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राजस्थान में प्रशासनिक फेरबदल: 62 IAS अधिकारियों के तबादले

राजस्थान में प्रशासनिक फेरबदल: 62 IAS अधिकारियों के तबादले

शोभना शर्मा।  राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली सरकार ने प्रशासनिक मोर्चे पर बड़ा फैसला लेते हुए रविवार देर रात 62 आईएएस अधिकारियों का तबादला कर दिया। कार्मिक विभाग द्वारा जारी की गई तबादला सूची में 21 अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया है। इस फेरबदल में कई ऐसे वरिष्ठ अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां दी गई हैं जो गहलोत सरकार के समय से एक ही विभाग में कार्यरत थे। इसके अलावा कई जिलों में नए कलेक्टरों की नियुक्ति भी की गई है।

गृह और वित्त विभाग में अहम बदलाव

गहलोत सरकार के समय से गृह विभाग में जमे वरिष्ठ आईएएस अधिकारी आनंद कुमार को एसीएस होम के पद से हटाकर फॉरेस्ट विभाग का अतिरिक्त मुख्य सचिव बनाया गया है। आनंद कुमार को अक्टूबर 2022 में गहलोत सरकार द्वारा गृह विभाग में लाया गया था और वर्तमान सरकार ने भी उन्हें इस पद पर बनाए रखा था, लेकिन अब उन्हें हटाकर पर्यावरण और वन विभाग की जिम्मेदारी दी गई है।

इसी तरह, आईएएस अखिल अरोड़ा, जो करीब 5 वर्षों से वित्त विभाग में कार्यरत थे, को हटाकर जलदाय विभाग का एसीएस बनाया गया है। वित्त विभाग में यह एक महत्वपूर्ण बदलाव माना जा रहा है क्योंकि अरोड़ा लंबे समय से इस पद पर थे और कई बड़ी नीतिगत जिम्मेदारियों का हिस्सा रहे हैं।

प्रमुख सचिव स्तर पर बदलाव

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रमुख सचिव रहे कुलदीप रांका को सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग से हटाकर उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग का एसीएस नियुक्त किया गया है। वहीं अपर्णा अरोड़ा को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में एसीएस नियुक्त किया गया है।

अमिताभ शर्मा, जिन्होंने हाल ही में राइजिंग राजस्थान सम्मेलन का सफल आयोजन किया, उन्हें प्रमोट कर ऊर्जा विभाग का प्रमुख सचिव बनाया गया है। वहीं, देवाशीष पृष्टि को शहरी विकास और आवास विभाग (UDH) का प्रमुख सचिव नियुक्त किया गया है।

माध्यमिक और सामाजिक शिक्षा विभाग में फेरबदल

आशीष मोदी, जो पहले माध्यमिक शिक्षा निदेशक थे, उन्हें अब सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में निदेशक बनाया गया है। जबकि डॉ. भारती दीक्षित को वित्त विभाग में संयुक्त शासन सचिव की नई जिम्मेदारी सौंपी गई है।

संभागीय आयुक्त स्तर पर बदलाव

राज्य सरकार ने कुछ महत्वपूर्ण संभागों में संभागीय आयुक्तों की भी नियुक्ति की है। ये वे अधिकारी हैं जो प्रशासनिक व्यवस्था की रीढ़ माने जाते हैं:

  • डॉ. टीना सोनी – संभागीय आयुक्त, भरतपुर

  • विश्राम मीणा – संभागीय आयुक्त, बीकानेर

  • कन्हैया लाल स्वामी – आयुक्त, टीएडी विभाग, उदयपुर

  • शक्ति सिंह राठौड़ – संभागीय आयुक्त, अजमेर

इन अधिकारियों की नियुक्ति से इन संभागों में प्रशासनिक कार्यप्रणाली में नई गति आने की संभावना है।

नए जिलों को मिले नए कलेक्टर

राज्य सरकार ने कई जिलों में कलेक्टर व जिला मजिस्ट्रेट के पदों पर नए अधिकारियों की नियुक्ति की है। यह फेरबदल उन जिलों में किया गया है जहां या तो प्रशासनिक चुनौती अधिक है या लंबे समय से अधिकारी तैनात थे:

  • काना राम (2013 बैच) – सवाई माधोपुर

  • कल्पना अग्रवाल (2013) – टोंक

  • कमर उल जमान चौधरी (2014) – भरतपुर

  • पीयूष समरिया (2014) – कोटा

  • प्रियंका गोस्वामी (2014) – कोटपूतली-बहरोड़

  • डॉ. खुशाल यादव (2015) – हनुमानगढ़

  • अरुण कुमार हसीजा (2015) – राजसमंद

  • कमल राम मीणा (2015) – ब्यावर

  • श्वेता (2017) – फलौदी

  • महेंद्र खड़गावत (2017) – डीडवाना-कुचामन

इन कलेक्टरों की नियुक्ति से जिलों में नीति क्रियान्वयन और प्रशासनिक संचालन में तेजी आने की उम्मीद है।

राजनीतिक और प्रशासनिक संकेत

इस फेरबदल को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की प्रशासनिक पकड़ मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। गहलोत सरकार के समय से जमे हुए अधिकारियों को बदलना एक स्पष्ट संकेत है कि सरकार अब अपनी प्राथमिकताओं के अनुरूप प्रशासनिक ढांचा खड़ा करना चाहती है।

वहीं, इस फेरबदल में कुछ ऐसे अधिकारियों को भी दोबारा जिम्मेदारी दी गई है जिन्होंने पिछली सरकारों में बेहतर प्रशासनिक छवि बनाई थी।

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