मनीषा शर्मा। जोधपुर स्थित जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय में सोमवार को उस समय हंगामा खड़ा हो गया जब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की जोधपुर प्रांत मंत्री पूनम भाटी को परीक्षा में नकल करते हुए पकड़ लिया गया। यह घटना M.A. हिंदी सेकेंड सेमेस्टर की सुबह 7 से 10 बजे वाली पारी में हुई। परीक्षा केंद्र पर जांच के दौरान डिप्टी सुपरिटेंडेंट राजश्री राणावत ने अचानक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने पूनम भाटी को मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर नकल करते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। मौके पर ही उनकी कॉपी बदल दी गई और नकल प्रकरण का मामला दर्ज कर लिया गया।
ABVP पदाधिकारियों की दखलअंदाजी
घटना की खबर फैलते ही ABVP के अन्य पदाधिकारी सक्रिय हो गए और मामले को रफा-दफा करने की कोशिश करने लगे। बताया जा रहा है कि संगठन के कई सदस्य परीक्षा केंद्र पर पहुंचे और विश्वविद्यालय प्रशासन से मामले को दबाने के लिए दबाव बनाने लगे। पूनम भाटी, जिन्हें इसी साल जनवरी में ABVP का प्रांत मंत्री बनाया गया था, इस घटना के बाद पार्टी और संगठन की साख पर सवाल उठने लगे हैं।
यूनिवर्सिटी प्रशासन पर भी सवाल
मामले के सामने आने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन के रवैये पर भी उंगलियां उठ रही हैं। मीडिया ने जब न्यू कैंपस केंद्र की इंचार्ज डॉक्टर सुशीला शक्तावत से बात करनी चाही तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। वहीं, पूनम भाटी से भी बार-बार संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। इससे साफ संकेत मिलते हैं कि प्रशासन मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है, ताकि विश्वविद्यालय और छात्र संगठनों की छवि खराब न हो।
पूनम भाटी का बैकग्राउंड
पूनम कंवर भाटी, मूल रूप से जैसलमेर जिले के झिनझिनयाली ग्राम की निवासी हैं। वह लंबे समय से छात्र राजनीति में सक्रिय रही हैं। गौरतलब है कि वर्ष 2024 में उन्होंने NSS (नेशनल सर्विस स्कीम) के माध्यम से गणतंत्र दिवस पर 26 जनवरी को दिल्ली में कर्तव्य पथ पर आयोजित राष्ट्रीय परेड में राजस्थान का प्रतिनिधित्व भी किया था। उनकी इस उपलब्धि के बाद उन्हें छात्र संगठनों में एक उभरते हुए चेहरे के रूप में देखा जाने लगा था। लेकिन मौजूदा विवाद ने उनकी छवि पर गहरा धब्बा लगा दिया है।
NSUI की कड़ी प्रतिक्रिया
घटना के सामने आते ही NSUI (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। NSUI जिला अध्यक्ष बबलू सोलंकी ने कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि छात्र संगठन का एक वरिष्ठ पदाधिकारी खुद नकल करते पकड़ा गया। उन्होंने पूनम भाटी को तुरंत पद से हटाने की मांग की। वहीं, राष्ट्रीय प्रवक्ता पारस गुर्जर ने भी कहा कि ABVP को अपनी प्रांत मंत्री को तुरंत पद मुक्त करना चाहिए, क्योंकि यह न केवल संगठन बल्कि छात्र राजनीति की गरिमा को भी ठेस पहुंचाता है।
छात्र राजनीति पर असर
यह मामला न केवल ABVP बल्कि संपूर्ण छात्र राजनीति की साख को भी प्रभावित कर सकता है। छात्र संगठनों के प्रतिनिधियों से जहां शिक्षा, नैतिकता और अनुशासन की उम्मीद की जाती है, वहीं नकल जैसे प्रकरण से उनकी विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लग जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस मामले पर कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो यह भविष्य में छात्र संगठनों के प्रति छात्रों के विश्वास को डगमगा सकता है।