शोभना शर्मा। राजस्थान सरकार महिलाओं और बालिकाओं के सशक्तिकरण और विकास के लिए लगातार नई योजनाओं और कार्यक्रमों का आयोजन करती रही है। इसी कड़ी में महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री डॉ. मंजु बाघमार ने अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर 4 से 13 अक्टूबर तक जयपुर के जवाहर कला केंद्र के दक्षिण परिसर में आयोजित राज्य स्तरीय अमृता हाट का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं और बालिकाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है।
डॉ. मंजु बाघमार ने बताया कि राजस्थान सरकार लाडो प्रोत्साहन योजना जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से बालिकाओं के जन्म से ही उनके सुरक्षित और उज्ज्वल भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है। इस योजना के तहत बालिकाओं के जन्म पर विभिन्न चरणों में एक लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। यह योजना राज्य में बालिका सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाओं के माध्यम से बालिकाओं के प्रति समाज में सकारात्मक सोच विकसित करने के प्रयास कर रही है।
राज्य स्तरीय अमृता हाट का उद्घाटन
अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित इस कार्यक्रम में डॉ. मंजु बाघमार ने महिला एवं बाल विकास विभाग की आयुक्त नीतू राजेश्वर, अतिरिक्त निदेशक सीमा शर्मा, उपनिदेशक भारत भूषण गोयल, जयपुर जिला उपनिदेशक राजेश डोगीवाल, उपनिदेशक विजयश्री, और सहायक निदेशक सुनीता मीना की उपस्थिति में दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की। इस अवसर पर स्कूली छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत विभिन्न प्रस्तुतियाँ दीं। इसके पश्चात डॉ. मंजु बाघमार ने बालिकाओं को पुरस्कृत किया और उनके उत्साह को प्रोत्साहित किया।
अमृता हाट का अवलोकन
महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री ने कार्यक्रम के बाद अमृता हाट का अवलोकन किया। उन्होंने इस आयोजन में राजस्थान के विभिन्न जिलों से आए 80 महिला स्वयं सहायता समूहों और महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों की सराहना की। अमृता हाट में लगभग 170 स्टॉल लगाए गए थे, जिनमें महिलाओं द्वारा बनाए गए हस्तनिर्मित और मूल्य-संवर्धित उत्पादों की बिक्री की जा रही थी। डॉ. मंजु बाघमार ने स्वयं सहायता समूहों द्वारा प्रदर्शित विभिन्न उत्पादों का अवलोकन करते हुए उनकी प्रशंसा की और कुछ उत्पादों की खरीददारी भी की, जिसका भुगतान उन्होंने यूपीआई के माध्यम से ऑनलाइन किया।
महिलाओं का सशक्तिकरण और उद्यमिता
डॉ. मंजु बाघमार ने राज्य सरकार की उद्यम प्रोत्साहन योजना का भी जिक्र किया, जिसके अंतर्गत महिलाओं और बालिकाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए जाते हैं। यह योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने और उन्हें समाज में एक सशक्त स्थान दिलाने के लिए काम कर रही है।
अमृता हाट का विशेष आकर्षण
अमृता हाट में न केवल खरीदारी का आनंद मिलता है, बल्कि यह आयोजन सांस्कृतिक कार्यक्रमों, सेल्फी पॉइंट्स, डू इट योरसेल्फ कार्नर और आत्मरक्षा प्रशिक्षण के प्रदर्शन के माध्यम से भी आगंतुकों को आकर्षित कर रहा है। इसके साथ ही, यहां एक शानदार फूड कोर्ट भी स्थापित किया गया है, जहां समोसा, तंदूरी चाय, भेल-पूरी, चाय-कॉफी और आइसक्रीम जैसी स्वादिष्ट वस्तुएं उपलब्ध हैं।
राज्य स्तरीय अमृता हाट में प्रवेश निशुल्क है और यह प्रतिदिन सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक आमजन के लिए खुला है। यहां आगंतुक हस्तनिर्मित उत्पादों की खरीदारी कर सकते हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद भी उठा सकते हैं।
हाट में प्रदर्शित उत्पाद
इस आयोजन में हस्तनिर्मित उत्पादों की एक विशाल श्रृंखला प्रदर्शित की गई है, जिनमें राजस्थान की पारंपरिक कारीगरी और कलात्मकता का अद्भुत संगम देखा जा सकता है। हैंडीक्राफ्ट, कशीदाकारी, लाख की चूड़ियाँ, पेपरमेशी आइटम, सलवार सूट, टेराकोटा, आर्टिफिशियल ज्वैलरी, चिकन और जरी वर्क, काँच और पेच वर्क, अचार, मुरब्बा, मसाले और अन्य कई हस्तनिर्मित उत्पाद इस हाट के प्रमुख आकर्षण हैं। इन सभी वस्त्रों और उत्पादों के दाम भी उचित हैं, जो इसे और भी आकर्षक बनाते हैं।
जयपुरवासियों के लिए खास आकर्षण
जयपुरवासी हर वर्ष इस हाट के आयोजन का बेसब्री से इंतजार करते हैं, क्योंकि यहां उन्हें हस्तनिर्मित उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला एक ही स्थान पर उचित दामों पर मिलती है। यह मेला न केवल एक व्यापारिक प्लेटफार्म है, बल्कि यह राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का उत्सव भी है। यह मेला महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों को प्रोत्साहन देने और उनकी उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए एक अद्वितीय मंच प्रदान करता है।
अमृता हाट में बालिकाओं का सम्मान
अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में स्कूली छात्राओं की भागीदारी को विशेष रूप से सराहा गया। उनकी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम को और भी आकर्षक बना दिया। डॉ. मंजु बाघमार ने इस अवसर पर बालिकाओं को प्रोत्साहित करते हुए उन्हें पुरस्कार प्रदान किए और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस आयोजन के माध्यम से राज्य सरकार ने बालिकाओं और महिलाओं के सशक्तिकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया है। डॉ. मंजु बाघमार ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार महिलाओं और बालिकाओं के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए विभिन्न योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया जा रहा है।