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अजमेर के जवाहर लाल नेहरू अस्पताल को मिला 191 करोड़ का बजट

अजमेर के जवाहर लाल नेहरू अस्पताल को मिला 191 करोड़ का बजट

मनीषा शर्मा। राजस्थान के अजमेर जिले के स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय (JLN Hospital) के विकास के लिए 191 करोड़ रुपए की स्वीकृति राज्य सरकार की ओर से दी गई है। इस राशि का उपयोग सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक के निर्माण में किया जाएगा, जिसकी छत पर एक आधुनिक हेलीपैड भी बनाया जाएगा। इससे आपातकालीन स्थितियों में एयर एम्बुलेंस सीधे अस्पताल तक पहुंच सकेगी।

इस परियोजना की कुल लागत लगभग 240 करोड़ रुपए होगी। इसमें 50 करोड़ रुपए पहले ही अस्पताल के जीर्णोद्धार के लिए स्वीकृत किए जा चुके हैं। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने भारत लौटते ही अजमेरवासियों को यह दीपावली तोहफा दिया।

बजट को मिली तीन चरणों में मंजूरी

अस्पताल में सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक के निर्माण के लिए वित्त विभाग ने 191 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। यह राशि तीन चरणों में स्वीकृत की गई है। पहले चरण में 65 करोड़ रुपए, दूसरे चरण में 64 करोड़ रुपए और तीसरे चरण में 62 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। अस्पताल के प्राचार्य डॉ. अनिल सामरिया के अनुसार, यह योजना बजट घोषणा के अनुरूप बनाई गई थी और विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर इसे पूरी मंजूरी मिल चुकी है।

सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक के निर्माण के लिए सभी तकनीकी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं। राज्य सरकार की मंजूरी के बाद अब निर्माण कार्य तेजी से शुरू होने की उम्मीद है।

जीर्णोद्धार के लिए 50 करोड़ की राशि पहले ही जारी

राज्य सरकार ने अस्पताल के जीर्णोद्धार के लिए पहले ही 50 करोड़ रुपए जारी किए थे। इस राशि से अस्पताल में आंख, कान, नाक और गले से संबंधित बीमारियों के उपचार के लिए एक विशेष ब्लॉक बनाया जाएगा। इसके साथ ही पुराने भवनों की मरम्मत और जरूरी चिकित्सीय ढांचे को भी मजबूत किया जाएगा।

यह परियोजना अजमेर के स्वास्थ्य ढांचे को नई दिशा देगी। आजादी के बाद यह पहला मौका है जब इतने बड़े पैमाने पर अस्पताल के विकास के लिए इतनी बड़ी धनराशि स्वीकृत की गई है।

सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में होंगी अत्याधुनिक सुविधाएं

नया सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक अस्पताल परिसर में टीबी अस्पताल वाली जगह पर बनाया जाएगा। पहले चरण में यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी और न्यूरोलॉजी विभाग स्थापित किए जाएंगे। अगले चरण में एंडोक्रिनोलॉजी, ओन्कोलॉजी और प्लास्टिक सर्जरी विभाग जोड़े जाएंगे। पूरा भवन एयर कंडीशंड होगा और आधुनिक चिकित्सा उपकरणों से सुसज्जित रहेगा।

भूतल पर रिसेप्शन, ओपीडी और जांच केंद्र बनाए जाएंगे, जबकि ऊपरी मंजिलों पर आईसीयू, ऑपरेशन थिएटर और पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड होंगे। इसका डिजाइन आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है।

हेलीपैड से बढ़ेगी आपातकालीन चिकित्सा क्षमता

इस ब्लॉक की सबसे खास सुविधा होगी छत पर बना हेलीपैड। इसके माध्यम से गंभीर रूप से बीमार मरीजों को एयर एम्बुलेंस द्वारा सीधे जयपुर, दिल्ली या अन्य जगहों से लाया जा सकेगा। इससे गोल्डन ऑवर में मरीजों को तुरंत चिकित्सा मिल पाएगी और उनकी जान बचने की संभावना बढ़ेगी।

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के अनुसार, “इस परियोजना से न केवल अजमेर बल्कि पूरे संभाग को आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। अब मरीजों को सुपर स्पेशलिटी इलाज के लिए जयपुर या दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा।”

मुख्यमंत्री की घोषणा से मिली गति

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्य के बजट में इस परियोजना को शामिल किया था। देवनानी के आग्रह पर यह घोषणा की गई थी और अब वित्त विभाग से औपचारिक मंजूरी भी मिल गई है। इस परियोजना के पूर्ण होने के बाद अजमेर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल को प्रदेश के सबसे उन्नत स्वास्थ्य केंद्रों में शामिल करने की योजना है।

हजारों मरीजों को होगा सीधा फायदा

यह परियोजना पूरे अजमेर संभाग के लाखों लोगों के लिए राहत लेकर आएगी। अब सुपर स्पेशलिटी सेवाओं के लिए जयपुर और दिल्ली जाने की जरूरत नहीं होगी। गंभीर बीमारियों के मरीजों को समय पर इलाज मिल सकेगा। इससे न केवल मरीजों को आर्थिक और समय की बचत होगी बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं पर भरोसा भी बढ़ेगा।

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