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कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा एक्शन मोड में , अफसरों को लगाई फटकार

कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा एक्शन मोड में , अफसरों को लगाई फटकार

शोभना शर्मा।  राजस्थान सरकार के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा शुक्रवार को कोटा में आयोजित युवा कृषक संवाद कार्यक्रम में पहुंचे, जहां उन्होंने किसानों की समस्याएं सुनीं और कृषि विभाग की कार्यप्रणाली पर असंतोष व्यक्त किया। यह कार्यक्रम राज्य के किसानों और कृषि विभाग के अधिकारियों के बीच सीधा संवाद स्थापित करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। मंत्री मीणा का यह दौरा काफी सक्रिय और निर्णायक रहा, जिसमें वे एक्शन मोड में दिखाई दिए और किसानों को योजनाओं का लाभ नहीं मिलने पर उन्होंने संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाई

योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा किसानों को

कार्यक्रम के दौरान कई किसानों ने शिकायत की कि सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उन्हें सही ढंग से नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि योजनाओं के नाम पर सिर्फ कुछ चुनिंदा लोगों को लाभ पहुंच रहा है, जबकि अधिकतर किसान अनभिज्ञ और वंचित रह जाते हैं।

मंत्री मीणा ने इन शिकायतों को गंभीरता से लिया और कहा कि अगर किसान ही सरकार की योजनाओं से वंचित रहेंगे तो ऐसी योजनाओं का क्या फायदा। उन्होंने अधिकारियों से जवाब मांगते हुए कहा कि “किसानों को सीधे लाभ पहुंचाना विभाग की पहली जिम्मेदारी है।”

अधिकारियों को दी सख्त चेतावनी

कृषि मंत्री ने कार्यक्रम के दौरान देखा कि कई योजनाओं की जानकारी किसानों तक नहीं पहुंचाई गई है। इस पर उन्होंने विभागीय अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि योजनाओं के प्रचार-प्रसार और क्रियान्वयन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि “अगर कोई अधिकारी अपने कर्तव्यों में कोताही बरतेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार किसानों की भलाई के लिए समर्पित है और उसका हर अधिकारी जवाबदेह रहेगा।”

जैविक खेती को मिलेगा बढ़ावा

कार्यक्रम में शामिल युवा किसानों ने जैविक खेती और आधुनिक तकनीकों के उपयोग को लेकर अपने विचार साझा किए। इन सुझावों को सुनकर मंत्री मीणा ने जैविक खेती को राज्य में बढ़ावा देने की बात कही।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जैविक खेती को लेकर विस्तृत कार्ययोजना तैयार करें और किसानों को इससे जुड़ी सहायता प्रदान करें। साथ ही उन्होंने कहा कि जैविक खेती से किसानों को न केवल बेहतर उत्पाद मिलेगा, बल्कि भूमि की उर्वरता भी बरकरार रहेगी।

सीधे संवाद से बढ़ेगा भरोसा

कार्यक्रम की एक बड़ी खासियत यह रही कि किसानों और कृषि अधिकारियों के बीच सीधा संवाद स्थापित हुआ। यह संवाद किसानों की समस्याएं जानने और उन्हें वास्तविक समय में समाधान प्रदान करने के लिहाज से महत्वपूर्ण रहा।

कई किसानों ने बताया कि वे तारबंदी योजना, फसल बीमा, मिट्टी परीक्षण (सॉइल टेस्टिंग), उन्नत बीज और उपकरणों की आपूर्ति में आने वाली दिक्कतों से जूझ रहे हैं। इस पर मंत्री ने सभी समस्याओं के समाधान का आश्वासन देते हुए अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।

कृषक कल्याण पोर्टल पर भी चर्चा

कृषि विभाग के अधिकारियों ने कृषक कल्याण पोर्टल के बारे में जानकारी दी, जिससे किसान ऑनलाइन माध्यम से योजनाओं का लाभ ले सकते हैं। हालांकि कई किसानों ने यह भी बताया कि उन्हें पोर्टल की जानकारी ही नहीं है या फिर पोर्टल से जुड़े तकनीकी पक्षों को समझना मुश्किल है। इस पर मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि पोर्टल को किसानों के लिए सरल और सुलभ बनाया जाए तथा पंचायत स्तर पर कैंप लगाकर किसानों को इसकी ट्रेनिंग दी जाए।

कृषि मंत्री का स्पष्ट संदेश

मंत्री मीणा ने कार्यक्रम के समापन पर कहा कि सरकार की मंशा स्पष्ट है—हर किसान तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना और आधुनिक खेती को प्रोत्साहित करना। उन्होंने कहा कि अगर विभागीय अधिकारी पूरी निष्ठा से काम करें तो राज्य के हर किसान को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे आगे बढ़कर अपनी बात रखें, सरकार पूरी मजबूती से उनके साथ खड़ी है।

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