शोभना शर्मा। भारतीय सेना के लिए गौरवपूर्ण क्षणों में से एक रहा जब थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोमवार को राजस्थान के जैसलमेर स्थित लोंगेवाला पोस्ट का दौरा किया। यह वही ऐतिहासिक स्थान है जहां 1971 की भारत-पाक युद्ध में भारतीय सेना ने वीरता का प्रदर्शन करते हुए दुश्मन को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया था। इस बार का दौरा और भी खास रहा क्योंकि यह ऑपरेशन ‘सिंदूर’ की सफलता के बाद हुआ है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद लोंगेवाला पोस्ट पर सेना प्रमुख की मौजूदगी
करीब 45 डिग्री सेल्सियस की भीषण गर्मी में थलसेना प्रमुख विशेष हेलिकॉप्टर से लोंगेवाला पहुंचे और वहां तैनात जवानों से मिलकर उनका मनोबल बढ़ाया। उन्होंने रेगिस्तानी क्षेत्र में सेना की कोणार्क कोर के इंडियन एयरफोर्स (IAF) और सीमा सुरक्षा बल (BSF) के साथ किए गए जॉइंट ऑपरेशन की समीक्षा भी की।
जनरल द्विवेदी ने सैनिकों की वीरता, निष्ठा और प्रतिबद्धता की सराहना करते हुए उन्हें ‘शाबाश’ कहा। उन्होंने कहा कि रेगिस्तान की कठोर परिस्थितियों में तैनात जवान देश की सुरक्षा के लिए जिस समर्पण और साहस के साथ कार्य कर रहे हैं, वह अनुकरणीय है।
ड्रोन घुसपैठ को बेअसर करने वाले सैनिकों की तारीफ
सेना प्रमुख ने हाल ही में रेगिस्तानी इलाके में हुई ड्रोन घुसपैठ की घटनाओं को सफलतापूर्वक नाकाम करने पर जवानों की विशेष सराहना की। उन्होंने कहा कि इन जवानों की सतर्कता और कार्रवाई ने संभावित खतरे को समय रहते बेअसर कर दिया, जिससे दुश्मन की कोई भी कोशिश नाकाम रही।
सेना की तैयारियों और प्रोफेशनलिज्म की सराहना
अपने दौरे के दौरान जनरल द्विवेदी ने सेना के कमांडरों के साथ ऑपरेशन सिंदूर के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि सेना को भविष्य की चुनौतियों के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए और हमारी निर्णायक ताकत देश की रक्षा के लिए सबसे बड़ी गारंटी है। उन्होंने महिला और पुरुष दोनों जवानों की विशेष रूप से प्रशंसा की जो भीषण गर्मी में रेगिस्तानी क्षेत्र में डटे हुए हैं।
सीडीएस जनरल अनिल चौहान का सूरतगढ़ सैन्य स्टेशन का दौरा
थल सेना प्रमुख के अलावा, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने भी राजस्थान के सूरतगढ़ स्थित सैन्य स्टेशन का दौरा किया। इस मौके पर उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना के द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी ली और जवानों के साथ बातचीत की। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन भारत की सैन्य रणनीति और एकता का प्रतीक बन गया है।
सीडीएस ने कहा कि जिस तरीके से सेना ने दुश्मन के खिलाफ निर्णायक एक्शन लिया और किसी भी खतरे का मुंहतोड़ जवाब दिया, वह भारतीय सेना के उच्चतम मानकों का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं की सुरक्षा में कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा और चर्चा
सीडीएस चौहान ने सीनियर आर्मी कमांडरों के साथ विस्तार से चर्चा की और आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम और अन्य युद्धक संसाधनों के प्रभावी उपयोग पर संतोष जताया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के संयुक्त अभ्यासों से देश की सुरक्षा क्षमताएं और मजबूत होती हैं।
पीएम मोदी का दौरा और संभावित सैन्य संवाद
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 मई को राजस्थान के दौरे पर आने वाले हैं। इस दौरान वे बीकानेर स्थित नाल एयरबेस पर जवानों से संवाद कर सकते हैं। इसके अलावा वे देशनोक स्थित करणी माता मंदिर के दर्शन करेंगे और बीकानेर रेलवे स्टेशन के नए स्वरूप का उद्घाटन करेंगे।