शोभना शर्मा। राजस्थान के ऐतिहासिक किले और महल जहां भारतीय संस्कृति, वैभव और स्थापत्य कला की मिसाल हैं, वहीं अब ये स्थल राजस्व के नए रिकॉर्ड भी बना रहे हैं। जयपुर स्थित आमेर किला ने हाल ही में पर्यटन क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। बीते 5 महीनों में 7 लाख से अधिक पर्यटकों ने आमेर किले का दौरा किया है। इस दौरान इस किले ने अकेले 11 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है। यह आंकड़ा इसे न सिर्फ जयपुर बल्कि पूरे राजस्थान के सबसे अधिक कमाई वाले पर्यटन स्थलों में शामिल करता है।
आमेर किला बना टॉप-5 पर्यटन स्थलों में शामिल
जयपुर में स्थित आमेर किला अब पिंकसिटी के टॉप-5 पर्यटन स्थलों में शुमार हो चुका है। राजस्थान सरकार द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में प्रदेश के प्रमुख महलों, हवेलियों और किलों से कुल 23 करोड़ रुपये की आय हुई, जिसमें अकेले आमेर किले की हिस्सेदारी लगभग 50% रही।
लाइट एंड साउंड शो व नाइट टूरिज्म की भूमिका अहम
आमेर किले की सफलता के पीछे केवल इसकी ऐतिहासिक महत्ता ही नहीं, बल्कि प्रशासन द्वारा किए गए आधुनिक प्रयोग भी जिम्मेदार हैं।
लाइट एंड साउंड शो ने पर्यटकों को इतिहास को नए अंदाज में देखने का अवसर दिया।
हाथी सफारी, सेगवे राइड, और नाइट टूरिज्म जैसे प्रयासों ने पर्यटकों को आकर्षित किया।
किले के बेहतर रखरखाव और साफ-सफाई ने भी इसकी छवि को संवारने में अहम भूमिका निभाई।
परिणामस्वरूप देशी-विदेशी पर्यटकों का रुझान आमेर किले की ओर लगातार बढ़ता जा रहा है।
आमेर का इतिहास जयपुर से भी पुराना
राजस्थान के कच्छवाहा राजवंश से जुड़ा आमेर किला न केवल स्थापत्य दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका इतिहास जयपुर शहर से भी पुराना है। यह किला राजपूतों के शौर्य, स्थापत्य और सांस्कृतिक वैभव का प्रतीक माना जाता है। हर साल हजारों पर्यटक इस किले में आकर राजस्थानी विरासत को नजदीक से देखने का अनुभव लेते हैं। यही कारण है कि आमेर फोर्ट अब केवल इतिहास प्रेमियों के लिए ही नहीं, बल्कि आम पर्यटकों के लिए भी राजस्थान पर्यटन का केंद्र बन चुका है।
पर्यटन उद्योग को नया प्रोत्साहन
आमेर किले की यह बढ़ती लोकप्रियता राजस्थान पर्यटन विभाग के लिए सकारात्मक संकेत है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि यदि ऐतिहासिक स्थलों पर आधुनिक व्यवस्थाएं और आकर्षण जोड़े जाएं तो यह राज्य की आर्थिक स्थिति और पर्यटन विकास को सशक्त कर सकते हैं। सरकार के अनुसार, भविष्य में आमेर जैसे अन्य प्रमुख पर्यटन स्थलों पर भी इसी तरह के प्रयोग किए जाएंगे जिससे अधिक से अधिक राजस्व उत्पन्न हो सके और स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिल सके।