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अरविंद सिंह मेवाड़ के अंतिम संस्कार में उमड़ा जनसैलाब

अरविंद सिंह मेवाड़ के अंतिम संस्कार में उमड़ा जनसैलाब

शोभना शर्मा।  मेवाड़ के पूर्व राजघराने के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ का निधन 16 मार्च को हुआ, जिसके बाद उदयपुर में शोक की लहर दौड़ गई। 81 वर्षीय अरविंद सिंह मेवाड़ ने शंभू निवास में अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उनके इलाज के लिए उदयपुर स्थित उनके आवास पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध थी। उनके निधन की खबर ने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे मेवाड़ क्षेत्र में शोक का माहौल बना दिया है।

अरविंद सिंह मेवाड़ के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया 17 मार्च को आयड़ स्थित महासतिया में आयोजित की गई। उनके बेटे लक्षराज सिंह मेवाड़ ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस अवसर पर मेवाड़ राजघराने के अन्य सदस्य और कई गणमान्य लोग भी उपस्थित थे। चाचा विश्वराज सिंह मेवाड़, जो संपत्ति विवाद के बावजूद अपने चचेरे भाई को अंतिम विदाई देने पहुंचे, ने भी इस अवसर पर अपनी शोक संवेदना व्यक्त की। उनके साथ वल्लभनगर के पूर्व विधायक रणधीर सिंह भींडर भी थे।

इससे पहले, अरविंद सिंह मेवाड़ की पार्थिव देह को शंभू निवास से निकालकर सिटी पैलेस चौक पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। वहां पर पूर्व क्रिकेटर अजय जडेजा, कवि और अभिनेता शैलेष लोढ़ा, शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी, और एसपी योगेश गोयल समेत कई अन्य लोग शोक संवेदना जताने पहुंचे। पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए शंभू पैलेस परिसर में रखा गया था, जहां लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

अंतिम संस्कार के बाद, उनकी अंतिम यात्रा शहर के प्रमुख स्थलों जैसे बड़ी पोल, जगदीश चौक, घंटाघर, बड़ा बाजार, और दिल्ली गेट होते हुए महासतिया ले जाई गई। पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया गया। लक्षराज सिंह ने अपने पिता की अर्थी को कंधा देकर अंतिम विदाई दी, जो एक भावुक क्षण था।

अरविंद सिंह मेवाड़ का जन्म भगवंत सिंह मेवाड़ और सुशीला कुमारी के घर हुआ था। वे एचआरएच ग्रुप ऑफ होटल्स के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक भी रहे। उन्होंने अपनी शिक्षा अजमेर के मेयो कॉलेज और उदयपुर में महाराणा भूपाल कॉलेज से प्राप्त की। उन्हें विंटेज कारों के कलेक्शन का बड़ा शौक था, जो उनकी व्यक्तिगत रुचियों में से एक था।

उनके बड़े भाई महेंद्र सिंह मेवाड़ का निधन पिछले साल नवंबर में हुआ था, जिससे परिवार पर एक और दुख का पहाड़ टूट पड़ा। अरविंद सिंह मेवाड़ का निधन मेवाड़ राजघराने के लिए एक बड़ा नुकसान है, और उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उदयपुर में उनके निधन के बाद, शोक की लहर ने पूरे क्षेत्र को प्रभावित किया है। लोग उनके प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त कर रहे हैं। यह एक ऐसा समय है जब मेवाड़ राजघराने के सदस्य और उनके प्रशंसक एकजुट होकर इस दुखद घड़ी में एक-दूसरे का सहारा बन रहे हैं।

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