शोभना शर्मा। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने सैफ अली खान पर अजमेर में हुए हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं। उन्होंने कहा, “इन पर हमले होते रहते हैं। अल्लाह का शुक्र है कि उनकी जान बच गई। दुआ है कि वह जल्दी स्वस्थ हो जाएं। साथ ही यह भी प्रार्थना करता हूं कि देश में ऐसी घटनाएं न हों, जहां लोगों पर हमले किए जाते हैं।”
फारूक अब्दुल्ला शुक्रवार को अजमेर दरगाह में जियारत के लिए पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि दरगाह आकर उन्हें हमेशा सुकून और खुशी मिलती है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि वहां के लोग पिछले एक दशक से कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने दुआ की कि जम्मू-कश्मीर में अमन और तरक्की का माहौल बने और यह राज्य अपनी मुश्किलों से बाहर निकले।
नेशनल कॉन्फ्रेंस और बीजेपी पर बोले- “हम कभी साथ नहीं हो सकते”
फारूक अब्दुल्ला ने नेशनल कॉन्फ्रेंस और बीजेपी के एक होने की संभावना को पूरी तरह से खारिज कर दिया। उन्होंने साफ तौर पर कहा, “हम उन लोगों के साथ नहीं चल सकते जो नफरत फैलाते हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस और बीजेपी का एक होना संभव नहीं है।”
उन्होंने देश में बढ़ती नफरत और आपसी संघर्ष के मुद्दे पर चिंता जाहिर की और कहा कि भाईचारा बनाए रखना बेहद जरूरी है।
दरगाह पर दुआ: “अमन और तरक्की के लिए अल्लाह से मांगी प्रार्थना”
अजमेर दरगाह में अपनी जियारत से पहले मीडिया से बातचीत के दौरान फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि वह यहां दुआ करने आए हैं। उन्होंने कहा, “मैंने दुआ की कि हमारी रियासत ठीक रहे, अमन और भाईचारा कायम हो। पहाड़ों पर बर्फ की कमी के कारण पानी की समस्या बढ़ सकती है। अल्लाह से यही प्रार्थना है कि इस साल हमारे पहाड़ों पर बर्फबारी हो, ताकि पानी की कमी न हो।”
राजौरी में वायरस से मौतों पर चिंता
जम्मू-कश्मीर के राजौरी में अज्ञात वायरस से 15 मौतों के मामले पर उन्होंने कहा कि वहां एक वायरस फैला हुआ है। इस वायरस की पहचान के लिए वैज्ञानिक काम कर रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्दी ही इसका समाधान निकाला जाएगा।
चुनाव पर बोले- “चुनाव आते-जाते रहते हैं”
दिल्ली चुनाव के सवाल पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “चुनाव एक प्रक्रिया है, जो आती-जाती रहती है। इससे देश के लोकतंत्र को मजबूती मिलती है।”
दरगाह विवाद पर दी प्रतिक्रिया
अजमेर दरगाह विवाद पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि यह मामला उच्च न्यायालय के पास है। उन्होंने अयोध्या विवाद का जिक्र करते हुए कहा कि जब वहां खुदाई की गई थी, तो कोई ठोस सबूत नहीं मिला था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने वहां की अक्सरियत को ध्यान में रखते हुए फैसला सुनाया। उन्होंने विश्वास जताया कि अदालत अजमेर दरगाह मामले में भी न्यायपूर्ण निर्णय लेगी।
दौसा में कार हादसा: “अल्लाह का शुक्र, कोई चोट नहीं आई”
अजमेर आते वक्त फारूक अब्दुल्ला के काफिले की एक कार शुक्रवार दोपहर दौसा के पास हादसे का शिकार हो गई। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर अचानक नीलगाय सामने आ जाने से एस्कॉर्ट गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई। गाड़ी के एयरबैग खुल गए, लेकिन गनीमत रही कि किसी को चोट नहीं आई। फारूक अब्दुल्ला ने बताया कि हादसा उनके काफिले की एस्कॉर्ट गाड़ी का था और वह पूरी तरह सुरक्षित हैं।