शोभना शर्मा। राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (आरयूएचएस), जयपुर में बी.एससी. नर्सिंग पाठ्यक्रम की द्वितीय और तृतीय सेमेस्टर की परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक होने का मामला सामने आया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस गंभीर घटना को ध्यान में रखते हुए परीक्षाओं को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है। पेपर लीक की घटना 23, 24 और 25 जनवरी 2025 को आयोजित परीक्षाओं के दौरान हुई।
परीक्षाओं के प्रश्न पत्र की गोपनीयता भंग होने की सूचना मिलते ही विश्वविद्यालय ने एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया और जयपुर पुलिस आयुक्तालय में एफआईआर दर्ज करवाई।
पेपर लीक का स्वरूप
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. धनंजय अग्रवाल ने बताया कि बी.एससी. नर्सिंग के प्रथम सेमेस्टर के “एप्लाइड एनाटॉमी एंड एप्लाइड फिजियोलॉजी”, द्वितीय सेमेस्टर के “एप्लाइड बायोकेमेस्ट्री एंड एप्लाइड न्यूट्रीशन एंड डाइटेटिक्स” और तृतीय सेमेस्टर के “एप्लाइड माइक्रोबायोलॉजी एंड इंफेक्शन कंट्रोल” विषयों की परीक्षाएं क्रमशः 23, 24 और 25 जनवरी को आयोजित की गई थीं।
जांच में पता चला कि परीक्षा के थ्योरी-बेस्ड खंड में शामिल कुछ प्रश्नों की हस्तलिखित प्रति परीक्षा से पहले छात्रों के बीच प्रसारित हो गई थी। हालांकि, मल्टीपल चॉइस प्रश्न (MCQs) का कोई अंश लीक नहीं हुआ है। इसके बावजूद, विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्र हितों और परीक्षा की निष्पक्षता को ध्यान में रखते हुए इन परीक्षाओं को निरस्त कर दिया।
पुलिस जांच और संदिग्धों की हिरासत
पेपर लीक प्रकरण की गंभीरता को समझते हुए जयपुर पुलिस ने राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 1992 की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर ली। पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह पता चला है कि प्रश्न पत्रों के कुछ अंश छात्रों तक परीक्षा से पहले हस्तलिखित रूप में पहुंचाए गए थे।
जयपुर पुलिस ने इस मामले में टेक्निकल इन्वेस्टिगेशन शुरू करते हुए 24 घंटों के भीतर 5 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। इनसे गहन पूछताछ की जा रही है, और पुलिस पेपर लीक के मूल स्रोत का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
परीक्षा निरस्त और पुनः आयोजन
विश्वविद्यालय प्रशासन ने निरस्त की गई परीक्षाओं के लिए नई तारीखों की घोषणा जल्द करने का आश्वासन दिया है। इसके अलावा, आंतरिक जांच के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की गई है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों और अभिभावकों को आश्वस्त किया है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पेपर लीक की घटना का प्रभाव
यह घटना न केवल विश्वविद्यालय की परीक्षा प्रणाली की गोपनीयता पर सवाल उठाती है, बल्कि छात्रों की मेहनत और करियर पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालती है। इस तरह की घटनाएं परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और विश्वसनीयता को प्रभावित करती हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को सख्त करने का निर्णय लिया है।
क्या कहते हैं विश्वविद्यालय के अधिकारी?
कुलपति डॉ. धनंजय अग्रवाल ने कहा, “हम छात्रों के हित में हर संभव कदम उठा रहे हैं। पेपर लीक की घटना बेहद गंभीर है, और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”