शोभना शर्मा। राजस्थान सरकार ने विधानसभा सत्र शुरू होने से ठीक पहले नई आबकारी नीति की घोषणा की है। यह पहली बार है जब राज्य में चार साल के लिए एक स्थायी नीति बनाई गई है, जिससे शराब बिक्री, बार लाइसेंसिंग और पर्यटन क्षेत्र में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। इस नीति का मुख्य उद्देश्य राजस्व में बढ़ोतरी और पर्यटन उद्योग को मजबूत करना है। खासतौर पर छोटे होटल व्यवसायियों को राहत दी गई है, जिससे अब वे भी आसानी से बार लाइसेंस प्राप्त कर सकेंगे।
अब 10 कमरों वाले होटल को भी मिलेगा बार लाइसेंस
पहले राजस्थान में केवल 20 या उससे अधिक कमरों वाले होटलों को ही बार लाइसेंस जारी किया जाता था। लेकिन नई नीति के तहत अब 10 कमरों वाले होटलों को भी लाइसेंस मिलने की अनुमति दी गई है।
इससे छोटे होटल मालिकों को व्यवसाय बढ़ाने का अवसर मिलेगा और सरकार को अवैध शराब बिक्री से होने वाले नुकसान की भरपाई करने में मदद मिलेगी। कई छोटे होटल अब तक अनधिकृत रूप से शराब परोसते थे, जिससे सरकार का राजस्व प्रभावित होता था। अब इन होटलों को आधिकारिक लाइसेंस मिलने से शराब बिक्री को नियमित किया जा सकेगा।
सरकार के इस फैसले से छोटे होटल मालिकों को एक नया व्यवसायिक अवसर मिलेगा और वे कानूनी रूप से अपने होटल में बार चला सकेंगे।
अब एयरपोर्ट और स्विस टेंट में भी खुलेगा बार
नई नीति में एक और बड़ा बदलाव यह किया गया है कि अब एयरपोर्ट पर भी बार खोलने की अनुमति दी जाएगी।
- अब तक राजस्थान के किसी भी एयरपोर्ट पर बार खोलने की अनुमति नहीं थी।
- नई नीति में इसे मंजूरी दी गई है ताकि पर्यटकों और यात्रियों को अतिरिक्त सुविधाएं मिल सकें।
- देश के अन्य राज्यों में एयरपोर्ट पर बार संचालन की अनुमति है, इसी तर्ज पर राजस्थान में भी इसे लागू किया गया है।
इसके अलावा, स्विस टेंट (पर्यटकों के लिए बनाए गए अस्थायी लक्जरी आवास) को भी बार लाइसेंस जारी करने की अनुमति दी गई है।
राजस्थान के कई पर्यटन स्थलों पर स्विस टेंट बहुत लोकप्रिय हैं, जैसे:
- जैसलमेर
- माउंट आबू
- रणकपुर
- जवाई बांध
- सवाई माधोपुर
- कुंभलगढ़
- पुष्कर
यह सभी क्षेत्र पर्यटकों के बीच काफी प्रसिद्ध हैं और यहां शराब की मांग बनी रहती है। अब सरकार के इस फैसले से पर्यटन उद्योग को और मजबूती मिलेगी।
हर साल 10% बढ़ेगी गारंटी राशि
नई आबकारी नीति के तहत, शराब की दुकानों के लाइसेंस को हर साल नवीनीकरण कराना होगा। इसके लिए अब गारंटी राशि में हर वर्ष 10% की वृद्धि की जाएगी।
- इसका सीधा असर शराब कारोबारियों पर पड़ेगा, क्योंकि हर साल उन्हें अधिक रकम जमा करनी होगी।
- हालांकि, सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि दुकानों की संख्या पहले की तरह 7665 ही रहेगी।
इस नीति का उद्देश्य शराब कारोबारियों को अनुशासित करना और सरकार के राजस्व को बढ़ाना है।
होटल बार की संख्या में जबरदस्त इजाफा होने की संभावना
राजस्थान में वर्तमान में 1477 होटल बार हैं। नई नीति के तहत 10 कमरों वाले होटलों को लाइसेंस देने से यह संख्या कई गुना बढ़ सकती है।
- इससे छोटे होटलों के लिए नए व्यवसायिक अवसर खुलेंगे।
- पर्यटन क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
- होटल बार और रेस्ट्रो बार की संख्या बढ़ने से शराब की बिक्री में इजाफा होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बदलाव से छोटे व्यापारियों और होटल मालिकों को बड़ा फायदा होगा, जिससे राज्य में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी।
राजस्व में बढ़ोतरी और सरकारी फायदा
सरकार को उम्मीद है कि इस नीति से राज्य का आबकारी राजस्व कई गुना बढ़ेगा।
- बार लाइसेंस की नई शर्तों के लागू होने से हजारों नए आवेदक सामने आ सकते हैं।
- एयरपोर्ट और स्विस टेंट में बार खोलने की अनुमति देने से पर्यटन क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा।
- अवैध शराब बिक्री पर नियंत्रण करने से सरकार का नुकसान कम होगा।
सरकार ने इस नीति को पर्यटन क्षेत्र के अनुकूल बनाया है ताकि राज्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर के पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ावा मिल सके।
नई आबकारी नीति को लेकर विवाद और आलोचना
हालांकि, इस नीति को लेकर कुछ लोग विरोध भी कर रहे हैं।
- विपक्षी दलों का कहना है कि यह नीति सिर्फ शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाई गई है।
- कुछ सामाजिक संगठनों ने बार लाइसेंस की प्रक्रिया को आसान बनाए जाने का विरोध किया है।
- विपक्ष का आरोप है कि इससे शराब की लत बढ़ेगी और सामाजिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
हालांकि, सरकार का कहना है कि यह नीति राजस्व बढ़ाने और पर्यटन उद्योग को मजबूत करने के लिए बनाई गई है।