मनीषा शर्मा। भारत और अमेरिका के रिश्तों में एक और नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेम्स डेविड (JD) वेंस इस महीने भारत दौरे पर आ रहे हैं। व्हाइट हाउस की ओर से उनके दौरे की आधिकारिक पुष्टि कर दी गई है। वेंस 21 से 24 अप्रैल 2025 के बीच भारत में रहेंगे। इस दौरान वे नई दिल्ली, जयपुर और आगरा का दौरा करेंगे। वेंस का यह दौरा भारत-अमेरिका के रणनीतिक और सांस्कृतिक रिश्तों को और मज़बूती देगा।
जयपुर दौरे को लेकर तैयारियां शुरू
सूत्रों की मानें तो वेंस 22 अप्रैल को जयपुर पहुंच सकते हैं। उनके संभावित कार्यक्रम में जयपुर के ऐतिहासिक स्मारक — आमेर महल और जंतर-मंतर शामिल हैं। इसके अलावा आगरा जाकर वे ताजमहल भी देखेंगे। इस संभावित यात्रा को लेकर जयपुर में सुरक्षा एजेंसियों का मूवमेंट तेज़ हो गया है। बीते 48 घंटे में जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अमेरिकी एयरफोर्स के दो सी-17 ग्लोबमास्टर विमानों की लैंडिंग हो चुकी है।
अमेरिकी सुरक्षा उपकरण भी पहुंचे जयपुर
एयरपोर्ट सूत्रों के मुताबिक, इन विमानों के ज़रिए अमेरिकी उपराष्ट्रपति के दौरे के लिए विशेष सुरक्षा और तकनीकी उपकरण जयपुर लाए गए हैं। इन उपकरणों का इस्तेमाल वेंस की सुरक्षा और लॉजिस्टिक सपोर्ट में किया जाएगा। सुरक्षा एजेंसियों ने एयरपोर्ट के आसपास और आमेर-हवामहल इलाके में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना शुरू कर दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जयपुर आ सकते हैं
खास बात यह है कि सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उपराष्ट्रपति वेंस के जयपुर दौरे में उनके साथ रह सकते हैं। हालांकि इस पर अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। अगर ऐसा होता है तो यह मौका भारत-अमेरिका संबंधों के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जाएगा।
2024 में भी हुआ था विदेशी राष्ट्राध्यक्ष का दौरा
जयपुर में किसी बड़े विदेशी नेता का यह दौरा कोई पहली बार नहीं होगा। पिछले साल जनवरी 2024 में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी जयपुर आए थे। उस दौरान वे आमेर महल और जंतर-मंतर घूमने गए थे और हवामहल के सामने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चाय भी पी थी। अब एक बार फिर गुलाबी नगरी में अमेरिकी उपराष्ट्रपति के आगमन को लेकर उत्साह और तैयारी दोनों तेज़ हैं।
पर्यटन और रणनीतिक संबंधों को मिलेगा बढ़ावा
अमेरिका के उपराष्ट्रपति का जयपुर आना सिर्फ औपचारिक यात्रा नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और रणनीतिक दृष्टि से भी अहम माना जा रहा है। इस दौरे के ज़रिए दोनों देशों के बीच निवेश, रक्षा सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को और गति मिलने की संभावना है। साथ ही, जयपुर और आगरा जैसे विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और पहचान मिलेगी।