शोभना शर्मा । \वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण केंद्रीय बजट मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार का 11वां पूर्ण बजट पेश किया। इस बार उन्होंने कर प्रणाली में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिससे करीब चार करोड़ लोगों को लाभ होने की उम्मीद है। वित्त मंत्री ने अपने भाषण में करों को सरल बनाने, करदाता सेवाओं में सुधार करने, कर निश्चितता प्रदान करने और मुकदमेबाजी कम करने पर जोर दिया।
नई कर प्रणाली के तहत टैक्स स्लैब में बदलाव
वित्त मंत्री ने नई कर प्रणाली में तीन से सात लाख रुपये तक की आय पर 5% कर का प्रावधान किया है। तीन लाख रुपये तक की आय पर करदाताओं को कोई टैक्स नहीं देना होगा। सात से दस लाख रुपये तक की आय वालों के लिए 10% टैक्स का प्रावधान किया गया है।
टैक्स स्लैब
- 3,00,000 तक: शून्य
- 3,00,001 से 7,00,000: 5%
- 7,00,001 से 10,00,000: 10%
- 10,00,001 से 12,00,000: 15%
- 12,00,001 से 15,00,000: 20%
- 15,00,000 से ऊपर: 30%
वित्त मंत्री के अनुसार, नए एलानों से चार करोड़ लोगों को नई कर प्रणाली में 17,500 रुपये तक का लाभ होगा। पेंशनभोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती 15000 रुपये से बढ़ाकर 25000 रुपये कर दी गई है, जिससे देश के वरिष्ठ नागरिकों को लाभ मिलेगा।
कर विवादों के समाधान के लिए नई योजना
कर विवादों को कम करने के लिए सरकार ‘विवाद से विश्वास योजना 2024’ लाने की तैयारी कर रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि मध्यम और उच्च मध्यम वर्ग के लिए कुछ वित्तीय परिसंपत्तियों पर पूंजीगत लाभ छूट सीमा को बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये सालाना करने की योजना है।
एंजल टैक्स हटाने का एलान
स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री ने ‘एंजल टैक्स’ समाप्त करने की घोषणा की। यह कदम स्टार्टअप्स के लिए अधिक अनुकूल माहौल बनाने में मदद करेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि अनिश्चितता और विवादों को कम करने के लिए आयकर प्रावधानों को सरल बनाने का प्रस्ताव है।
पूंजीगत लाभ से जुड़े बड़े एलान
- होल्डिंग अवधि: केवल दो होल्डिंग अवधि – 12 महीने और 24 महीने।
- दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ: सोने, डिबेंचर, बॉन्ड के लिए दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ होल्डिंग अवधि अब 24 महीने होगी।
- लिस्टेड प्रतिभूतियां: सभी सूचीबद्ध प्रतिभूतियों के लिए होल्डिंग अवधि 12 महीने की होगी।
- एसटीसीजी: 15% से बढ़कर 20%।
- एलटीसीजी: 1.25 लाख तक का एलटीसीजी टैक्स फ्री (पहले 1 लाख था)।
अन्य महत्वपूर्ण बदलाव
- स्टैंडर्ड डिडक्शन: न्यू टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार कर दिया गया है।
- टीडीएस दरें: विभिन्न भुगतान के लिए पांच फीसदी टीडीएस की जगह दो फीसदी टीडीएस की व्यवस्था होगी।
- म्यूचुअल फंड्स: म्युचुअल फंड के री-पर्चेस पर टीडीएस खत्म कर दिया गया है।
- शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स: शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स की दर 20%।
- इनकम टैक्स कानून: इनकम टैक्स कानून की छह महीने में समीक्षा की जाएगी।
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कराधान को सरल बनाने, करदाता सेवाओं में सुधार करने, और मुकदमेबाजी कम करने के अपने प्रयासों को जारी रखते हुए कर राजस्व बढ़ाने पर जोर दिया है। उनका प्रयास कर प्रणाली को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना है, जिससे अधिक से अधिक करदाता लाभान्वित हो सकें।