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अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार से पूछे 4 तीखे सवाल

अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार से पूछे 4 तीखे सवाल

शोभना शर्मा। भारत और पाकिस्तान के बीच अचानक हुए सीजफायर और हालिया पहलगाम आतंकी हमले को लेकर देश की राजनीति में एक बार फिर तीखी बहस शुरू हो गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार से सीधे चार सवाल पूछे हैं। उन्होंने इन सवालों के ज़रिए भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पाकिस्तान नीति पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

राहुल गांधी के बयानों से शुरू हुआ विवाद

राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश के भोपाल में दिए अपने बयान में कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जब भारतीय सेना पाकिस्तान में भारी कार्रवाई कर रही थी, उसी समय अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का एक फोन आया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक सीजफायर कर दिया। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि “नरेंदर जी तुरंत सरेंडर हो गए” और इसे बीजेपी-आरएसएस की मानसिकता बताया।

राहुल गांधी के इस बयान को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में जबरदस्त राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पलटवार करते हुए राहुल गांधी के बयान को “देशद्रोह” की श्रेणी में रखते हुए कड़ी आलोचना की।

अशोक गहलोत ने पूछा – आतंकियों को अभी तक क्यों नहीं पकड़ा गया?

अशोक गहलोत ने इस पूरे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट के जरिए केंद्र सरकार से चार सीधे सवाल पूछे। उन्होंने लिखा कि देश के मन में जो सवाल हैं, वही राहुल गांधी पूछ रहे हैं और यही जनता का आक्रोश भी है।

गहलोत के चार प्रमुख सवाल इस प्रकार हैं:

  1. पहलगाम में 26 निर्दोष भारतीयों की हत्या करने वाले आतंकवादी अभी तक क्यों नहीं पकड़े गए?

  2. सुरक्षा में चूक की जांच कहां तक पहुंची और जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की गई?

  3. भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर किन शर्तों के तहत हुआ?

  4. अगर डोनाल्ड ट्रम्प के कहने पर सीजफायर नहीं हुआ, तो प्रधानमंत्री मोदी सार्वजनिक रूप से यह क्यों नहीं कहते कि ट्रम्प झूठ बोल रहे हैं?

गहलोत ने स्पष्ट किया कि यह सवाल केवल कांग्रेस पार्टी नहीं, बल्कि देश की जनता भी पूछ रही है।

सेना की सफलता के बाद अचानक सीजफायर क्यों?

गहलोत ने आगे कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जब भारतीय सेना पाकिस्तान में लगातार सफलताएं हासिल कर रही थी, उसी समय सीजफायर की घोषणा ने पूरे देश में एक नकारात्मक संदेश भेजा। उन्होंने पूछा कि जब जनता और पूरा विपक्ष आतंकवाद के खिलाफ एकजुट था, तब आखिर अचानक सीजफायर क्यों किया गया?

उन्होंने लिखा कि ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार ने ट्रम्प के दबाव में आकर सेना को रोक दिया, जबकि इस बार आतंकवाद को पूरी तरह से समाप्त करने का देशभर में समर्थन था।

भाजपा का पलटवार: कांग्रेस के डीएनए में है सरेंडर

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राहुल गांधी के “सरेंडर” वाले बयान को लेकर तीखा पलटवार किया। उन्होंने X पर लिखा, “राहुल गांधी, सरेंडर आप करते होंगे क्योंकि आपके परिवार और पार्टी का इतिहास ऐसा रहा है। भारत कभी सरेंडर नहीं करता।”

नड्डा ने कहा कि पाकिस्तान खुद दुनिया को बता रहा है कि भारतीय सेना ने उसकी 18 जगहों पर हमला किया और भारी नुकसान पहुंचाया। ऐसे में राहुल गांधी का यह कहना कि मोदी सरकार ने सरेंडर कर दिया, देशविरोधी मानसिकता को दर्शाता है।

उन्होंने यह भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की घोषणा सरकार ने नहीं, बल्कि सेना के उच्च अधिकारियों ने की थी, और राहुल गांधी जो बयान दे रहे हैं, वह न केवल झूठ है बल्कि देश की सेना का अपमान भी है।

राहुल गांधी और अशोक गहलोत की रणनीतिक साझेदारी

अशोक गहलोत ने राहुल गांधी के बयानों का न सिर्फ समर्थन किया, बल्कि उन्हें सही ठहराया। उन्होंने कहा कि बीजेपी को समझना चाहिए कि राहुल गांधी वही सवाल पूछ रहे हैं, जो आम जनता के मन में हैं। उनका इशारा इस ओर था कि बीजेपी मुद्दों से भाग रही है और सवाल पूछने वालों को देशद्रोही बताकर जिम्मेदारी से बचना चाहती है।

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