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कन्हैयालाल हत्याकांड के तीन साल बाद भी नहीं मिला न्याय: अशोक गहलोत

कन्हैयालाल हत्याकांड के तीन साल बाद भी नहीं मिला न्याय: अशोक गहलोत

शोभना शर्मा ।  राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल की निर्मम हत्या को तीन साल पूरे हो रहे हैं, लेकिन आज भी इस सनसनीखेज मामले में न्याय की प्रक्रिया अधूरी है। इस मामले में अब तक न तो दोषियों को सजा मिली है और न ही सभी गवाहों के बयान पूरे हो पाए हैं। इस देरी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

अशोक गहलोत का केंद्र पर निशाना

गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि “उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड को लेकर भाजपा ने राज्य चुनाव में इसे मुख्य मुद्दा बना दिया था। घटना की रात को ही यह केस एनआईए को सौंप दिया गया, जो केंद्र सरकार के अधीन आती है। तीन साल में इतनी स्पष्ट घटना में भी दोषियों को सजा नहीं मिलना, न्याय प्रक्रिया की गंभीर विफलता है।”

NIA कोर्ट में नहीं बढ़ रही सुनवाई

गहलोत ने बताया कि यह मामला जयपुर स्थित एनआईए कोर्ट में विचाराधीन है। अदालत का एडिशनल चार्ज पहले सीबीआई कोर्ट के जज के पास था, जिनका तबादला हो चुका है। इसी कारण पिछले छह महीने से इस केस में कोई तारीख तक नहीं लगी है। इसके पहले कुछ गवाहों के बयान रिकॉर्ड हुए थे, लेकिन तीन प्रमुख गवाहों के बयान अब तक दर्ज नहीं हुए हैं।

दो आरोपी हो चुके हैं जमानत पर रिहा

अशोक गहलोत ने यह भी खुलासा किया कि एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से दो को पहले ही जमानत मिल चुकी है। यह इस बात को दर्शाता है कि केस की सुनवाई और अभियोजन प्रक्रिया कितनी धीमी चल रही है।

गहलोत ने सरकार की पहल गिनाई

गहलोत ने यह भी कहा कि घटना के तुरंत बाद राजस्थान पुलिस ने मात्र चार घंटे में मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। इसके साथ ही पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा और दोनों पुत्रों को सरकारी नौकरी भी दी गई थी। लेकिन भाजपा ने जनता में यह प्रचार किया कि केवल 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया है, जो पूरी तरह से भ्रामक है।

गहलोत बोले: अगर केस हमारे पास होता तो न्याय मिल चुका होता

पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा, “अगर एनआईए यह केस नहीं लेती और यह राजस्थान पुलिस के पास ही रहता तो हमारी सरकार के कार्यकाल में ही दोषियों को सजा सुना दी जाती। ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा इस केस पर केवल राजनीति करना चाहती है, ना कि पीड़ित परिवार को न्याय दिलाना।”

हत्याकांड की पृष्ठभूमि

यह हत्याकांड 28 जून 2022 को हुआ था, जब कन्हैयालाल की उनके दुकान में गौस मोहम्मद और मोहम्मद रियाज अत्तारी ने गला रेतकर हत्या कर दी थी। एनआईए की जांच में पाकिस्तान के कराची निवासी सलमान और अबू इब्राहिम को इस कांड का साजिशकर्ता बताया गया है। इस मामले में एनआईए ने कुल 11 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी, जिसमें गौस मोहम्मद, मोहम्मद रियाज अत्तारी, मोहसिन, आसिफ, वसीम अली, फरहाद शेख उर्फ बबला, मोहम्मद जावेद, मुस्लिम मोहम्मद शामिल हैं।

UAPA और अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज

एनआईए की विशेष अदालत ने 9 फरवरी 2023 को इस केस में हत्या, आतंकी गतिविधियों, आपराधिक षड्यंत्र, UAPA (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) और आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया था। लेकिन मुकदमे की गति इतनी धीमी है कि अब तक गवाहियों का भी पूरा होना बाकी है।

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