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अजमेर की फायसागर झील की दीवार क्षतिग्रस्त

अजमेर की फायसागर झील की दीवार क्षतिग्रस्त

शोभना शर्मा, अजमेर। शहर की प्रसिद्ध फायसागर झील की पाल की दीवार शनिवार रात अचानक क्षतिग्रस्त हो गई, जिससे पानी का रिसाव शुरू हो गया। इस घटना की सूचना मिलते ही अजमेर नगर निगम, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल), एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल), और सिविल डिफेंस की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं। इस त्वरित प्रतिक्रिया ने बड़ी आपदा को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

राहत कार्य का त्वरित संचालन

शनिवार रात की अंधेरी घड़ी में, टीमें अपनी जान जोखिम में डालकर पानी में उतरीं और दीवार के सहारे मिट्टी के कट्टे लगाकर क्षतिग्रस्त हिस्से को ठीक करने की कोशिश की। यह कार्य अत्यधिक चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि रात के अंधेरे में पानी का तेज बहाव था, लेकिन टीमों ने कुशलता से इस काम को अंजाम दिया।

राहत कार्य में 200 से अधिक कर्मचारी शामिल थे, जिनमें नगर निगम, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, और सिविल डिफेंस की टीमें प्रमुख रहीं। इन कर्मचारियों ने रातभर कड़ी मेहनत की, जिससे फायसागर झील की दीवार को टूटने से बचाया जा सका। मिट्टी के कट्टे और अन्य सामग्री का उपयोग करके टीमों ने दीवार को स्थिर बनाने का प्रयास किया और रिसाव को नियंत्रित किया।

संभावित खतरा और प्रशासन की सतर्कता

फायसागर झील की दीवार के क्षतिग्रस्त होने से शहर में पानी भरने का खतरा उत्पन्न हो सकता था, खासकर उन बस्तियों में जो झील के निकट स्थित हैं। यदि पानी का रिसाव तेजी से बढ़ता, तो यह आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति पैदा कर सकता था। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की और राहत कार्य तेजी से शुरू किया।

नगर निगम और रेस्क्यू टीमों का समर्पण

अजमेर नगर निगम और रेस्क्यू टीमों की त्वरित कार्यवाही ने इस संकट की स्थिति में एक बड़ी आपदा को टालने में सफलता प्राप्त की। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें विशेष रूप से आपदा प्रबंधन के लिए प्रशिक्षित होती हैं, और उन्होंने इस स्थिति में अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। सिविल डिफेंस के कर्मचारियों ने भी इस कार्य में अहम भूमिका निभाई और उन्हें हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रखा गया था।

भविष्य की योजनाएं

घटना के बाद, प्रशासन ने स्थायी समाधान के लिए दीवार की मरम्मत और पुनर्निर्माण की योजनाओं पर काम शुरू कर दिया है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए अतिरिक्त कदम उठाए जाएं। इसके अलावा, जल प्रबंधन और दीवार की संरचनात्मक मजबूती की निगरानी को प्राथमिकता दी जा रही है।

स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया

इस आपातकालीन स्थिति के दौरान स्थानीय निवासियों ने प्रशासन और रेस्क्यू टीमों के प्रयासों की सराहना की। लोगों ने राहत की सांस ली, क्योंकि दीवार के टूटने से एक बड़ी बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती थी। हालांकि, स्थानीय लोगों ने भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचने के लिए झील और इसके आसपास के क्षेत्र में बेहतर प्रबंधन की मांग की है।

अजमेर की फायसागर झील की दीवार क्षतिग्रस्त होने के बाद नगर निगम और रेस्क्यू टीमों की त्वरित प्रतिक्रिया ने एक बड़ी आपदा को टाल दिया। प्रशासन अब दीवार की मरम्मत और पानी के उचित प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

 

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