मनीषा शर्मा। राजस्थान में लगातार बढ़ते सड़क हादसों के मामलों ने राज्य की राजनीति और समाज दोनों में चिंता की लकीरें गहरी कर दी हैं। इसी संदर्भ में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सड़क सुरक्षा पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए भजनलाल शर्मा सरकार से त्वरित और सख्त कदम उठाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि हर दिन सड़क दुर्घटनाओं की खबरें सुनकर मन विचलित हो जाता है और कई परिवार एक झटके में उजड़ जाते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने संदेश में कहा कि किसी भी दिन ऐसा नहीं होता जब सड़क दुर्घटनाओं में 10 से 15 लोगों की जान न जा रही हो। उन्होंने कहा कि इन हादसों की वजह से परिवार मानसिक, शारीरिक और आर्थिक स्तर पर अपूरणीय क्षति झेल रहे हैं। गहलोत ने यह भी याद दिलाया कि सर्वोच्च न्यायालय ने रोड एक्सीडेंट्स को राष्ट्रीय संकट की तरह लेने का निर्देश दिया है, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है।
सरकार को सुझाए ये तत्काल कदम
गहलोत ने प्रदेश सरकार को सड़क सुरक्षा के मुद्दे पर और अधिक गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत बताई। उन्होंने सुझाव दिए कि:
सड़क इंजीनियरिंग में सुधार किया जाए
ट्रैफिक प्रबंधन को मजबूत किया जाए
ओवरस्पीडिंग और ओवरलोडिंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए
शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर कड़ी दंडात्मक कार्रवाई हो
दुर्घटनाओं के हॉटस्पॉट वाले हाईवे और सड़कों पर विशेष निगरानी हो
उन्होंने कहा कि सरकार को आवश्यकता है कि वह रोड सेफ्टी को सर्वोच्च प्राथमिकता दे, ताकि लोगों की जान बचाई जा सके।
जनता से भावुक अपील
अशोक गहलोत ने आम नागरिकों को भी यातायात नियमों का पालन करने की सलाह देते हुए कहा कि तेज रफ्तार और लापरवाही एक पल में जिंदगी खत्म कर देती है। उन्होंने लिखा कि सीट बेल्ट और हेलमेट का उपयोग अनिवार्य रूप से करें, वाहन चलाते समय मोबाइल फोन न छुएं और सड़क पर अनुशासन बनाए रखें। उन्होंने कहा कि अपनी सुरक्षा खुद सबसे पहले सुनिश्चित करनी चाहिए।
राजस्थान में हादसों का बढ़ता खतरा
राजस्थान में पिछले कुछ महीनों के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में खतरनाक बढ़ोतरी देखने को मिली है। जोधपुर, जयपुर, उदयपुर, नागौर, सीकर और अलवर जिले अधिक संवेदनशील माने जा रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार हादसों के पीछे प्रमुख कारण हैं:
तेज गति
गलत ओवरटेक
नशे में ड्राइविंग
खराब सड़क डिजाइन
ट्रैफिक कंट्रोल और मॉनिटरिंग की कमी
सुप्रीम कोर्ट की रोड सेफ्टी कमिटी लगातार राजस्थान सहित सभी राज्यों को त्वरित सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दे चुकी है। विशेषज्ञों का कहना है कि हाईवे पर उन्नत तकनीक जैसे रडार, स्पीड कैमरे, CCTV और ट्रैफिक पुलिस बल में बढ़ोतरी की जाए, तो हादसों को कम किया जा सकता है।


