जयपुर, 25 अगस्त। देश में बीते कुछ वर्षों में दुग्ध उत्पादन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। डेयरी सेक्टर को और प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार हर वर्ष गोपाल रत्न पुरस्कार ( Gopal Ratn Puruskar ) प्रदान करती है। इस सम्मान के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और इच्छुक उम्मीदवार 15 सितम्बर 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ( joraram kumawat ) ने जानकारी दी कि यह पुरस्कार किसानों, कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियनों और दुग्ध उत्पादक कंपनियों को राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना ( rashtriya gokul mishan yojna ) के तहत प्रदान किया जाता है। इसका उद्देश्य स्वदेशी नस्लों की उत्पादकता बढ़ाना, तकनीशियनों को 100 प्रतिशत एआई कवरेज के लिए प्रेरित करना और दुग्ध उत्पादक संस्थाओं में प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित करना है।
कौन कर सकता है आवेदन?
किसान: जिन्हें गाय की 53 या भैंस की 20 प्रमाणित स्वदेशी नस्लों में से किसी का पालन करना चाहिए।
तकनीशियन: राज्य/राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड/दुग्ध फेडरेशन/एनजीओ या निजी क्षेत्र के वे तकनीशियन, जिन्होंने कम से कम 90 दिनों का प्रशिक्षण प्राप्त किया हो।
सहकारी समितियां/कंपनियां: ग्राम स्तर पर स्थापित ऐसी संस्थाएं जो प्रतिदिन 100 लीटर दूध का उत्पादन करती हों और कम से कम 50 किसान सदस्य हों।
पुरस्कार राशि
प्रथम स्थान: ₹5 लाख
द्वितीय स्थान: ₹3 लाख
तृतीय स्थान: ₹2 लाख
विजेताओं को यह सम्मान 26 नवम्बर 2025 को नई दिल्ली में आयोजित समारोह में प्रदान किया जाएगा।
इच्छुक किसान, तकनीशियन और कंपनियां आवेदन के लिए भारत सरकार की वेबसाइट awards.gov.in पर 15 सितम्बर तक पंजीकरण कर सकते हैं।