मनीषा शर्मा। राजस्थान के भरतपुर जिले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। नदबई तहसीलदार विनोद मीणा को एसीबी की टीम ने 80 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई एसीबी धौलपुर इकाई की टीम ने की। तहसीलदार पर आरोप है कि उसने जमीन के नामांतरण (म्यूटेशन) खोलने के एवज में एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी।
शिकायत के बाद हुई ACB की कार्रवाई
मामला तब सामने आया जब एक परिवादी ने एसीबी में शिकायत दर्ज कराई। शिकायतकर्ता ने बताया कि वह कई दिनों से अपने काम के लिए तहसीलदार के चक्कर लगा रहा था, लेकिन काम पूरा नहीं हो रहा था। जब उसने तहसीलदार से इसका कारण पूछा, तो तहसीलदार ने स्पष्ट तौर पर कहा कि दाखिला खोलने के लिए उसे एक लाख रुपए की रकम देनी होगी। इस पर परेशान होकर शिकायतकर्ता ने एसीबी से संपर्क किया।
एसीबी धौलपुर के एडिशनल एसपी अमित सिंह ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जांच कराई। प्रारंभिक जांच में आरोप सही पाए गए। इसके बाद तहसीलदार को ट्रैप करने की योजना बनाई गई।
रंगे हाथ पकड़ा गया तहसीलदार
योजना के तहत परिवादी और तहसीलदार के बीच बातचीत कराई गई और सौदा 80 हजार रुपए में तय हुआ। एसीबी ने परिवादी को केमिकल लगे नोट उपलब्ध कराए। जैसे ही परिवादी ने नदबई तहसीलदार विनोद मीणा को 80 हजार रुपए सौंपे, एसीबी की टीम ने मौके पर छापा मार दिया। कार्रवाई इतनी तेज थी कि तहसीलदार को संभलने का मौका तक नहीं मिला। उसे उसके सरकारी निवास से गिरफ्तार किया गया।
एसीबी अधिकारियों के मुताबिक, रिश्वत की राशि तहसीलदार के पास से बरामद की गई। केमिकल टेस्ट से भी यह पुष्टि हुई कि नोट उसी ने लिए थे। गिरफ्तारी के बाद तहसीलदार को हिरासत में लेकर आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू की गई है।
भरतपुर और डीग में लगातार कार्रवाई
भरतपुर जिले में यह एसीबी की 12 घंटे के भीतर दूसरी बड़ी कार्रवाई है। इससे पहले 19 सितंबर की शाम को डीग उपखंड क्षेत्र में एसीबी ने बड़ी सफलता हासिल की थी। वहां डीग के उपखंड अधिकारी (एसडीएम) देवी सिंह और उनके रीडर मुकेश कुमार को 80 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था। यह कार्रवाई भी धौलपुर इकाई की टीम ने मुख्यालय के निर्देश पर की थी।
डीग में पकड़े गए एसडीएम और रीडर पर भी एक मामले को निपटाने के बदले रिश्वत लेने का आरोप लगा था। लगातार हो रही इन कार्रवाइयों ने प्रशासनिक और राजस्व विभाग में हड़कंप मचा दिया है।
अधिकारियों में हड़कंप
भरतपुर और डीग की घटनाओं ने साबित कर दिया है कि एसीबी अब भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है। राजस्व विभाग और प्रशासनिक सेवाओं में कार्यरत अधिकारियों में डर का माहौल साफ दिखाई दे रहा है। तहसीलदार और एसडीएम जैसे उच्च पदस्थ अधिकारियों का रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा जाना आमजन में चर्चा का विषय बन गया है।
जनता का मानना है कि इस तरह की कार्रवाइयों से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा और सरकारी दफ्तरों में होने वाली मनमानी पर लगाम कसेगी। वहीं, कई लोग इसे सरकार और एसीबी की सख्ती का नतीजा बता रहे हैं।
नदबई तहसीलदार के खिलाफ आगे की कार्रवाई
एसीबी अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि तहसीलदार विनोद मीणा के खिलाफ सभी सबूत इकट्ठे कर लिए गए हैं। रिश्वत की राशि, ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग और परिवादी के बयान के आधार पर केस को मजबूत बनाया जा रहा है। जल्द ही अदालत में चार्जशीट दाखिल की जाएगी।