मनीषा शर्मा। लोकसभा में बुधवार को वक्फ संशोधन बिल 2025 पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी (SP) प्रमुख अखिलेश यादव और गृह मंत्री अमित शाह के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। चर्चा के दौरान अखिलेश यादव ने भाजपा अध्यक्ष के चुनाव में हो रही देरी पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा खुद को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बताती है, लेकिन वह यह तय नहीं कर पा रही कि उसका राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा।
अमित शाह का जवाब – “भाजपा में करोड़ों कार्यकर्ता, समय तो लगेगा”
अखिलेश यादव के इस तंज पर गृह मंत्री अमित शाह ने हंसते हुए पलटवार किया। शाह ने कहा, “सामने जितनी पार्टियां हैं, उनका राष्ट्रीय अध्यक्ष केवल 5 लोगों को चुनना है, परिवार को। लेकिन हमारे यहां करोड़ों कार्यकर्ता हैं, तो समय तो लगेगा ही। अखिलेश जी ने हंसते हुए यह बात कही, इसलिए मैं भी हंसते हुए कह रहा हूं। आपके यहां तो 25 साल तक अध्यक्ष बने रह सकते हैं, जाओ…।”
अखिलेश का तंज – “75 साल के एक्सटेंशन की यात्रा तो नहीं?”
अमित शाह के जवाब के बाद अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाल ही में हुए नागपुर दौरे पर निशाना साधा। अखिलेश ने कहा, “अभी जो यात्रा हुई है नागपुर की और सोशल मीडिया पर जो गुपचुप बातें चल रही हैं, कहीं यह 75 साल के एक्सटेंशन की यात्रा तो नहीं?” गौरतलब है कि 30 मार्च 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए नागपुर गए थे। अखिलेश यादव का इशारा इसी दौरे की ओर था।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रोका, कहा – “वक्फ के मुद्दे पर भी आ जाओ”
अखिलेश यादव लोकसभा में बोलते-बोलते महाकुंभ, नोटबंदी, महंगाई, गंगा सफाई और किसानों के मुद्दे तक पहुँच गए। जब वे लगातार 5 मिनट तक इन विषयों पर बोलते रहे, तो लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें टोकते हुए कहा –“अखिलेश जी, वक्फ के मुद्दे पर भी आ जाओ।”
वक्फ संशोधन बिल: क्या है विवाद?
लोकसभा में पेश किया गया वक्फ संशोधन बिल 2025 देश में वक्फ संपत्तियों के नियमन से संबंधित है। इस बिल का विरोध करते हुए विपक्ष ने इसे “मुस्लिम विरोधी” बताया, जबकि सरकार का कहना है कि यह बिल पारदर्शिता लाने और गरीब मुसलमानों को न्याय दिलाने के लिए लाया गया है।
“वक्फ पर गलत नैरेटिव बनाया जा रहा” – राजीव रंजन सिंह
केंद्रीय पंचायती राज मंत्री और JDU सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने बिल का समर्थन करते हुए कहा कि यह मुस्लिम विरोधी नहीं है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस की पिछलग्गू पार्टी के नेता का बयान वायरल हो रहा है, जिन्होंने खुद कहा था कि पटना का चौराहा पूरा वक्फ ने कब्जा कर रखा है।” उन्होंने केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू का धन्यवाद देते हुए कहा कि इस बिल से “देश की संसद और सुप्रीम कोर्ट को वक्फ की संपत्ति बनने से बचाया गया है।”
370, CAA, ट्रिपल तलाक के बाद अब वक्फ बिल – भाजपा सांसद श्रीकांत शिंदे
शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के सांसद श्रीकांत शिंदे ने इस बिल का समर्थन करते हुए कहा कि “370, ट्रिपल तलाक, CAA के बाद अब गरीब मुस्लिमों के उद्धार के लिए वक्फ बिल लाया गया है।” उन्होंने मजाकिया लहजे में विपक्षी सांसद अरविंद सावंत से पूछा, “आज आपने हरी ड्रेस वक्फ बिल के लिए पहनी है क्या? अंतरआत्मा से पूछिए कि अगर बाला साहेब ठाकरे होते, तो क्या आप यह भाषण यहां दे पाते?”
भाजपा को इसी महीने मिलेगा नया राष्ट्रीय अध्यक्ष
भाजपा में लंबे समय से चल रहे राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव पर अब अंतिम दौर की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सूत्रों के मुताबिक,
30 मार्च 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और RSS प्रमुख मोहन भागवत की नागपुर में मुलाकात के दौरान इस पर चर्चा हुई।
इसके बाद जेपी नड्डा, अमित शाह, राजनाथ सिंह और बीएल संतोष के साथ बैठक हुई।
प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव इसी महीने पूरा किया जाए।
13 राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष घोषित, 19 राज्यों में प्रक्रिया बाकी
भाजपा ने अब तक 13 राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्षों की घोषणा कर दी है। राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए कम से कम 19 राज्यों में यह प्रक्रिया पूरी होनी जरूरी है। सूत्रों के अनुसार,
अगले हफ्ते तक उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में भी प्रदेश अध्यक्षों के नाम घोषित कर दिए जाएंगे।
इसके बाद 50% राज्यों में प्रक्रिया पूरी होने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव संपन्न होगा।
सपा के 33 साल: अखिलेश यादव दूसरे राष्ट्रीय अध्यक्ष
समाजवादी पार्टी (SP) की स्थापना 4 अक्टूबर 1992 को मुलायम सिंह यादव ने की थी। वे पार्टी के पहले अध्यक्ष बने और तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री रहे। मुलायम सिंह यादव के बाद उनके बेटे अखिलेश यादव 2012 में यूपी के मुख्यमंत्री बने और पार्टी के दूसरे राष्ट्रीय अध्यक्ष बने।
अखिलेश यादव और उनका संसदीय करियर
वर्तमान में अखिलेश यादव कन्नौज से सांसद हैं और विधायक पद छोड़ चुके हैं।
उनकी पत्नी डिंपल यादव मैनपुरी सीट से सांसद हैं और यह सीट उन्होंने दूसरी बार जीती है।