मनीषा शर्मा । राजस्थान के कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत ने राहुल गांधी को ‘मनोरंजन करने वाला नेता’ बताया। गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी जनता के मुद्दों से बेखबर हैं और उनकी राजनीति का उद्देश्य सिर्फ संसद के कामकाज में व्यवधान डालना है। गहलोत के अनुसार, राहुल गांधी का असली मकसद केवल लोगों का मनोरंजन करना है और उन्हें धरातल की वास्तविकता की कोई जानकारी नहीं है।
गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी का नेता प्रतिपक्ष के तौर पर पहला भाषण भी विफल साबित हुआ है। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी तो मनोरंजन के नेता हैं, वो कुछ भी कह सकते हैं। उन्हें धरातल की जानकारी नहीं है। उनकी बातें जनता कभी माफ नहीं करेगी।” गहलोत ने कांग्रेस पर संविधान का मजाक उड़ाने का भी आरोप लगाया और कहा कि राहुल गांधी का राजनीतिक करियर फ्लॉप हो रहा है।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने भी राहुल गांधी के भाषण पर तीखी प्रतिक्रिया दी। जोशी ने कहा कि राहुल गांधी ने हिंदुओं को हिंसक बताकर शर्मनाक बयान दिया है। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी का हिंदुओं को हिंसक बताना शर्मनाक है। वे अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए हिंदू धर्म और हिंदुओं को बदनाम कर रहे हैं। इस तरह के असत्य और आधारहीन बयान देना न केवल हिंदू धर्म का अपमान है, बल्कि समाज में अशांति और विभाजन फैलाने का भी प्रयास है।”
जोशी ने कहा कि हिंदू धर्म का मूल सिद्धांत हिंसा से दूर रहना है और उन्हें गर्व है कि वे हिंदू परिवार में जन्मे हैं। उन्होंने कहा, “हिंसायाम दूयते या सा हिन्दू अर्थात जो अपने मन, वचन, कर्म से हिंसा से दूर रहे वह हिंदू है। मुझे गर्व है कि मैं हिंदू परिवार में जन्मा हूं, हिंदू परंपरा में बड़ा हुआ हूं। मैं हिंदू हूं, हिंसक नहीं।” जोशी ने राहुल गांधी से अपने बयान के लिए माफी मांगने की मांग की।
बीजेपी के इन बयानों से यह स्पष्ट हो गया है कि राहुल गांधी के संसद में दिए गए भाषण को लेकर पार्टी के भीतर आक्रोश है। बीजेपी नेताओं ने उनके बयानों को जनता और हिंदू धर्म के खिलाफ बताया है और उनसे माफी की मांग की है।