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अमित शाह का बड़ा ऐलान: 2027 के बाद तीन साल में मिलेगा न्याय

अमित शाह का बड़ा ऐलान: 2027 के बाद तीन साल में मिलेगा न्याय

शोभना शर्मा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को जयपुर में आयोजित राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 के एक कार्यक्रम में कहा कि 2027 के बाद भारत की न्याय प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिलेगा। शाह ने बताया कि नए आपराधिक कानूनों के लागू होने के बाद देश में दर्ज होने वाली प्रत्येक एफआईआर पर तीन साल के भीतर सुप्रीम कोर्ट तक न्याय सुनिश्चित किया जाएगा।

जयपुर में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान अमित शाह ने करीब 9,600 करोड़ रुपये की लागत वाले विकास कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण किया। साथ ही उन्होंने नए आपराधिक कानूनों पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया। शाह ने कहा कि यह प्रदर्शनी देश की न्याय व्यवस्था में आने वाले बदलावों को समझने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

नए आपराधिक कानूनों से आएगा बड़ा परिवर्तन

अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लाए गए तीन नए आपराधिक कानून देश की न्याय प्रणाली को 160 साल पुराने औपनिवेशिक कानूनों से मुक्त कर एक आधुनिक ढांचे में परिवर्तित करेंगे। ये कानून केवल दंड देने पर नहीं, बल्कि सुधार और न्याय सुनिश्चित करने पर केंद्रित हैं।

उन्होंने कहा कि 2027 तक इन कानूनों का पूर्ण कार्यान्वयन हो जाएगा। अगले दो वर्षों में इसके लिए राज्यों और संस्थानों में प्रशिक्षण एवं तकनीकी सुधारों की तैयारी की जाएगी। शाह ने इस मौके पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा आयोजित प्रदर्शनी की भी प्रशंसा की, जिसमें नए कानूनों के प्रभाव को दृश्य रूप में दिखाया गया है।

अमित शाह ने प्रदर्शनी का समय दीपावली के अगले दिन तक बढ़ाने का आग्रह किया ताकि पुलिस अधिकारी, वकील और कानून के विद्यार्थी इसे देख सकें। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शनी कानूनों में हो रहे बदलावों की दिशा और उद्देश्य को स्पष्ट करती है।

राजस्थान में सजा दर 60% तक पहुंची

अमित शाह ने बताया कि नए कानूनों के लागू होने के बाद देशभर में चार्जशीट दाखिल करने की दर में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। पिछले एक वर्ष में 50% से अधिक चार्जशीट समय पर दाखिल की गई हैं और अगले वर्ष तक यह दर 90% तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।

उन्होंने कहा कि राजस्थान में अपराधों के मामलों में सजा की दर 42% से बढ़कर 60% हो चुकी है। इसे 90% तक ले जाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम कर रहे हैं। शाह ने राजस्थान के डीजीपी राजीव शर्मा की सराहना की, जिन्होंने नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

इसके साथ ही शाह ने कहा कि देश में नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की स्थापना न्याय प्रणाली को और मजबूत करेगी। इससे जांच की प्रक्रिया वैज्ञानिक और पारदर्शी बनेगी, जिससे अपराधियों को जल्द सजा मिल सकेगी।

4 लाख करोड़ के निवेश प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास

कार्यक्रम के दौरान शाह ने राइजिंग राजस्थान समिट के तहत 4 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रोजेक्ट्स की नींव रखी। उन्होंने बताया कि इस समिट में कुल 35 लाख करोड़ रुपये के एमओयू साइन हुए हैं। इनमें से 3 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स पहले ही धरातल पर उतर चुके हैं।

शाह ने कहा कि आज जिन परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ है, वे राज्य में विकास और न्याय के समन्वय का प्रतीक हैं। इन निवेश प्रस्तावों से राजस्थान की अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी और लाखों युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।

कांग्रेस सरकार पर निशाना और स्वदेशी वस्तुओं का आग्रह

अमित शाह ने अपने संबोधन में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने यूनिफॉर्म वितरण जैसे जनकल्याणकारी कार्यों में भी भ्रष्टाचार किया था, लेकिन भजनलाल शर्मा सरकार ने इस प्रक्रिया को पारदर्शी बनाते हुए ऑनलाइन वितरण प्रणाली शुरू की है।

शाह ने दीपावली के अवसर पर लोगों से स्वदेशी वस्तुओं की खरीदारी का आग्रह किया और बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने 350 से अधिक लोक उपयोगी वस्तुओं पर जीएसटी दर शून्य या 5% तक घटाई है, जिससे आम जनता को राहत मिलेगी।

नए कानून स्वतंत्र भारत की पहचान – मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि नए आपराधिक कानून स्वतंत्र भारत की न्याय प्रणाली में एक क्रांतिकारी परिवर्तन का प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब वैश्विक मंचों पर अपनी शर्तों पर बोलता है और राष्ट्रीय हितों से कोई समझौता नहीं करता।

शर्मा ने कहा कि जी-20 की अध्यक्षता से लेकर संयुक्त राष्ट्र तक, भारत ने अपनी शक्ति का एहसास दुनिया को कराया है। नए कानून न केवल न्याय प्रणाली को आधुनिक बनाएंगे, बल्कि नागरिकों को त्वरित न्याय भी दिलाएंगे।

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