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राष्ट्रीय संकट के बीच RLP ने स्थगित किया धरना, बेनीवाल बोले- देश पहले

राष्ट्रीय संकट के बीच RLP ने स्थगित किया धरना, बेनीवाल बोले- देश पहले

शोभना शर्मा।  राजस्थान में एसआई भर्ती परीक्षा 2021 को रद्द कराने और राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के पुनर्गठन जैसी मांगों को लेकर जयपुर में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) द्वारा चलाया जा रहा धरना 13 मई तक स्थगित कर दिया गया है। यह निर्णय पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने देश की मौजूदा सुरक्षा स्थिति को ध्यान में रखते हुए लिया।

हनुमान बेनीवाल ने कहा कि वर्तमान समय में जब देश आतंकवाद और सीमा पार से हो रहे हमलों का सामना कर रहा है, ऐसे में विपक्षी आंदोलन को आगे बढ़ाना उचित नहीं है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, “देश हमारे लिए सर्वोपरि है। संकट के इस समय में हमने सर्वसम्मति से फैसला लिया है कि धरना 13 मई तक स्थगित किया जाएगा। जवान और किसान, दोनों देश की रक्षा और आतंकी ताकतों को जड़ से समाप्त करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।”

आरएलपी का यह धरना 26 अप्रैल से जयपुर में जारी था, जिसमें राज्य सरकार और भाजपा पर वादाखिलाफी के आरोप लगाए गए थे। बेनीवाल ने कहा था कि 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा ने वादा किया था कि कांग्रेस सरकार के दौरान हुए पेपर लीक मामलों में दोषियों को सजा दी जाएगी और एसआई भर्ती परीक्षा को रद्द किया जाएगा। लेकिन सत्ता में आने के बाद भाजपा अपने ही वादों से मुकर गई है। यही कारण था कि RLP ने युवाओं को न्याय दिलाने के लिए आंदोलन शुरू किया।

हालांकि, राष्ट्रीय संकट को देखते हुए बेनीवाल ने देशहित को प्राथमिकता दी है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि अगले 1-2 दिन में स्थिति सामान्य हो जाएगी, क्योंकि पाकिस्तान भारत की सेना के सामने ज्यादा देर टिक नहीं पाएगा। हमारी सेना दुनिया की सबसे ताकतवर सेनाओं में से एक है और भारत सरकार ने उन्हें पूरी छूट दे दी है। ऑपरेशन सिंदूर ने यह साफ कर दिया है कि आतंकवाद को अब भारत बर्दाश्त नहीं करेगा और जो भी सीमा पार से हमला करेगा, उसे मुंहतोड़ जवाब मिलेगा।”

उन्होंने भारतीय सेना की प्रशंसा करते हुए कहा, “इंडियन आर्मी धन्यवाद की पात्र है। इस समय जब सीमा पर तनाव है, तब हम सभी नागरिकों को सेना के साथ खड़ा होना चाहिए, न कि अंदरूनी संघर्ष बढ़ाना चाहिए।” इस धरने को स्थगित करने का निर्णय विपक्ष की ओर से एक जिम्मेदार कदम के रूप में देखा जा रहा है। देश के भीतर राजनीतिक मतभेदों के बावजूद, जब राष्ट्र की सुरक्षा की बात आती है तो सभी पक्षों का एकजुट होना लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक है।

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