शोभना शर्मा, अजमेर। राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) को अब आधार बायोमेट्रिक सत्यापन प्रणाली का उपयोग करने की अनुमति मिल गई है। यह कदम आयोग की भर्ती प्रक्रिया को अधिक विश्वसनीय और पारदर्शी बनाने में अहम भूमिका निभाएगा। 27 नवंबर 2024 को जारी अधिसूचना के अनुसार, आयोग अब डमी कैंडिडेट्स, जालसाजी और दोहरे आवेदन की रोकथाम के लिए आधार आधारित सत्यापन प्रणाली का उपयोग कर सकेगा। यह अनुमति राजस्थान सरकार के कार्मिक विभाग और भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा प्रदान की गई है।
आधार बायोमेट्रिक सत्यापन की प्रक्रिया और महत्व
आधार बायोमेट्रिक सत्यापन के जरिए भर्ती प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में अभ्यर्थियों की पहचान सुनिश्चित की जाएगी।
- प्रक्रियाओं में उपयोग:
- ऑनलाइन आवेदन की जांच
- साक्षात्कार और काउंसलिंग
- दस्तावेज़ सत्यापन
- लिखित परीक्षा और नियुक्ति
- लाभ:
- डमी अभ्यर्थियों की पहचान और रोकथाम।
- जालसाजी और फर्जी अभ्यर्थियों पर लगाम।
- भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता और शुचिता।
RPSC द्वारा पहले से किए गए सुधार
राजस्थान लोक सेवा आयोग ने भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए पहले ही कई सुधार लागू किए हैं।
- वन टाइम रजिस्ट्रेशन:
- अंगूठा निशानी और लाइव फोटो कैप्चर।
- OMR शीट में पांचवां विकल्प:
- जालसाजी और नकल रोकने के लिए।
- साक्षात्कार प्रक्रिया सुधार:
- इंटरव्यू बोर्ड आवंटन में बदलाव।
आयोग को मिली आधार सत्यापन की अनुमति
आयोग के आग्रह पर 8 मई 2024 को राजस्थान सरकार के कार्मिक विभाग ने भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को पत्र भेजा। मंत्रालय ने आधार एक्ट 2016 की धारा 4 और आधार ऑथेंटिकेशन फॉर गुड गवर्नेंस नियम 2020 के तहत आयोग को सत्यापन की अनुमति प्रदान की। अब राजस्थान सरकार ने भी अपनी अधिसूचना जारी कर आयोग को इस सुविधा का उपयोग करने की अनुमति दे दी है।
भविष्य की योजना
आयोग द्वारा बायोमेट्रिक सत्यापन के लिए बुनियादी संसाधन जुटा लिए गए हैं। इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। यह कदम आयोग की कार्यप्रणाली में सुधार के साथ-साथ नकल गिरोहों पर रोक लगाने में सहायक सिद्ध होगा।