मुद्दा गंभीर बनता जा रहा है। कई भाजपा नेता और विधायक इस मुद्दे को लेकर असंतुष्ट हैं और सरकार पर जनता की समस्याओं को हल करने का दबाव बना रहे हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और जनसुनवाई के दौरान अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं, लेकिन अधिकारियों के काम करने के तरीकों में सुधार न होने से विधायकों की नाराजगी बढ़ रही है।

क्या अफसरशाही का यह मुद्दा भाजपा के लिए नुकसानदेह साबित होगा?

राजस्थान में सत्तारूढ़ भाजपा के सामने अफसरशाही का मुद्दा बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। जहां एक तरफ सरकार अपनी नीतियों और विकास योजनाओं पर जोर दे रही है, वहीं विधायकों की नाराजगी उसके कार्यों पर सवाल खड़े कर रही है। कांग्रेस भी इस स्थिति का राजनीतिक फायदा उठाने का प्रयास कर रही है। यह देखना होगा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा अफसरशाही के हावी होने के इस मुद्दे का समाधान कैसे करते हैं और अपने विधायकों को कैसे संतुष्ट कर पाते हैं।

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