शोभना शर्मा। राजस्थान में चल रहे SI भर्ती 2021 पेपर लीक मामले में नए खुलासे हो रहे हैं। इस मामले में मुख्य आरोपी बाबूलाल कटारा को स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की टीम ने अजमेर स्थित राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के ऑफिस लेकर पहुंची, जहां उनसे पूछताछ की गई। कटारा को उनके सील्ड चैंबर में लाकर दस्तावेजों की जांच भी की गई। कटारा के चैंबर में सील्ड आलमारी खोली गई और वहां से दस्तावेजों की जांच की गई।
इस दौरान कटारा के साथ अन्य आरोपियों, जैसे पूर्व RPSC सदस्य रामूराम राईका, उनके बेटे देवेश राईका और बेटी शोभा राईका को भी RPSC में लाया गया और सभी से आमने-सामने पूछताछ की गई। एसओजी की टीम ने आयोग के अधिकारियों और कटारा को आमने-सामने बैठाकर भी सवाल-जवाब किए।
कटारा पर पहले भी लगे हैं गंभीर आरोप
बाबूलाल कटारा पर सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने का भी आरोप है। इससे पहले, RPSC के पूर्व सदस्य रामूराम राईका को भी पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया गया था, जिन्होंने पूछताछ में बताया था कि पेपर उन्हें कटारा से मिला था। राईका की इस जानकारी के बाद ही कटारा को जयपुर सेंट्रल जेल से प्रोडक्शन वारंट पर फिर से गिरफ्तार किया गया। 31 अगस्त 2023 को एसओजी ने राजस्थान पुलिस अकादमी से 5 ट्रेनी सब-इंस्पेक्टर को भी गिरफ्तार किया था, जिसमें रामूराम राईका के बेटे और बेटी भी शामिल थे।
पेपर लीक मामले में नए खुलासे
जांच में खुलासा हुआ कि SI परीक्षा 2021 के पेपर लीक मामले में नकल करवाने के लिए बाकायदा मॉकड्रिल कराई गई थी। परीक्षा से एक दिन पहले, 14 सितंबर 2021 को, जोधपुर के एक परीक्षा केंद्र पर नकल के लिए अभ्यास कराया गया था। इसमें पूर्व सैनिक बिजेंद्र कुमार, उसकी पत्नी और महिला मित्र रितु शर्मा शामिल थे। इन लोगों ने परीक्षा के समय में पेपर सॉल्व करने की प्रैक्टिस की थी और यह सुनिश्चित किया गया कि पेपर सॉल्वर द्वारा सही समय पर पर्ची पहुंचाई जा सके।
बिजेंद्र की भर्ती परीक्षा में 92वीं रैंक बनी थी और उसके महिला मित्र रितु शर्मा ने अन्य अभ्यर्थियों के लिए जानकारी दिलवाई थी। इस दौरान करीब 100 से अधिक अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरियों में प्रवेश दिलवाने की बात सामने आई है।
SOG की टीम जयपुर लेकर रवाना
जांच के दौरान, एसओजी की टीम ने कटारा के साथ-साथ रामूराम राईका और उनके बेटे-बेटी से पूछताछ की और फिर सभी को जयपुर लेकर रवाना हो गई। RPSC ऑफिस में दस्तावेजों की गहन जांच जारी है। इससे पहले, एसओजी की टीम रिमांड पर चल रहे ट्रेनी एसआई बिजेंद्र कुमार और रितु शर्मा को लेकर झुंझुनूं पहुंची, जहां उनके घरों पर तलाशी ली गई। सर्च के दौरान एक डायरी मिली, जिसमें पैसों के लेन-देन की जानकारी थी। हालांकि दोनों ने इस जानकारी को नकार दिया।
मॉकड्रिल में नकल की साजिश
जांच में यह भी सामने आया कि परीक्षा केंद्र पर नकल करवाने के लिए बाकायदा पूर्व सैनिक बिजेंद्र कुमार की मदद ली गई थी। परीक्षा से पहले उसके घर पर ठहरने की जानकारी मिली और उसने अपनी पत्नी और महिला मित्र रितु के साथ परीक्षा के दिन केंद्र पर पहुंचने की योजना बनाई थी। मॉकड्रिल के दौरान स्कूल संचालक सोमेश ने अभ्यर्थियों को परीक्षा कक्ष में बैठने और पेपर सॉल्व करवाने का अभ्यास कराया था। इसके बाद, पर्ची आने के बाद अभ्यर्थियों को ओएमआर शीट भरने की प्रक्रिया भी सिखाई गई थी।
42 ट्रेनी सब-इंस्पेक्टर गिरफ्तार
इस पेपर लीक मामले में अब तक 42 ट्रेनी सब-इंस्पेक्टर सहित 70 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। हर दिन नए खुलासे सामने आ रहे हैं, जिससे राजस्थान में पेपर लीक घोटाले की गंभीरता का पता चलता है। पेपर सॉल्वर के रूप में काम कर रहे व्यक्तियों ने 100 से अधिक अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरियां दिलवाई हैं। अब एसओजी की टीम इस मामले की जांच कर रही है और रोज नए तथ्य सामने ला रही है।