शोभना शर्मा। राजस्थान में इस बार गर्मी ने समय से पहले ही अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। अप्रैल माह में ही तापमान इतना अधिक पहुंच चुका है कि 56 वर्षों का रिकॉर्ड टूट गया है। राज्य के जैसलमेर जिले में 28 अप्रैल 2025 को अधिकतम तापमान 46.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस महीने में अब तक का सर्वाधिक तापमान है। इससे पहले अप्रैल महीने में इतनी भीषण गर्मी साल 1969 में दर्ज की गई थी, जब तापमान 46.2 डिग्री पहुंचा था। अब ठीक 56 साल बाद, वर्ष 2025 में, अप्रैल में ही गर्मी ने उसी स्तर को छू लिया है।
अप्रैल में ही लू के हालात, बढ़ा लोगों का डर
गर्मी की यह भयावह स्थिति अभी शुरुआती चरण में ही है, क्योंकि मई और जून जैसे पारंपरिक रूप से अधिक गर्म महीनों का आना अभी बाकी है। अप्रैल में जब तापमान 46.2 डिग्री तक पहुंच चुका है, तो यह अनुमान लगाया जा रहा है कि मई और जून में तापमान 50 डिग्री से भी ऊपर जा सकता है। इससे आमजन में भय का माहौल है, क्योंकि इतने अधिक तापमान में जीवन और स्वास्थ्य दोनों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
राजस्थान के पश्चिमी जिलों, विशेष रूप से जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, श्रीगंगानगर और फलौदी में तापमान सबसे अधिक दर्ज किया गया है। राजस्थान के अन्य जिलों में भी तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला गया है, जो सामान्य औसत से काफी ज्यादा है।
जैसलमेर में तापमान का रिकॉर्ड और इतिहास
जैसलमेर का मौसम हमेशा से गर्म रहा है, लेकिन इस बार गर्मी ने असामान्य ढंग से पुराने रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है। वर्ष 1969 में जैसलमेर में 46.2 डिग्री तापमान दर्ज हुआ था, जिसे 28 अप्रैल 2025 को पुनः दर्ज किया गया। यह इस बात का संकेत है कि जलवायु परिवर्तन के कारण अब गर्मी और ज्यादा तीव्र होती जा रही है और इसके समय में भी बदलाव आ रहा है।
इससे पहले भी जैसलमेर ने कई बार अत्यधिक गर्मी के रिकॉर्ड बनाए हैं:
4 जून 1991: 49.2 डिग्री सेल्सियस
20 मई 2016: 49.0 डिग्री सेल्सियस
19 मई 2019: 48.8 डिग्री सेल्सियस
27 मई 2024: 48.7 डिग्री सेल्सियस
अब अप्रैल 2025 में ही 46.2 डिग्री का स्तर पार कर लेना इस ओर इशारा करता है कि आने वाले दिनों में यह आंकड़ा 50 डिग्री को भी पार कर सकता है।
तापमान में इतनी बढ़ोतरी क्यों?
मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि राजस्थान में तापमान में अचानक हुई यह वृद्धि ग्लोबल वॉर्मिंग और स्थानीय जलवायु असंतुलन का परिणाम है। मरुस्थलीय क्षेत्र में वनस्पति की कमी, तेजी से हो रहा नगरीकरण, जल स्रोतों का सूखना और रेत की तपिश इस वृद्धि को और अधिक बढ़ा देती है। इसके अलावा, इस बार पश्चिमी विक्षोभ की कमी और लगातार चल रही शुष्क हवाओं ने भी गर्मी को असहनीय बना दिया है।
राजस्थान में औसतन अप्रैल के महीने में तापमान 39 से 41 डिग्री के बीच रहता है, लेकिन इस बार यह 46 डिग्री के पार चला गया है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिनों में तापमान और बढ़ सकता है और लू का असर भी तेज हो सकता है।
बाड़मेर, बीकानेर और जोधपुर भी चपेट में
जैसलमेर के अलावा बाड़मेर में भी तापमान 46 डिग्री के पार पहुंच गया है। वहीं बीकानेर और जोधपुर जैसे शहरों में तापमान 44 डिग्री से ऊपर दर्ज किया गया है। चुरू, हनुमानगढ़, नागौर और अजमेर जैसे जिले भी इस बढ़ती गर्मी की चपेट में हैं। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि अस्पतालों में गर्मी से संबंधित बीमारियों जैसे लू, डिहाइड्रेशन और हीट स्ट्रोक के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।
आगे क्या?
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि मई के पहले सप्ताह में लू की स्थिति और अधिक गंभीर हो सकती है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे फसलों और मवेशियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक इंतजाम कर लें। साथ ही, आम नागरिकों को दिन में 11 बजे से शाम 4 बजे तक घर से बाहर निकलने से बचने की सलाह दी गई है। पर्याप्त पानी पीना, हल्के कपड़े पहनना और धूप से बचाव करना अनिवार्य बताया गया है।
राजस्थान सरकार ने भी जिलों को एडवाइजरी जारी कर दी है और स्थानीय प्रशासन से आवश्यक इंतजाम करने को कहा गया है। अस्पतालों में विशेष गर्मी वार्ड बनाए जा रहे हैं और एम्बुलेंस सेवाएं सतर्क की गई हैं।