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अजमेर में एडीए ने तोड़ा अवैध निर्माण: बिना नोटिस कार्रवाई पर विवाद

अजमेर में एडीए ने तोड़ा अवैध निर्माण: बिना नोटिस कार्रवाई पर विवाद

मनीषा शर्मा। अजमेर विकास प्राधिकरण (एडीए) ने गुरुवार को आनासागर झील के किनारे एक अवैध निर्माण को गिराने की कार्रवाई की। प्राधिकरण के दल ने जेसीबी की मदद से इस निर्माण को हटाया। इस कार्रवाई को अवैध कब्जा बताते हुए 1200 गज जमीन में से 103 गज के अतिरिक्त हिस्से को हटाया गया।

पीड़ित ने कार्रवाई पर उठाए सवाल

पीड़ित हीरालाल डिडवानिया का कहना है कि यह निर्माण 1987 से बना हुआ था। उन्होंने आरोप लगाया कि एडीए ने पहले इसे सीज किया और बिना किसी नोटिस के कार्रवाई कर दी। डिडवानिया ने कहा कि उनके पास 1097 गज जमीन का पट्टा है, लेकिन अधिक जमीन पर किए गए निर्माण को अवैध बताते हुए हटाया गया।

कार्रवाई के दौरान एडीए तहसीलदार सुनीता चौधरी, जेईएन मनोज कुमार, और गिरदावर संजीव गुप्ता सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

विधायक ने जताई नाराजगी

अजमेर दक्षिण की विधायक अनिता भदेल ने इस तरह की कार्यवाही पर कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने इसे अधिकारियों की मनमानी करार दिया।

विधायक भदेल ने आरोप लगाया कि प्राधिकरण के उत्तर जोन उपायुक्त भरत गुर्जर भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। उन्होंने कहा कि, “परमीशन और फ्री होल्ड पट्टा होने के बावजूद निर्माण को सीज किया गया। ना तो नोटिस दिया गया और ना ही दस्तावेज चेक किए गए। यह अधिकारी जनता को परेशान कर रहे हैं।”

उपायुक्त का जोन बदला गया

विधायक भदेल की शिकायत के बाद, अजमेर विकास प्राधिकरण आयुक्त नित्या के. ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उत्तर जोन के उपायुक्त भरतराज गुर्जर का स्थानांतरण कर दिया। उन्हें किशनगढ़ जोन भेजा गया है। सूर्यकांत शर्मा को अब उत्तर जोन का नया उपायुक्त बनाया गया है।

पहले भी हुई विवादित कार्रवाई

इससे पहले भी एडीए ने आनासागर किनारे एक गैस गोदाम को सीज किया था। उस मामले में भी स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने आपत्ति जताई थी। विधायक भदेल ने कहा था कि स्वीकृत दस्तावेजों और फ्री होल्ड पट्टा के बावजूद सीज करना गलत है।

एडीए की सफाई

अजमेर विकास प्राधिकरण ने अपनी सफाई में कहा कि यह कार्रवाई सार्वजनिक स्थान पर अतिक्रमण और अवैध निर्माण के खिलाफ की गई है। अधिकारियों के अनुसार, यह हिस्सा अनुमत क्षेत्र से बाहर था, इसलिए इसे हटाया गया।

विवाद और जांच की मांग

इस घटना के बाद स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों ने प्राधिकरण की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं। विधायक भदेल ने कहा कि वह इस मामले को राज्य सरकार के समक्ष उठाएंगी और न्याय सुनिश्चित करेंगी।

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