शोभना शर्मा। राजस्थान की सियासत एक बार फिर बयानबाजी के कारण गर्मा गई है। नागौर से सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के मुखिया हनुमान बेनीवाल ने कांग्रेस नेता सचिन पायलट को लेकर एक बार फिर विवादित बयान दे डाला है। जयपुर में एसआई भर्ती परीक्षा 2021 को रद्द करवाने की मांग को लेकर चल रहे अपने धरने के दौरान बेनीवाल ने कहा, “सचिन पायलट को डॉक्टर ने बाहर जाने से मना कर दिया है, क्योंकि अगर वह धूप में निकलेंगे तो काले पड़ जाएंगे।”
यह कोई पहला मौका नहीं है जब बेनीवाल ने सचिन पायलट पर इस तरह का तंज कसा हो। इससे पहले भी वे पायलट को ‘एयर कंडीशनर नेता’ कह चुके हैं। अब एक बार फिर उन्होंने अपने तीखे और व्यक्तिगत टिप्पणी से प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है।
जयपुर के शहीद स्मारक पर चल रहे इस धरने के दौरान बेनीवाल ने कहा कि जब राज्य के युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है, तब कांग्रेस और अन्य दलों के बड़े नेता मौन हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि “प्रदेश के लोगों के हक के लिए मेरे अलावा और कौन खड़ा होगा? कौन इनकी लड़ाई लड़ेगा?”
इसी क्रम में उन्होंने राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा पर भी टिप्पणी की और कहा, “डॉक्टर साहब अब तो बुढ़ापे की तरफ जा रहे हैं। अब बताइए, मेरे अलावा लोगों की समस्याओं के लिए कौन बोलेगा?” यह बयान भी राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।
एसआई भर्ती परीक्षा 2021 को लेकर बेनीवाल का यह विरोध लंबे समय से जारी है। उनका आरोप है कि इस परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है, जिससे हजारों अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है। वे इस परीक्षा को रद्द कर नए सिरे से निष्पक्ष जांच और परीक्षा कराने की मांग कर रहे हैं।
एक न्यूज चैनल को दिए गए इंटरव्यू में बेनीवाल ने साफ तौर पर कहा कि सचिन पायलट केवल वातानुकूलित राजनीति करते हैं और जमीनी मुद्दों से उनका कोई लेना-देना नहीं है। उनका दावा है कि राजस्थान के आम नागरिक, विशेषकर युवा वर्ग, आज भी न्याय की मांग में अकेला महसूस करता है, और ऐसे समय में उनके जैसे नेता ही सामने आकर आवाज उठा रहे हैं।
बेनीवाल के इस बयान के बाद जहां उनके समर्थक उन्हें ‘जनता की आवाज’ कह रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विरोधियों ने इसे एक घटिया और निजी हमला करार दिया है। कांग्रेस खेमे में इस टिप्पणी को लेकर गुस्सा है, हालांकि सचिन पायलट की ओर से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राजस्थान में आने वाले समय में विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी तापमान धीरे-धीरे बढ़ रहा है और ऐसे में इस तरह की बयानबाजी और व्यक्तिगत हमले न केवल नेताओं की छवि पर असर डालते हैं, बल्कि आम जनता में भी गलत संदेश देते हैं।
धरने के दौरान बेनीवाल ने यह भी कहा कि भले ही सरकार उनकी बात न माने, लेकिन वे युवाओं के साथ खड़े हैं और जब तक न्याय नहीं मिलता, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि यह केवल एसआई परीक्षा की बात नहीं है, बल्कि पूरे भर्ती तंत्र को पारदर्शी बनाने की मांग है।