शोभना शर्मा। अजमेर स्थित संस्कृति द स्कूल में दो दिवसीय वार्षिकोत्सव और पारितोषिक वितरण समारोह का आयोजन बड़ी धूमधाम से हुआ। यह स्कूल का 21वां वार्षिकोत्सव था, जिसकी थीम रही — ‘यह है जिंदगी’, जिसने न केवल बच्चों बल्कि अभिभावकों और अतिथियों के दिलों को भी छू लिया।
मुख्य अतिथि ने की छात्रों का सम्मान
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मेघना चौधरी रहीं। उन्होंने प्री-प्राइमरी से लेकर प्राइमरी कक्षाओं तक के छात्रों को उनकी शैक्षणिक और सह-शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया। पुरस्कार वितरण के बाद मंच पर बच्चों ने शानदार प्रस्तुतियाँ दीं, जिनमें रचनात्मकता, अभिनय और संगीत का अद्भुत संगम देखने को मिला
रिश्तों और जीवन मूल्यों पर केंद्रित प्रस्तुतियाँ
कक्षा एक से पाँच तक के विद्यार्थियों ने एक के बाद एक आकर्षक कार्यक्रम प्रस्तुत किए, जिनमें “मॉडर्न फैमिली”, “दादाजी का प्लान” और “थैंक यू मॉम एंड डैड” प्रमुख रहे। इन प्रस्तुतियों के माध्यम से बच्चों ने यह संदेश दिया कि आधुनिक जीवन की तेज़ रफ्तार और मोबाइल की दुनिया में परिवारिक रिश्तों को सहेजना और बुजुर्गों का सम्मान करना बेहद आवश्यक है।
संवेदनाओं से जुड़ा संदेश
‘यह है जिंदगी’ थीम के अंतर्गत प्रस्तुत कार्यक्रमों ने दर्शकों को यह सोचने पर मजबूर किया कि जीवन की असली खूबसूरती रिश्तों में, प्रेम और आपसी सहयोग में छिपी है। विद्यालय परिवार ने समारोह के समापन पर विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं और प्रकृति के अनुकूल, प्रदूषण रहित दीपावली मनाने का संदेश भी दिया।
शिक्षा के साथ संस्कारों का संगम
संस्कृति द स्कूल ने इस आयोजन के माध्यम से यह साबित किया कि शिक्षा केवल अंकों की प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि जीवन के मूल्यों और मानवीय संवेदनाओं की परवरिश भी है। इस तरह का आयोजन समाज में सकारात्मक सोच और भावनात्मक जुड़ाव को बढ़ावा देने का एक सुंदर उदाहरण बना।