शोभना शर्मा । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि 6 अप्रैल को भाजपा का स्थापना दिवस पूरे प्रदेश और देशभर में व्यापक स्तर पर मनाया जाएगा। इस अवसर पर भाजपा कार्यकर्ताओं, जिलाध्यक्षों, मंडल अध्यक्षों और आम नागरिकों से अपील की गई है कि वे अपने घरों, कार्यालयों और प्रतिष्ठानों पर भाजपा का झंडा फहराएं। राठौड़ ने कहा कि यह केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि राष्ट्रवादी विचारधारा के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। भाजपा की राष्ट्र प्रथम की नीति ही इसे अन्य राजनीतिक दलों से अलग बनाती है।
भाजपा और अन्य दलों में अंतर: ‘राष्ट्र प्रथम’ बनाम ‘स्वयं प्रथम’
मदन राठौड़ ने कहा कि भाजपा का मूल विचार ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना पर आधारित है। उन्होंने कहा: “भारतीय जनता पार्टी में पहले राष्ट्र को रखा जाता है, उसके बाद दल और अंत में स्वयं को। जबकि अन्य राजनीतिक दलों में पहले स्वयं को रखा जाता है, फिर दल और अंत में राष्ट्र को। यही भाजपा और अन्य दलों के बीच सबसे बड़ा अंतर है।”
राठौड़ ने भाजपा के कार्यकर्ताओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे किसी निजी स्वार्थ के लिए राजनीति में नहीं आए, बल्कि राष्ट्रसेवा और देशभक्ति की भावना को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। भाजपा का हर कार्यकर्ता राष्ट्र हित में योगदान देने के लिए संकल्पित है।
आपातकाल और कांग्रेस की तानाशाही प्रवृत्ति
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने भारतीय राजनीति में आपातकाल (1975-77) के प्रभाव पर चर्चा करते हुए कहा कि कांग्रेस की तानाशाही नीति के कारण देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर गहरा संकट आ गया था। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान कई विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया गया, जिससे देश की राजनीति में अस्थिरता और शून्यता उत्पन्न हो गई। राठौड़ ने कहा “देश की आज़ादी के बाद ऐसा महसूस होने लगा कि कांग्रेस के भरोसे देश नहीं छोड़ा जा सकता। कांग्रेस ने तुष्टिकरण की नीति को अपनाया और लोकतांत्रिक मूल्यों की अनदेखी की।”
जनसंघ से भाजपा तक: एक राष्ट्रवादी विचारधारा का उदय
मदन राठौड़ ने बताया कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नेतृत्व में कांग्रेस की तुष्टिकरण नीति के खिलाफ भारतीय जनसंघ की स्थापना की गई थी। लेकिन जब 1977 में आपातकाल के खिलाफ संघर्ष के दौरान विपक्षी दलों ने एकजुट होकर जनता पार्टी बनाई, तो यह कांग्रेस के तानाशाही शासन के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
हालांकि, जनता पार्टी में आंतरिक मतभेदों के कारण 1980 में इसका विघटन हो गया और 6 अप्रैल 1980 को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का गठन हुआ। तब से लेकर आज तक भाजपा ने कई राजनीतिक बदलावों को देखा और आज यह भारत की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन चुकी है।
भाजपा के प्रयास और नरेंद्र मोदी का नेतृत्व
मदन राठौड़ ने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ताओं और नेताओं के अथक परिश्रम और समर्पण का ही परिणाम है कि आज नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने हैं। यह भाजपा के सिद्धांतों और राष्ट्रवादी विचारधारा की सफलता को दर्शाता है।
भाजपा का संदेश: ‘सबका साथ, सबका विकास’
भाजपा हमेशा से ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ की नीति पर काम करती आई है। पार्टी का मुख्य उद्देश्य भारत को आत्मनिर्भर बनाना, देश की आर्थिक प्रगति को तेज करना और सभी नागरिकों को समान अवसर प्रदान करना है।
राठौड़ ने कहा कि भाजपा की यह नीति पंडित दीनदयाल उपाध्याय के ‘अंत्योदय’ (समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाने) के विचार से प्रेरित है। उन्होंने उपाध्याय के एक प्रसिद्ध कथन का उल्लेख करते हुए कहा: “जो आज हमारा विरोधी है, वह कल हमारा समर्थक बने, जो आज हमारा समर्थक है, वह हमारा मतदाता बने और जो आज हमारा मतदाता है, वह कल हमारा कार्यकर्ता बने।”
स्थापना दिवस पर भाजपा कार्यकर्ताओं को संदेश
मदन राठौड़ ने सभी भाजपा कार्यकर्ताओं से स्थापना दिवस पर पार्टी की विचारधारा को और अधिक सशक्त बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कार्यकर्ता को अपने परिवार, समाज और क्षेत्र में भाजपा की राष्ट्रवादी विचारधारा को मजबूत करना चाहिए। राठौड़ ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं का यह कर्तव्य है कि वे देश के हर नागरिक को राष्ट्रवादी सोच से जोड़ें और तुष्टिकरण की राजनीति से सावधान करें।
भाजपा स्थापना दिवस: क्यों महत्वपूर्ण है यह दिन?
राष्ट्रवाद की भावना को बढ़ावा – भाजपा हमेशा से राष्ट्र हित को सर्वोपरि मानती है।
भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण की राजनीति के खिलाफ संघर्ष – भाजपा कांग्रेस की तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति के खिलाफ कार्य करती आई है।
समाज के हर वर्ग के विकास के लिए प्रतिबद्धता – भाजपा का उद्देश्य केवल सत्ता पाना नहीं, बल्कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाना है।
भारत को वैश्विक महाशक्ति बनाना – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आज दुनिया में एक मजबूत शक्ति बनकर उभरा है।