मनीषा शर्मा, अजमेर। बिजयनगर के स्कूल की छात्राओं के साथ रेप और ब्लैकमेलिंग मामले में पुलिस ने आज चार्जशीट पेश की है, जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। चार्जशीट में बताया गया है कि आरोपी नाबालिग लड़कियों को अपनी पसंद के कपड़े पहनने के लिए मजबूर करते थे और उन्हें अश्लील बातें करने के लिए बाध्य करते थे।
विशिष्ट लोक अभियोजक रूपेंद्र परिहार ने जानकारी दी कि पुलिस ने पॉक्सो कोर्ट-1 में चार्जशीट पेश की है, जिसमें आरोपी अफराज, रेहान, अमन उर्फ अमान, जावेद, लुकमान, सोहेल मंसूरी, आशिक और करीम खान शामिल हैं। इस चार्जशीट में कुल 895 पृष्ठ हैं। इसके अलावा, 5 नाबालिगों के खिलाफ जेजे (जुवेनाइल जस्टिस) कोर्ट में चालान पेश किया गया है। इस मामले में तीन पीड़िताएं हैं।
मामला कैसे शुरू हुआ
15 फरवरी को बिजयनगर थाने में एक नाबालिग लड़की ने इस मामले की शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद एक और नाबालिग ने भी शिकायत की, और फिर तीन लड़कियों के पिता ने भी रिपोर्ट दी। आरोप था कि ये आरोपी प्राइवेट स्कूल में पढ़ रही नाबालिग लड़कियों का रेप कर रहे थे और उनके अश्लील फोटो-वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल कर रहे थे। आरोपियों ने लड़कियों को जबरन कलमा पढ़ने, रोजा रखने और धर्मांतरण के लिए भी मजबूर किया। पुलिस ने इस मामले में पॉक्सो सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू की। मामले के सामने आने के बाद बिजयनगर में कई जगहों पर प्रदर्शन हुए और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग उठी।
आरोपियों की पहचान
पुलिस ने जब एक-एक कर आरोपियों को पकड़ा, तो मामले से पर्दा उठने लगा। आरोपियों में एक पूर्व पार्षद भी शामिल था। सबसे पहले 21 साल का आशिक, जो टेंपो चलाता था, ने एक छात्रा को फंसाया। उसने छात्रा से दोस्ती की और उसे एक की-पैड वाला चाइनीज मोबाइल दिलाया। इसके बाद उसने छात्रा के आपत्तिजनक वीडियो बना लिए और उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। आरोपी दोस्त थे और इनमें से कोई भी स्कूल में नहीं पढ़ता था। वे हमाली, वेल्डिंग, पेंटिंग और फर्नीचर का काम करते थे। इसके बावजूद, उन्होंने कई स्कूल गर्ल्स को फंसाया। आरोपियों ने एक के बाद एक कई लड़कियों को शिकार बनाया और उनके अश्लील फोटो-वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल किया।
ब्लैकमेलिंग का तरीका
आरोपियों का तरीका 1992 में हुए अजमेर ब्लैकमेल कांड के आरोपियों के तरीके के समान था। यहां भी आरोपियों ने एक ही प्राइवेट स्कूल की बच्चियों को टारगेट किया था। इन सभी बच्चियों के स्कूल आने-जाने का रास्ता कुछ आरोपियों के मोहल्ले के पास से होकर गुजरता था, जिसका फायदा आरोपियों ने उठाया। इस मामले ने न केवल बिजयनगर बल्कि पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है। पुलिस की कार्रवाई और चार्जशीट पेश करने के बाद अब सभी की नजरें न्याय की प्रक्रिया पर हैं। यह मामला न केवल एक गंभीर अपराध को उजागर करता है, बल्कि समाज में सुरक्षा और जागरूकता की आवश्यकता को भी दर्शाता है। बिजयनगर में इस तरह के मामलों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में किसी भी नाबालिग लड़की को इस तरह के भयानक अनुभव का सामना न करना पड़े।