शोभना शर्मा। राजस्थान पुलिस की विशेष इकाई एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपराध के नेटवर्क पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इस क्रम में अमेरिका में गैंगस्टर अमित शर्मा की गिरफ्तारी एजीटीएफ की चौथी बड़ी अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई मानी जा रही है। यह कदम राजस्थान में सक्रिय गिरोहों की जड़ों को विदेशों तक तलाशने की दिशा में अहम साबित हुआ है। एडीजी दिनेश एम.एन. ने बताया कि इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि अब विदेशों में बैठे अपराधियों और उनके समर्थकों को भी कानून के दायरे में लाया जाएगा।
इटली और दुबई के बाद अमेरिका में भी कार्रवाई
एजीटीएफ की यह कार्रवाई कोई पहली नहीं है। पिछले वर्ष ही एजेंसी ने इटली में अमृतजीत बिश्नोई और उसकी साथी सुधा कंवर को गिरफ्तार करवाया था, जो वर्तमान में वहीं की जेल में बंद हैं। इन दोनों को भारत लाने के लिए इटली सरकार और भारत के बीच बातचीत जारी है। इसके बाद एजीटीएफ ने दुबई से लॉरेंस बिश्नोई गैंग के आदित्य जैन उर्फ टोनी को गिरफ्तार कराया था। टोनी व्यापारियों को ‘डिब्बा कॉल’ के ज़रिए धमकाता था और फिरौती वसूलने का नेटवर्क चला रहा था। अमित शर्मा की गिरफ्तारी इस श्रृंखला की चौथी और सबसे महत्वपूर्ण कार्रवाई मानी जा रही है, क्योंकि वह लंबे समय से अमेरिका में रहकर राजस्थान और पंजाब के अपराध जगत से जुड़ा नेटवर्क चला रहा था।
सोशल मीडिया पर समर्थकों पर भी होगी कार्रवाई
एडीजी दिनेश एम.एन. ने बताया कि अब केवल अपराधियों पर नहीं, बल्कि उनके समर्थकों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि — “जो लोग सोशल मीडिया पर गैंगस्टर्स की पोस्ट को लाइक, शेयर या प्रचारित करते हैं, वे भी कानून के दायरे में आएंगे। किसी भी तरह से अपराधियों को समर्थन देना या प्रचार करना अब अपराध माना जाएगा।” इस चेतावनी के बाद एजीटीएफ ने साइबर टीमों को सक्रिय कर दिया है, जो विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी कर रही हैं।
कार्रवाई में पुलिस टीम की अहम भूमिका
अमेरिका में गैंगस्टर अमित शर्मा की पहचान और गिरफ्तारी में एएसपी सिद्धांत शर्मा, नरोत्तम वर्मा, निरीक्षक रविन्द्र प्रताप, सुनील जांगिड़, मनीष शर्मा, कमलपुरी, हेड कांस्टेबल रमेश कुमार, कांस्टेबल सुभाषचंद और सुरेन्द्र कुमार की अहम भूमिका रही। इन अधिकारियों ने अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ तालमेल बनाते हुए तकनीकी साक्ष्यों, संचार रिकॉर्ड और डिजिटल फुटप्रिंट के आधार पर अमित शर्मा की लोकेशन की पुष्टि की। इसके बाद अमेरिकी एजेंसियों की मदद से उसे गिरफ्तार कराया गया। अब एजीटीएफ उसकी नेटवर्क चेन को खंगालने में जुटी है ताकि राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में फैले उसके सहयोगियों तक पहुंचा जा सके।
गैंगस्टर के रिश्तेदारों और परिचितों की भी होगी जांच
एजीटीएफ अब अमित शर्मा के रिश्तेदारों, परिचितों और सहयोगियों की सूची तैयार कर रही है। यह सभी वे लोग हैं जो पिछले कुछ महीनों में उसके संपर्क में आए थे या किसी न किसी रूप में उसकी गतिविधियों को समर्थन दे रहे थे। एडीजी ने कहा कि इन सभी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 111 के तहत कार्रवाई की जाएगी। इस धारा में अपराधी को सहायता देने या उसके अपराध में किसी भी प्रकार का सहयोग करने पर सजा का प्रावधान है। इसके लिए पुलिस ने श्रीगंगानगर और आसपास के जिलों में विशेष जांच अभियान शुरू कर दिया है।
रेड कॉर्नर नोटिस और इंटरपोल की भूमिका
राजस्थान पुलिस ने अब तक वांटेड गैंगस्टर्स के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किए हैं, जिन्हें सीबीआई और इंटरपोल के माध्यम से कई देशों को भेजा गया है। इन नोटिसों का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपराधियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करना है। सूत्रों के अनुसार, एजीटीएफ फिलहाल कनाडा, यूएई और यूके में सक्रिय गैंगस्टर्स की भी निगरानी कर रही है। विशेष रूप से रोहित गोदारा, गोल्डी बराड़, हरीश उर्फ हैरी बॉक्सर और वीरेन्द्र चारण जैसे अपराधी एजेंसी के रडार पर हैं। इन सभी की लोकेशन और नेटवर्क की जानकारी जुटाने के लिए खुफिया विभाग और विदेश मंत्रालय के सहयोग से ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
लॉरेंस गैंग पर शिकंजा कसने की तैयारी
राजस्थान और पंजाब में कई हत्याओं और धमकियों के मामलों में लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नाम सामने आ चुका है। एजीटीएफ अब इस गिरोह के डिजिटल नेटवर्क और आर्थिक सपोर्ट सिस्टम की जांच कर रही है। सूत्र बताते हैं कि हाल ही में पकड़े गए आदित्य जैन उर्फ टोनी से पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिली हैं। टोनी ने माना था कि गैंग के कई सदस्य विदेशों से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और वर्चुअल सिम कार्ड्स के जरिए फिरौती का रैकेट चला रहे हैं। एजीटीएफ अब इसी मॉड्यूल को ट्रैक कर रही है ताकि इस नेटवर्क को पूरी तरह तोड़ा जा सके।
पुलिस की सख्ती से अपराधियों में हड़कंप
विदेशों में सक्रिय गैंगस्टर्स के खिलाफ लगातार कार्रवाई ने अपराध जगत में हड़कंप मचा दिया है। राजस्थान पुलिस के सूत्रों के अनुसार, कई बदमाश अब अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स डिलीट कर रहे हैं और ऑनलाइन उपस्थिति छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। एडीजी दिनेश एम.एन. का कहना है — “राजस्थान पुलिस की यह नीति साफ है कि चाहे अपराधी कहीं भी छिपा हो, उसे सजा से बचाया नहीं जा सकता। हम तकनीक, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और सख्त कानूनी कार्रवाई के जरिए हर अपराधी तक पहुंचेंगे।”