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अजमेर में अकबर का किला: इतिहास, वास्तुकला और संग्रहालय का महत्व

अजमेर में अकबर का किला: इतिहास, वास्तुकला और संग्रहालय का महत्व

शोभना शर्मा । अजमेर में स्थित अकबर का किला इतिहास, वास्तुकला और संग्रहालय के लिए जाना जाता है। यह किला 1570 में महान मुगल सम्राट अकबर द्वारा बनवाया गया था। अकबर ने इस किले को अपने अजमेर प्रवास के दौरान आवास के रूप में उपयोग किया था। इसे “अकबर का दौलतखाना” या “मैग्जीन” के नाम से भी जाना जाता है। अजमेर शहर के बीच में स्थित यह किला मुस्लिम दुर्ग पद्धति से निर्मित राजस्थान का एकमात्र किला माना जाता है। इसका निर्माण अकबर ने ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए कराया था।

अकबर पैलेस अजमेर का इतिहास

अकबर का किला अजमेर के इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसका निर्माण सम्राट अकबर ने अपनी तीर्थयात्रा और अजमेर की यात्रा के दौरान रहने के लिए करवाया था। किले की पत्थर की दीवारें इसे अभेद्य और अटूट बनाती हैं। यही किला 1576 में हल्दीघाटी युद्ध की योजना का भी गवाह रहा है, जिसे महाराणा प्रताप के खिलाफ अंतिम रूप इसी किले में दिया गया था।

किले का महत्व इस बात से भी स्पष्ट होता है कि 1616 में ब्रिटिश राजदूत सर थॉमस रो ने यहीं पर मुगल सम्राट जहाँगीर से मुलाकात की थी और भारत में व्यापार की अनुमति प्राप्त की थी। इस ऐतिहासिक बैठक ने भारतीय उपमहाद्वीप में ब्रिटिश व्यापार की नींव रखी। अंग्रेजों ने 1801 में इस किले पर कब्जा कर इसे अपना शस्त्रागार बना लिया, तभी से इसे “मैग्जीन किला” भी कहा जाता है।

वास्तुकला और डिजाइन

अकबर का किला वास्तुकला की दृष्टि से एक अद्भुत नमूना है। किले में पत्थर की दो मंजिला बुर्जें हैं, जो स्तंभों की श्रृंखला से घिरी हुई हैं। किले की दीवारें न केवल किले की सुरक्षा के लिए बल्कि इसकी सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध हैं। किले के भीतर कई सजाए गए कक्ष हैं, जिसमें पच्चीकारी और चित्रकारी का काम बारीकी से किया गया है।

किले का मुख्य द्वार जिसे “जहाँगीरी दरवाजा” कहा जाता है, खासतौर पर उस समय की कला और शिल्प कौशल को प्रदर्शित करता है। जहाँगीर इसी दरवाजे पर स्थित झरोखे में बैठकर जनता से मिलते थे और न्याय करते थे।

अकबर पैलेस संग्रहालय

1908 में, किले के एक हिस्से को संग्रहालय में बदल दिया गया था। इस संग्रहालय में प्राचीन सैन्य हथियार, कवच, दुर्लभ पुरालेख और मूर्तियाँ प्रदर्शित की गई हैं। यहाँ राजस्थान और अन्य स्थानों से लाए गए पत्थर की कलाकृतियाँ भी मौजूद हैं। संग्रहालय में लघु चित्रकारी और राजपूत-मुगल काल की समृद्ध धरोहर की झलक भी मिलती है। सोमवार को यहाँ लोगों के लिए प्रवेश निःशुल्क होता है, जिससे काफी भीड़ उमड़ती है।

अकबर पैलेस अजमेर का स्थान

अकबर का किला अजमेर के मुख्य रेलवे स्टेशन के पास स्थित है। दरगाह शरीफ से यह किला मात्र पाँच मिनट की पैदल दूरी पर है। इस किले तक पहुँचने के लिए आप अंदर कोट रोड से होते हुए निज़ाम गेट का रास्ता ले सकते हैं।

यह किला न केवल एक ऐतिहासिक धरोहर है, बल्कि यह अजमेर के समृद्ध इतिहास को जानने और समझने का एक महत्वपूर्ण स्थान है।

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