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जोधपुर: स्वतंत्रता दिवस पर AI फेस रिकग्निशन कैमरे से सुरक्षा

जोधपुर: स्वतंत्रता दिवस पर AI फेस रिकग्निशन कैमरे से सुरक्षा

शोभना शर्मा।  राजस्थान में इस वर्ष का राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह 2025 एक नए ऐतिहासिक बदलाव का साक्षी बनने जा रहा है। पहली बार यह भव्य आयोजन जोधपुर में आयोजित हो रहा है और इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था में भी तकनीकी क्रांति देखने को मिल रही है। इस वर्ष बरकतुल्लाह स्टेडियम, जो इस समारोह का मुख्य स्थल होगा, अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित फेस रिकग्निशन कैमरों से लैस किया जा रहा है। पुलिस प्रशासन का दावा है कि यह तकनीक न केवल अपराधियों की पहचान में मदद करेगी, बल्कि आयोजन स्थल की सुरक्षा को अभेद्य बनाने में भी अहम भूमिका निभाएगी।

पुलिस कमिश्नर ओम प्रकाश ने जानकारी देते हुए बताया कि जोधपुर में यह पहली बार होगा जब किसी बड़े सार्वजनिक आयोजन में एआई तकनीक से लैस फेशियल रिकग्निशन सिस्टम लगाया जाएगा। इन कैमरों की खासियत यह है कि ये हर आने-जाने वाले व्यक्ति के चेहरे को स्कैन करके पुलिस के आपराधिक डेटाबेस से मिलान करेंगे। यदि किसी व्यक्ति का नाम या पहचान डेटाबेस में दर्ज किसी अपराधी या संदिग्ध से मेल खाता है, तो तुरंत पुलिस को अलर्ट भेजा जाएगा, जिससे मौके पर ही कार्रवाई संभव हो सकेगी।

यह तकनीक मशीन लर्निंग और एआई एल्गोरिद्म पर आधारित है, जो चेहरों की पहचान में बेहद सटीक और तेज़ है। कैमरे आयोजन स्थल के सभी प्रवेश और निकास द्वारों पर लगाए गए हैं, ताकि कोई भी संदिग्ध व्यक्ति बिना जांच के प्रवेश न कर सके। इस व्यवस्था से चेन स्नैचरों, दुर्दांत अपराधियों और अन्य संदिग्ध तत्वों को समारोह में प्रवेश करने से पहले ही रोका जा सकेगा।

सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए इस समारोह में 1500 से 2000 पुलिसकर्मियों की विशेष तैनाती की गई है। यह बल न केवल आयोजन स्थल बल्कि आसपास के इलाकों में भी सुरक्षा की निगरानी करेगा। पुलिस का कहना है कि एआई कैमरों से प्राप्त रियल-टाइम अलर्ट उनकी प्रतिक्रिया क्षमता को और अधिक तेज़ और प्रभावी बनाएगा।

बरकतुल्लाह स्टेडियम में होने वाले इस आयोजन में हजारों की संख्या में नागरिक, विशिष्ट अतिथि और अधिकारी शामिल होंगे। ऐसे में पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती सुरक्षा के साथ-साथ भीड़ प्रबंधन की भी है। एआई कैमरे इस चुनौती को काफी हद तक आसान बना देंगे, क्योंकि यह तकनीक भीड़ में भी तुरंत संदिग्ध व्यक्तियों को पहचान सकती है।

पुलिस कमिश्नर ने बताया कि इस तरह की आधुनिक तकनीक का उपयोग केवल स्वतंत्रता दिवस तक सीमित नहीं रहेगा। 15 अगस्त से इसे जोधपुर पुलिस की नियमित सुरक्षा व्यवस्था में भी शामिल किया जाएगा। इसका अर्थ है कि आने वाले समय में यह कैमरे रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, प्रमुख बाजारों और सार्वजनिक स्थलों पर भी लगाए जा सकते हैं, जिससे अपराध नियंत्रण में बड़ी सफलता मिल सकती है।

उनका मानना है कि एआई और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल सुरक्षा क्षेत्र में एक गेमचेंजर साबित हो सकता है। दुनिया के कई बड़े शहरों में यह तकनीक पहले से ही उपयोग में है और वहां अपराध दर में कमी आई है। राजस्थान पुलिस भी इस दिशा में कदम बढ़ाकर न केवल तकनीकी रूप से खुद को सक्षम बना रही है, बल्कि नागरिकों में सुरक्षा का भरोसा भी जगा रही है।

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