मनीषा शर्मा। बिजयनगर में सामने आए रेप और ब्लैकमेल कांड ने पूरे राजस्थान को झकझोर कर रख दिया है। इस मामले में पूर्व पार्षद समेत कई आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। कोर्ट में पेश किए गए आरोपी लंगड़ाते हुए चलते नजर आए, जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूछताछ के दौरान पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की है। अजमेर की पोक्सो कोर्ट ने पूर्व पार्षद को पांच दिन की रिमांड पर वापस भेज दिया है, जबकि चार अन्य आरोपियों को जेल भेजने का आदेश दिया गया।
12 आरोपी गिरफ्तार, 8 को भेजा जेल
बिजयनगर पुलिस इस मामले में अब तक 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें से तीन नाबालिग हैं, जिन्हें बाल सुधार गृह भेजा गया है। बुधवार देर रात पुलिस ने एक और आरोपी जावेद को गिरफ्तार किया। इसके साथ ही अब तक 8 आरोपियों को अजमेर कोर्ट द्वारा जेल भेजा जा चुका है।
25 फरवरी को कोर्ट ने मुख्य आरोपी लुकमान और अन्य चार आरोपियों – सोहेब (20), सोहेल मंसूरी (19), रिहान मोहम्मद (20) और अफराज (18) को जेल भेज दिया था। यह सभी इस जघन्य अपराध में शामिल थे और पीड़िता को ब्लैकमेल कर रहे थे।
अजमेर बंद का ऐलान, छात्राओं ने निकाली आक्रोश रैली
इस मामले में जनता का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग को लेकर 1 मार्च को अजमेर बंद का आह्वान किया गया है। बंद के दौरान सिर्फ मेडिकल सुविधाएं चालू रहेंगी, जबकि अन्य सभी व्यावसायिक गतिविधियां बंद रहेंगी।
इसी बीच, बिजयनगर में छात्राओं ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। उन्होंने हाथों में तख्तियां लेकर आक्रोश रैली निकाली और आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की।
कैसे दिया गया वारदात को अंजाम?
जांच में सामने आया कि आरोपी पीड़िता को स्कूल जाते समय रास्ते में रोकते थे और उस पर मानसिक दबाव बनाते थे। वे उसे जबरन अपने साथ कैफे और होटलों में जाने के लिए मजबूर करते थे। आरोपी पीड़िता को धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेने के लिए भी विवश करते थे। वे उसे कलमा पढ़ने के लिए कहते थे और रोज़ा रखने का दबाव डालते थे।
इस कांड के खुलासे के बाद पुलिस पूरी तरह से सतर्क हो गई है। मामले की गहराई से जांच जारी है और हर पहलू पर गौर किया जा रहा है।
जनता में बढ़ रहा आक्रोश, सख्त कार्रवाई की मांग
इस घटना ने पूरे बिजयनगर और अजमेर जिले में आक्रोश की लहर दौड़ा दी है। स्थानीय लोग आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे हैं। पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है और नए आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है।
राजस्थान सरकार और पुलिस प्रशासन पर भी जनता का दबाव बढ़ता जा रहा है कि वे इस मामले में निष्पक्ष जांच करें और आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलवाएं। अजमेर बंद के दौरान लोगों से शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की अपील की गई है, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।