मनीषा शर्मा। राजस्थान की राजनीति के प्रमुख चेहरे डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, जिन्हें लोग ‘बाबा’ के नाम से जानते हैं, इन दिनों सुर्खियों में हैं। उन्होंने जून 2024 में लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद कृषि एवं उद्यानिकी, ग्रामीण विकास, आपदा प्रबंधन और जन अभियोग निराकरण विभागों से मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, उनके इस्तीफे पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है, फिर भी डॉ. मीणा ने अपने विभागीय कामकाज से दूरी बना ली है।
मंत्री पद से इस्तीफा देने के बावजूद, डॉ. मीणा अपनी एक विशेष पहचान बनाए हुए हैं। उन्होंने हाल ही में करौली जिले के हिंडौन सिटी का दौरा किया, जहां भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ था। इस दौरे के लिए उन्होंने हेलीकॉप्टर की मांग की थी, लेकिन सरकार ने उसे अस्वीकार कर दिया। इसके बावजूद, बाबा ने निजी वाहन से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने कहा कि वे एक जनप्रतिनिधि के रूप में अपना कर्तव्य निभा रहे हैं, न कि मंत्री के रूप में।
डॉ. मीणा के इस्तीफे के बावजूद, वह अभी भी मंत्री के रूप में ट्रांसफर की नोटशीट्स लिख रहे हैं। अब तक, उन्होंने 100 से अधिक नोटशीट्स विभिन्न मंत्रियों को भेजी हैं। उनके इस व्यवहार को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं गर्म हैं कि आखिर वह किस भूमिका में हैं। एक तरफ, वे सरकारी दफ्तर नहीं जाते, सरकारी गाड़ी का उपयोग नहीं करते, और दूसरी तरफ, वे मंत्री के रूप में कार्य कर रहे हैं।
डॉ. मीणा का कहना है कि पद से ज्यादा उनके लिए कर्तव्य महत्वपूर्ण है। हालांकि, यह देखना बाकी है कि उनका इस्तीफा कब मंजूर होता है और वे किस भूमिका में आगे बढ़ते हैं।