शोभना शर्मा । राजस्थान कांग्रेस में संगठन को सक्रिय और मजबूत करने की दिशा में सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने 17 निष्क्रिय ब्लॉक अध्यक्षों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पार्टी के भीतर लंबे समय से निष्क्रिय नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग हो रही थी, जिसे अब साकार रूप दिया गया है।
कांग्रेस प्रदेश संगठन द्वारा शुरू की गई यह कार्रवाई स्पष्ट संकेत है कि अब पार्टी अनुशासन और सक्रियता के आधार पर ही अपने पदाधिकारियों का आकलन करेगी। इस सर्जरी का उद्देश्य केवल निष्क्रियता दूर करना नहीं है, बल्कि 2028 विधानसभा चुनावों से पहले संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करना भी है।
निष्क्रियता और असहयोग पर कार्रवाई
17 ब्लॉक अध्यक्षों को यह नोटिस इसलिए भेजा गया है क्योंकि उन्होंने पार्टी के विधानसभा समन्वयकों को आवश्यक सहयोग नहीं दिया और संगठनात्मक गतिविधियों में उदासीनता दिखाई। यह नोटिस सात दिन के भीतर जवाब देने के निर्देश के साथ भेजा गया है, failing which अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
कांग्रेस महासचिव और मीडिया प्रभारी स्वर्णिम चतुर्वेदी ने इस निर्णय की जानकारी साझा की और बताया कि यह कार्रवाई समन्वयकों की रिपोर्ट के आधार पर की गई है।
17 जून को हुई थी महत्वपूर्ण बैठक
17 जून को जयपुर स्थित कांग्रेस वॉर रूम में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें भरतपुर, अजमेर, जोधपुर और बीकानेर संभाग के विधानसभा समन्वयकों ने भाग लिया। इस बैठक की अध्यक्षता गोविंद सिंह डोटासरा ने की और उन्होंने वन-टू-वन संवाद कर प्रत्येक समन्वयक से फीडबैक लिया।
बैठक में “संगठन सृजन अभियान” की समीक्षा की गई और फील्ड में पदाधिकारियों की भागीदारी, सक्रियता और कार्यकर्ता नेटवर्क की मजबूती को लेकर फीडबैक इकट्ठा किया गया।
निष्क्रिय नेताओं की पहचान जारी
डोटासरा के निर्देश पर केवल 17 पदाधिकारियों तक ही यह कार्रवाई सीमित नहीं रहेगी। कांग्रेस संगठन की ओर से निष्क्रिय नेताओं की पहचान की प्रक्रिया लगातार जारी है। आने वाले दिनों में ऐसे और भी कई ब्लॉक, मंडल और बूथ स्तर के पदाधिकारियों को नोटिस भेजे जा सकते हैं।
58,000 से अधिक पदाधिकारियों का डिजिटल डेटा तैयार
गुजरात में आयोजित कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद राजस्थान में सबसे पहले संगठनात्मक पुनर्गठन की दिशा में कदम उठाया गया। पार्टी ने मंडल, ब्लॉक, जिला और बूथ स्तर के 58,000 से अधिक पदाधिकारियों का डिजिटल डाटा तैयार किया है, जिसमें यह दर्ज किया गया है कि कौन-से कार्यकर्ता सक्रिय हैं और कौन-से निष्क्रिय।
इस डेटा के माध्यम से ही संगठन की मजबूती का सांख्यिकीय आधार बनाकर निर्णय लिए जा रहे हैं।