शोभना शर्मा । ऑपरेशन सिंदूर के बाद देशभर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सख्ती बरती जा रही है। भारत सरकार ने 10 मई, 2025 (शनिवार) तक 27 एयरपोर्ट्स को अस्थायी रूप से बंद रखने का निर्णय लिया है। यह फैसला पाकिस्तान सीमा से सटे क्षेत्रों में बढ़े तनाव और संभावित खतरों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
इन प्रतिबंधों का असर देश के नागरिक हवाई यातायात पर पड़ा है। गुरुवार को 430 से अधिक फ्लाइट्स रद्द कर दी गईं, जो कुल निर्धारित उड़ानों का लगभग 3 प्रतिशत है। इससे पहले बुधवार को भी 300 फ्लाइट्स कैंसिल की गई थीं।
फ्लाइटराडर24 जैसे फ्लाइट ट्रैकिंग प्लेटफॉर्म्स के डेटा से यह स्पष्ट हुआ है कि भारत-पाकिस्तान के पश्चिमी एयरस्पेस में नागरिक विमानों की आवाजाही बहुत कम हो गई है। जम्मू-कश्मीर, गुजरात और पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में एयरस्पेस लगभग खाली है। यह एयरलाइनों द्वारा सुरक्षा के लिहाज से उठाया गया ऐहतियाती कदम है।
इन एयरपोर्ट्स को किया गया बंद:
भारत सरकार द्वारा जिन 27 एयरपोर्ट्स को बंद किया गया है, उनमें शामिल हैं: श्रीनगर, जम्मू, लेह, चंडीगढ़, अमृतसर, लुधियाना, पटियाला, बठिंडा, हलवारा, पठानकोट, भुंतर, शिमला, गग्गल, धर्मशाला, किशनगढ़, जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर, मुंद्रा, जामनगर, राजकोट, पोरबंदर, कांडला, केशोद, भुज, ग्वालियर और हिंडन। इनमें से अधिकतर एयरपोर्ट पाकिस्तान की सीमा के नजदीक हैं।एयरलाइनों की प्रतिक्रिया और यात्रियों के लिए राहत:
एयर इंडिया ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि कॉल सेंटर्स पर यात्रियों की भारी संख्या में कॉल्स आ रही हैं। एयरलाइन ने भरोसा दिलाया कि सभी प्रतिनिधि यात्रियों की सहायता में जुटे हैं, हालांकि संपर्क में थोड़ी देरी हो सकती है।एयर इंडिया ने कहा कि जो ग्राहक मौजूदा व्यवधान से प्रभावित हैं, उन्हें फुल रिफंड और वन-टाइम रीशेड्यूलिंग की सुविधा दी जा रही है। यह सुविधा 10 मई तक की बुकिंग पर मान्य होगी। एयरलाइन ने देश के सैन्य और सुरक्षा बलों को धन्यवाद देते हुए उनके समर्पण को सराहा।
इस पूरे घटनाक्रम के पीछे का मुख्य कारण ऑपरेशन सिंदूर है, जो पाकिस्तान की सीमा में आतंकवादी ठिकानों पर भारत की जवाबी कार्रवाई है। इसके बाद देशभर में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं और संवेदनशील इलाकों में हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।