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Apaar ID: राजस्थान के स्कूलों में शिक्षा के डिजिटल युग की शुरुआत

Apaar ID: राजस्थान के स्कूलों में शिक्षा के डिजिटल युग की शुरुआत

शोभना शर्मा।  राजस्थान सरकार ने छात्रों की शिक्षा को और अधिक व्यवस्थित और सुलभ बनाने के लिए Apaar ID (Academic Performance and Recognition ID) योजना की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य छात्रों के शैक्षणिक दस्तावेज़ों को डिजिटल रूप से संरक्षित करना और उन्हें एक ही स्थान पर उपलब्ध कराना है।

Apaar ID योजना नई शिक्षा नीति 2020 के तहत लागू की गई है। इसके माध्यम से छात्रों का शिक्षा रिकॉर्ड सुरक्षित होगा और उनकी शैक्षणिक पहचान को एक नई दिशा मिलेगी। राजस्थान के 22 जिलों के कई स्कूलों ने इस योजना का कार्य पूरा कर लिया है, जिसे शिक्षा विभाग ने सराहा है।

क्या है Apaar ID?

Apaar ID, एक यूनिक अल्फ़ान्यूमेरिक कोड है जो प्रत्येक छात्र को दिया जाता है। इस कोड के माध्यम से छात्र के सभी शैक्षणिक दस्तावेज़ और व्यक्तिगत जानकारी डिजिटली संग्रहीत की जाती है। यह दस्तावेज़ और डेटा डिजिलॉकर और एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स (ABC) से जुड़े होते हैं, जिससे छात्र कभी भी, कहीं भी अपने दस्तावेज़ एक्सेस कर सकते हैं।

Apaar ID में शामिल जानकारी:

  • छात्र का नाम, जन्मतिथि, और लिंग
  • पता और माता-पिता की जानकारी
  • शैक्षणिक दस्तावेज़ जैसे मार्कशीट, प्रमाण पत्र
  • पाठ्यचर्या गतिविधियों में जीते गए पुरस्कार
  • छात्रवृत्ति और अन्य शैक्षणिक क्रेडेंशियल
  • छात्र का ब्लड ग्रुप, लंबाई, और वजन
  • स्कूल ट्रांसफर का विवरण (यदि लागू हो)

क्यों महत्वपूर्ण है Apaar ID?

Apaar ID योजना छात्रों और शिक्षा विभाग दोनों के लिए क्रांतिकारी साबित हो रही है।

  1. शैक्षणिक दस्तावेज़ों की सुरक्षा: छात्रों के सभी दस्तावेज़ डिजिलॉकर में संग्रहीत किए जाते हैं, जिससे उनका नुकसान या चोरी होने का खतरा समाप्त हो जाता है।

  2. सुलभता: छात्र कभी भी अपने दस्तावेज़ डाउनलोड कर सकते हैं।

  3. भविष्य की तैयारी: यह प्रणाली छात्रों को उच्च शिक्षा और नौकरी के लिए आवेदन प्रक्रिया में मदद करती है।

  4. डिजिटल एकीकरण: सभी शैक्षणिक रिकॉर्ड को एक ही स्थान पर संग्रहित किया जाता है, जिससे प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता बढ़ती है।

Apaar ID कैसे काम करता है?

Apaar ID छात्रों को उनके आधार कार्ड से लिंक करके बनाई जाती है। इसे बनाने के लिए माता-पिता की सहमति आवश्यक होती है। इस प्रक्रिया में छात्रों का आधार नंबर UIDAI के साथ सत्यापित किया जाता है।

प्रक्रिया:

  1. स्कूल, Apaar ID बनाने के लिए शिक्षा विभाग की आधिकारिक वेबसाइट (apaar.education.gov.in) का उपयोग करते हैं।
  2. छात्र का आधार कार्ड और माता-पिता की सहमति पत्र अनिवार्य है।
  3. डेटा अपलोड होने के बाद, छात्र को एक यूनिक Apaar ID अलॉट किया जाता है।

2026-27 तक शिक्षा मंत्रालय का लक्ष्य है कि सभी छात्रों के शिक्षा रिकॉर्ड का 100% डिजिटल एकीकरण पूरा हो।

Apaar ID के लाभ

छात्रों के लिए:

  • सभी दस्तावेज़ एक स्थान पर: मार्कशीट, प्रमाण पत्र, और अन्य शैक्षणिक क्रेडेंशियल्स को संभालने की झंझट खत्म।
  • सुरक्षा: दस्तावेज़ों का डिजिलॉकर में सुरक्षित संग्रह।
  • सरलता: नौकरी, स्कॉलरशिप, और उच्च शिक्षा में आवेदन प्रक्रिया आसान।

शिक्षकों और प्रशासन के लिए:

  • डेटा का डिजिटलीकरण: छात्रों के रिकॉर्ड को प्रबंधित करने में आसानी।

  • पारदर्शिता: रिकॉर्ड की प्रामाणिकता और उपयोगिता बढ़ती है।

  • सिस्टम इंटीग्रेशन: Apaar ID, आधार और डिजिलॉकर से जुड़ा है, जिससे डेटा का सत्यापन आसान होता है।

राजस्थान में Apaar ID की सफलता

राजस्थान के 22 जिलों के कई स्कूलों ने Apaar ID का काम पूरा कर लिया है। अब तक 34 करोड़ से अधिक बच्चों की Apaar ID बनाई जा चुकी है। यह योजना न केवल छात्रों के शैक्षणिक जीवन को आसान बना रही है, बल्कि शिक्षा क्षेत्र को डिजिटल युग में प्रवेश कराने में भी मदद कर रही है।

राजस्थान सरकार के इस कदम की देशभर में सराहना हो रही है। Apaar ID ने यह साबित किया है कि तकनीकी का उपयोग शिक्षा क्षेत्र में कैसे बदलाव ला सकता है।

Apaar ID कैसे बनवाएं?

  1. स्कूल द्वारा आवेदन:
    आपका स्कूल Apaar ID बनाने की प्रक्रिया शुरू करेगा।
  2. आवश्यक दस्तावेज़:
    • छात्र का आधार कार्ड
    • माता-पिता का सहमति पत्र

प्रक्रिया पूरी होने के बाद:
छात्र को एक यूनिक Apaar ID कोड मिलेगा, जिसे वह डिजिलॉकर में एक्सेस कर सकता है।

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