शोभना शर्मा। भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले कुछ दिनों से चल रहे तनाव के बीच संघर्ष विराम (सीजफायर) की घोषणा जरूर हुई, लेकिन पाकिस्तान की नापाक हरकतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। शनिवार रात पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर में संघर्ष विराम तोड़े जाने के बाद राजस्थान के सीमावर्ती जिलों—गंगानगर, जैसलमेर, बाड़मेर और फलोदी—में जिला प्रशासन को ब्लैकआउट और अलर्ट जैसे सख्त कदम उठाने पड़े। सीमावर्ती इलाकों में शुक्रवार रात से ही बिजली बंद कर दी गई थी, जिससे पूरा क्षेत्र अंधेरे में डूबा रहा। यह कदम सुरक्षा कारणों से उठाया गया ताकि पाकिस्तान की ओर से होने वाले किसी भी संभावित हमले, विशेषकर ड्रोन या मिसाइल अटैक से बचाव किया जा सके। हालांकि शनिवार शाम संघर्ष विराम की घोषणा के बाद कुछ राहत जरूर मिली और कई कस्बों व शहरों में बाजार खुले, जिससे जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य होता दिखाई दिया।
जोधपुर, जो भले ही पाकिस्तान की सीमा से न जुड़ा हो, लेकिन सामरिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है। वहां भी सुरक्षा को लेकर रात 12 बजे से सुबह 4 बजे तक ब्लैकआउट का आदेश जिला कलेक्टर गौरव गोयल द्वारा जारी किया गया। साथ ही, ड्रोन उड़ाने और आतिशबाजी जैसी गतिविधियों पर भी प्रतिबंध लगाया गया, जो अब तक जारी है।
जैसलमेर में पहले से ही रात 11 बजे से ब्लैकआउट का कार्यक्रम निर्धारित था, लेकिन पाकिस्तान द्वारा सीजफायर उल्लंघन की खबर मिलते ही इसे पहले लागू कर दिया गया। बाड़मेर और गंगानगर जैसे शहरों में भी इसी तरह की स्थिति बनी रही। शनिवार को दिन में प्रशासन ने लोगों से अपील की कि वे अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें, जिसके चलते बाजार भी दिनभर बंद रहे।
इस दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर भ्रामक और झूठे दावे किए। शनिवार रात 11:30 बजे उन्होंने राष्ट्र को संबोधित करते हुए दावा किया कि भारत ने पहले हमला किया और पाकिस्तान केवल जवाब दे रहा है। शरीफ ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को संघर्ष विराम के लिए धन्यवाद दिया, साथ ही चीन, सऊदी अरब और तुर्किए का भी भारत के खिलाफ समर्थन देने के लिए आभार जताया।
अपने 12 मिनट के भाषण में शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान इस जंग को अंजाम तक पहुंचाएगा। उन्होंने अपनी सेना की प्रशंसा करते हुए कहा कि पाकिस्तानी वायुसेना ने अपने ही क्षेत्र में रहते हुए भारतीय विमानों को नुकसान पहुंचाया है। साथ ही उन्होंने यह दावा भी किया कि भारत के हमले में पाकिस्तान के 26 नागरिकों की मौत हुई है, जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। शहबाज शरीफ ने भारत पर पहलगाम हमले की आड़ में हमला करने का आरोप लगाया और इसे बेबुनियाद बताया। उन्होंने दोहराया कि जम्मू-कश्मीर एक ‘मुसलमा तनाजा’ (असंपन्न विवाद) है, जो तब तक रहेगा जब तक कश्मीरी लोगों को उनका हक नहीं मिल जाता।
भारत की ओर से विदेश मंत्रालय ने शाम 6 बजे सीजफायर की आधिकारिक जानकारी दी, लेकिन इसके महज तीन घंटे के भीतर ही पाकिस्तान की ओर से कई शहरों में गोलाबारी और ड्रोन हमले किए गए। इसकी वजह से गंगानगर, जैसलमेर, बाड़मेर और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में फिर से ब्लैकआउट की स्थिति बनानी पड़ी। दूसरी ओर, पाकिस्तान ने दावा किया कि भारत का एक ड्रोन पेशावर में देखा गया जिसे उनके एयर डिफेंस सिस्टम ने मार गिराया। हालांकि, भारत की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
गौर करने वाली बात यह है कि संघर्ष विराम की घोषणा के बाद भी पाकिस्तान की लगातार उकसावे वाली कार्रवाईयों ने यह साफ कर दिया है कि वह शांति की बात करके भी पीठ में छुरा घोंपने का काम कर रहा है। भारत की सीमाओं की सुरक्षा में तैनात जवान और प्रशासन दोनों ही सतर्क हैं और आम नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए हर आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
सीमा से सटे गांवों में रहने वाले लोगों ने भी इस तनाव के बीच संयम दिखाया है और संघर्ष विराम के फैसले का स्वागत किया है। स्थानीय किसानों ने कहा कि वे अब बिना डर के खेतों में काम कर पा रहे हैं। हालांकि, हालात पूरी तरह सामान्य होने में अभी वक्त लग सकता है, जब तक पाकिस्तान की तरफ से असली शांति की मंशा सामने न आए।