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कोर्ट के आदेश पर एडीएम कार्यालय की कुर्की रोकने की कोशिश

कोर्ट के आदेश पर एडीएम कार्यालय की कुर्की रोकने की कोशिश

मनीषा शर्मा, अजमेर।   मंगलवार को एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम देखने को मिला, जब कोर्ट के आदेश पर एडीएम प्रशासन के कार्यालय की कुर्की की कार्रवाई होने वाली थी। यह मामला गुरुनानक प्राथमिक विद्यालय के 7 शिक्षकों के 1.17 करोड़ रुपये वेतन बकाया से जुड़ा था। कोर्ट के निर्देशों के बावजूद भुगतान नहीं होने के कारण यह कार्रवाई तय थी, लेकिन जिला शिक्षा अधिकारियों और प्रशासन ने लिखित आश्वासन देकर एक महीने का समय मांगा, जिससे कुर्की फिलहाल टल गई।

क्या है पूरा मामला?

गुरुनानक प्राथमिक विद्यालय, वैशाली नगर के 7 शिक्षकों को लंबे समय से उनका बकाया वेतन नहीं मिला था। इन शिक्षकों ने राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक शिक्षण संस्थान अधिकरण, जयपुर में याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई के बाद अधिकरण ने 20 दिसंबर 2023 को आदेश दिया था कि शिक्षकों को 1.17 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की जाए। इस आदेश के तहत विद्यालय प्रशासन और शिक्षा विभाग को भुगतान की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन समय बीतने के बावजूद वेतन का भुगतान नहीं हुआ, जिससे न्यायालय ने कुर्की का आदेश जारी किया।

कुर्की की नौबत क्यों आई?

इस पूरे घटनाक्रम की जड़ में वर्षों से लंबित वेतन बकाया है। साल 2011 में गुरुनानक प्राथमिक विद्यालय के इन शिक्षकों को राज्य सरकार द्वारा अनुदानित शिक्षण संस्थानों में समायोजित किया गया था। समायोजन के बाद सभी शिक्षक रिटायर हो गए, लेकिन उनका बकाया वेतन अब तक नहीं दिया गया था। शिक्षकों ने इस मामले को लेकर संबंधित विभागों में कई बार पत्राचार किया, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। आखिरकार, उन्होंने राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक शिक्षण संस्थान अधिकरण, जयपुर का दरवाजा खटखटाया। न्यायालय के आदेश के बावजूद प्रशासन ने भुगतान नहीं किया, जिसके बाद कोर्ट ने कुर्की का वारंट जारी किया। मंगलवार को कोर्ट के नाजिर और उनकी टीम कुर्की के लिए एडीएम प्रशासन कार्यालय पहुंची, जिससे वहां हलचल मच गई।

कैसे टली कुर्की?

कुर्की की सूचना मिलते ही एडीएम प्रशासन ज्योति ककवानी ने तुरंत मामले को गंभीरता से लिया। एडीएम सिटी गजेंद्र सिंह भी मौके पर पहुंचे और जिला शिक्षा अधिकारी को कार्यालय बुलाया गया। शिक्षकों के अधिवक्ताओं और कोर्ट की टीम के साथ वार्ता के बाद प्रशासन ने एक महीने का समय मांगा और लिखित में भुगतान का आश्वासन दिया। इसके बाद कुर्की की कार्रवाई फिलहाल रोक दी गई।

शिक्षकों को कब मिलेगा बकाया वेतन?

शिक्षा विभाग ने कोर्ट को भरोसा दिलाया है कि एक महीने के भीतर 7 शिक्षकों को 1.17 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया जाएगा। यदि इस अवधि में भी भुगतान नहीं किया जाता, तो अदालत फिर से कुर्की की कार्रवाई कर सकती है और एडीएम प्रशासन कार्यालय की संपत्तियों को जब्त किया जा सकता है।

शिक्षकों और अधिवक्ताओं की प्रतिक्रिया

वरिष्ठ अधिवक्ता विजय मेहता ने कहा, “न्यायालय ने शिक्षकों के पक्ष में फैसला सुनाया है और यह आदेश अब भी प्रभावी है। प्रशासन को इस बार समय सीमा के भीतर भुगतान करना ही होगा। यदि ऐसा नहीं होता, तो हम दोबारा कुर्की की मांग करेंगे।”

शिक्षिका बिनु भारद्वाज, जिनका वेतन बकाया है, ने कहा, “हमने अपने जीवन के कई वर्ष इस विद्यालय में दिए। लेकिन रिटायर होने के बाद भी हमें वेतन के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। हमें उम्मीद है कि इस बार प्रशासन अपने वादे पर खरा उतरेगा।”

शिक्षक संघ के प्रवक्ता ने चेतावनी देते हुए कहा, “अगर एक महीने के भीतर वेतन नहीं दिया गया, तो हम अवमानना याचिका दायर करेंगे और सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”

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