शोभना शर्मा। आज का समय सोशल मीडिया और दिखावटी लाइफस्टाइल का है। जब इंस्टाग्राम पर आपके दोस्त यूरोप में घूमते नजर आते हैं, या ऑफिस का कोई सहकर्मी नया आईफोन खरीद लेता है, तो आपके मन में भी यही ख्याल आता है कि “मैं पीछे क्यों रहूं?”। इसी सोच के साथ अक्सर लोग EMI, क्रेडिट कार्ड और ‘बाय नाउ पे लेटर’ (BNPL) जैसी योजनाओं का सहारा लेने लगते हैं। शुरू में यह सब बेहद आसान और आकर्षक लगता है, क्योंकि यह आपको ऐसी जिंदगी जीने का मौका देता है जो आपकी सैलरी वास्तव में अफोर्ड नहीं कर सकती। आप लेटेस्ट गैजेट्स इस्तेमाल करते हैं, ब्रांडेड कपड़े पहनते हैं और आलीशान जगहों पर छुट्टियां बिताते हैं। बाहर से देखने वालों को लगता है कि आप ‘अमीर’ जिंदगी जी रहे हैं। लेकिन हकीकत यह है कि यह अमीरी आपकी नहीं, बल्कि ‘किराए’ की है। यही है “किराए की अमीरी” (Rented Richness), जो धीरे-धीरे कर्ज के दलदल की तरफ धकेल देती है। इस लाइफस्टाइल को पहचानने के लिए कुछ संकेत बेहद अहम हैं। अगर आप इन संकेतों में खुद को पाते हैं, तो समझ जाइए कि आप भी ‘किराए की अमीरी’ के शिकार हो चुके हैं।
संकेत 1: सैलरी का 40% से ज्यादा EMI में जा रहा है
यह सबसे बड़ा और पहला चेतावनी संकेत है। वित्तीय नियम के अनुसार, आपकी कुल मासिक आय का 40% से अधिक हिस्सा किसी भी EMI (होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन, फोन EMI आदि) में नहीं जाना चाहिए।
उदाहरण के लिए, यदि आपकी मासिक सैलरी 60,000 रुपये है, तो आपकी कुल EMI 24,000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। अगर आपकी EMI इस सीमा से ऊपर चली गई है, तो इसका मतलब है कि आप अपनी आय से अधिक खर्च कर रहे हैं। परिणामस्वरूप, आपके पास बाकी खर्चों और बचत के लिए बहुत कम पैसा बचेगा।
संकेत 2: एक कर्ज चुकाने के लिए दूसरा कर्ज लेना
किराए की अमीरी के जाल में फंसे लोग अक्सर पुराने कर्ज को चुकाने के लिए नया कर्ज ले लेते हैं। जैसे-
क्रेडिट कार्ड A का बिल चुकाने के लिए क्रेडिट कार्ड B का इस्तेमाल करना।
पर्सनल लोन की EMI भरने के लिए BNPL ऐप से पैसा उठाना।
दोस्तों से उधार लेकर क्रेडिट कार्ड का मिनिमम ड्यू भरना।
अगर आप भी यह सब कर रहे हैं, तो आप “कर्ज के चक्रव्यूह” (Debt Trap) में फंस चुके हैं। इसमें फंसने के बाद बाहर निकलना बेहद मुश्किल हो जाता है।
संकेत 3: सैलरी का इंतजार सिर्फ बिल भरने के लिए करना
क्या आपकी सैलरी आने से पहले ही यह तय हो जाता है कि उसका अधिकांश हिस्सा कहां जाएगा—जैसे क्रेडिट कार्ड का बिल, फोन की EMI या घर का किराया? अगर हां, तो इसका मतलब है कि आप “पेचेक टू पेचेक” जी रहे हैं। यानी एक महीने की सैलरी से दूसरी सैलरी तक बस किसी तरह गुजारा कर रहे हैं, लेकिन आपके पास निवेश या बचत के लिए कुछ नहीं बचता।
संकेत 4: इमरजेंसी फंड का न होना
शानदार लाइफस्टाइल जीने वाले बहुत से लोगों के पास इमरजेंसी फंड नहीं होता। यह सबसे बड़ा खतरा है। खुद से पूछिए: अगर अचानक नौकरी चली जाए या मेडिकल इमरजेंसी आ जाए, तो क्या आप अगले 3 से 6 महीने तक बिना उधार लिए घर चला सकते हैं? अगर आपका जवाब “नहीं” है, तो आपकी अमीरी महज दिखावा है। एक छोटा सा झटका आपकी पूरी वित्तीय दुनिया को हिला सकता है।
संकेत 5: ‘नो-कॉस्ट EMI’ और BNPL को मुफ्त पैसा समझना
आजकल “नो-कॉस्ट EMI” और “बाय नाउ पे लेटर” (BNPL) सबसे बड़ा वित्तीय धोखा साबित हो रहे हैं।
नो-कॉस्ट EMI का सच: कई बार प्रोडक्ट की कीमत में ही ब्याज जोड़ दिया जाता है, या मिलने वाला डिस्काउंट हटा दिया जाता है। इसके अलावा प्रोसेसिंग फीस और GST का अतिरिक्त बोझ भी होता है।
BNPL का जाल: BNPL आपको तुरंत खर्च करने की आदत डालता है। समय पर भुगतान न करने पर इस पर लगने वाला ब्याज और पेनल्टी क्रेडिट कार्ड से भी ज्यादा हो सकता है।
यानी यह कोई मुफ्त का पैसा नहीं, बल्कि महंगा कर्ज है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. ‘किराए की अमीरी’ की आदत से कैसे छुटकारा पाएं?
सबसे पहले अपने खर्चों को ट्रैक करना शुरू करें और बजट बनाएं। गैर-जरूरी खर्चों (जैसे रोज बाहर खाना, महंगे कपड़े) में कटौती करें। EMI को जल्दी खत्म करने की कोशिश करें और नए कर्ज से बचें।2. मेरी EMI आय का 40% से ज्यादा है, मुझे क्या करना चाहिए?
अपनी आय बढ़ाने के विकल्प तलाशें, जैसे साइड हसल या फ्रीलांसिंग। महंगे कर्ज (क्रेडिट कार्ड, पर्सनल लोन) को प्राथमिकता से चुकाएं। बैलेंस ट्रांसफर जैसी योजनाओं का उपयोग करके ब्याज दर कम कर सकते हैं।3. क्या BNPL का इस्तेमाल हमेशा गलत है?
जरूरी नहीं। यदि आप अनुशासित हैं और समय पर भुगतान कर सकते हैं, तो BNPL उपयोगी हो सकता है। लेकिन यदि आप इसे अपनी आय से अधिक खर्च करने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, तो यह बेहद खतरनाक है।4. इमरजेंसी फंड कितना होना चाहिए?
एक आदर्श इमरजेंसी फंड आपके कम से कम 6 महीने के आवश्यक खर्चों (घर का किराया, EMI, राशन, बच्चों की फीस) के बराबर होना चाहिए।5. मैं कर्ज में फंस चुका हूं, मदद कहां से लूं?
आप किसी सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर (CFP) या क्रेडिट काउंसलर से मदद ले सकते हैं। वे आपकी आय-खर्च का विश्लेषण करके आपको कर्ज से बाहर निकलने का व्यवहारिक रास्ता बताएंगे।‘किराए की अमीरी’ एक धीमा जहर है, जो बाहर से चमकदार दिखता है लेकिन भीतर से आपकी वित्तीय नींव खोखली कर देता है। EMI, क्रेडिट कार्ड और BNPL का समझदारी से इस्तेमाल जरूरी है, वरना यह आपको कर्ज के गहरे दलदल में धकेल सकता है। असली अमीरी वही है जो बचत, निवेश और मजबूत वित्तीय आधार पर खड़ी हो, न कि केवल दिखावे पर।